सरगुज़ा : आदिवासी अंचल सरगुज़ा के छोटे -छोटे गांव में स्थित प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (Community Health Center Surguja) तक गैर संक्रमित रोग का इलाज शुरू करना एक चुनौती है. जिसके लिए अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यशाला का आयोजन किया गया. बड़ी बात ये है कि इस कार्यशाला में हॉवर्ड मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर्स ने हिस्सा लिया. जिन्होंने स्थानीय स्टाफ को ट्रेनिंग दी.
गैर संक्रामक रोगों से बचाव जरूरी : गैर संक्रामक रोग (Treatment of non contagious diseases in Surguja) जैसे हार्ट की बीमारी, शुगर, सिकलसेल, ब्लड प्रेशर, मनोरोग जैसी बीमारियों में बीते दिनों में इजाफा देखा जा रहा है. मिर्गी रोग भी इसी कड़ी में शामिल है जबकि इन बीमारियों इलाज सरलता से किया जा सकता है. सबसे महत्वपूर्ण ये है कि सावधानियां रखने पर इन बीमारियों से बचने के साथ इनके प्रभाव को कम किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में पहली बार शुरू हुआ पीएचसी में सिकलसेल का इलाज
विश्व स्तरीय टीम ने दिए टिप्स : इस संबंध में विश्व स्तर की चिकित्सा पद्धति को साझा करने हावर्ड के डॉक्टरों की टीम अंबिकापुर में थी. हॉवर्ड से आये अतिथि डॉ नील गुप्ता और डॉ योगेश ने बताया कि सरगुज़ा अंचल के गांव में रहने वाले लोगों तक गैर संक्रामक रोगों का इलाज पहुंचे. इस उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया है. इसमें ट्रेनिंग लेने वाले डॉक्टर ट्रेनर बन जायेंगे और फिर वो पीएचसी लेबल तक ग्रामीण डॉक्टरों को प्रशिक्षित करेंगे.