बिलासपुर: कोरोना काल ने हमारी जीवनशैली में कई बदलाव किए हैं. लोग अब फिटनेस की तरफ गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं. खुद को कोरोना की चपेट में आने से बचाने के लिए कसरत और योगा का लोग सहारा ले रहे हैं. फिटनेस के साथ अब खानपान में भी सतर्कता बरती जा रही है. वेजिटेरियन और नॉनवेजिटेरियन दोनों ही सेहतमंद खाने की तरफ रूख कर रहे हैं. अब आप वेज ले या नॉनवेज जरूरी है कि भोजन संतुलित होना चाहिए जिसमें सभी प्रकार के प्रोटीन और मिनरल्स शामिल हो.
ETV भारत ने कोरोना से लोगों के जीवन में हो रहे बदलाव के बारे में आपको कई जानकारियां दी है. बिलासपुर में लोग इस समय साइकलिंग और योगा रेगुलर कर रहें हैं. जब लोगों से उनके आहार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि च्वॉइस जो भी हो, लेकिन खाना उनके पसंद का होना चाहिए और शरीर के लिए फायदेमंद होना चाहिए. इम्युनिटी बढ़ाने को लेकर शाकाहार भोजन के अपने फायदे हैं.
शाकाहार भोजन के फायदे
- शाकाहार भोजन का पाचन जल्द होता है और यह मस्तिष्क को सचेत बनाने में सहायक होता है. इसके विपरीत मांसाहार में पाचन अवधि अधिक होती है.
- शाकाहार भोजन में फाइबर की मात्रा अधिक मिलती है, जो भोजन पचाने में सहायक होता है.
- शाकाहार के माध्यम से प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट, अमीनो एसिड जैसे तत्व भी मिलते हैं, जो कैंसर जैसी घातक बीमारियों में सहायक होते हैं.
- संतुलित शाकाहार में सही मात्रा में कैलोरीज भी मिलती है.
- शाकाहार वजन कम करने में सहायक होता है.
- शाकाहार रक्तचाप नियंत्रण में भी मददगार है.
संतुलित होना चाहिए आहार
विशेषज्ञ चिकित्सक बताते हैं कि शाकाहार या मांसाहार भोजन की अलग-अलग पद्धतियों के रूप में देखना चाहिए. मांसाहार में शाकाहार के अपेक्षा प्रोटीन का स्तर जरूर अधिक रहता है, इसलिए शाकाहार भोजन अधिक संतुलित हो यह जरूरी है. संतुलित आहार लेने के बाद शरीर में कोई कमी नहीं रह जाती है. शाकाहारियों को दाल,दूध के माध्यम से प्रोटीन की जरूरत पूरी करनी चाहिए. लोगों को अपने भोजन में प्रोटीन,वसा,कार्बोहाइड्रेट,विटामिन एंटीऑक्सीडेंट,मिनिरल्स की कमी नहीं होने देना चाहिए. मांसाहार में कोलेस्ट्रॉल की अधिकता होती है और मांसाहार एक खास तरह के कैंसर को प्रेरित करता है. ऐसा शोध में पाया गया है,इसलिए मांसाहार की अधिकता घातक है.
कोरोना काल ने सबको खानपान को लेकर काफी सचेत किया है और दैनिक जिंदगी में हमारा आहार किस तरह का हो यह सीख भी दी है. जरूरत है कि हम शरीर को संतुलित आहार देकर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को इस प्रकार विकसित करें कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का दुष्प्रभाव हमारे ऊपर कम पड़े.