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SPECIAL: गरीबी बनी अभिशाप, पिता का कर्ज चुकाने खेत में काम कर रही कुश्ती की इंटरनेशनल प्लेयर

सरगुजा की इंटरनेशनल प्लेयर अपने पिता का कर्ज चुकाने के लिए दिनरात खेत में काम कर रही है. कुश्ती की इंटरनेशनल प्लेयर नेहा कुजूर के पिता ने उसे टूर्नामेंट में विदेश भेजने के लिए कर्ज लिया था, जिसे चुकाने का काम नेहा खुद कर रही है.

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खेत में रोपा लगाती नेहा
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Published : Aug 7, 2020, 9:43 AM IST

Updated : Aug 7, 2020, 2:35 PM IST

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों का हाल शायद ही किसी से छिपा होगा. मैदान में दिनरात मेहनत के बाद भी खिलाड़ी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. ऐसे ही सुविधाओं के अभाव में बतौली विकासखंड की इंटरनेशनल प्लेयर नेहा कुजूर खेत में काम करने को मजबूर हैं. दरअसल नेहा के घरवालों ने उसे प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए विदेश भेजा था, आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उन्होंने अपना खेत गिरवी रख दिया था. अब इस कर्ज को चुकाने के लिए नेहा खेतों में मेहनत कर रही है, ताकि धान बेचकर अपने पिता का कर्ज चुका सके.

कर्ज चुकाने के लिए खेत में काम कर रही इंटरनेशनल प्लेयर

पढ़ें-EXCLUSIVE: लॉकडाउन में धड़ल्ले से अवैध वसूली !, SDM का कॉल सुन कर्मचारियों की बोलती बंद

कुश्ती की इंटरनेशनल और तीरंदाज की नेशनल प्लेयर सरगुजा जिले के बतौली विकासखण्ड के ग्राम कछारडीह की बेटी नेहा कुजूर इन दिनों अपने माता-पिता के साथ खेत में धान की रोपाई का काम कर रही है. इंटरनेशनल लेवल की होनहार खिलाड़ी और माटी पुत्र किसान की बेटी नेहा कुजूर खेतों में इसलिए काम कर रही है, ताकि विदेश में खेल प्रतियोगिता में उसके शामिल होने के लिए माता-पिता का खेत गिरवी रखकर लिया गया कर्ज धान बेचकर चुका सके और अगले साल खुद के लिए खेती कर सकें.

पिता ने रख दिया था खेत गिरवी

पेशे से कोटवार नेहा के पिता की इतनी आमदनी नहीं है कि वे उसे विदेश भेज पाते, जब 2019 में नेहा का इंटरनेशनल प्रतियोगिता में चयन हुआ, तब उसे थाईलैंड जाना था. बेटी को विदेश भेजने के लिए पिता ने महज 30 हजार रुपए में अपना खेत गिरवी रख दिया, लेकिन उनकी ये इच्छा भी पूरी नहीं हो सकी. पासपोर्ट बनाकर नेहा दिल्ली तक तो पहुंची, लेकिन नाबालिग होने की वजह से उसे अकेले विदेश नहीं जाने दिया गया. नेहा खेल के क्षेत्र में कई नेशनल और इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं का हिस्सा बन चुकी है. नेपाल सहित कुश्ती के लिए कई देशों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है.

खेत में कर रही मेहनत

नेहा पिता के लिए कर्ज को जल्द उतारना चाहती है. वह कहती है कि गिरवी खेत वह जल्द छुड़ाना चाहती है, इसलिए वे खेत में रोपा लगा रही है, ताकि फसल अच्छी होने पर जल्द से जल्द कर्ज की रकम चुकाकर अपनी पिता का बोझ हल्का कर सके. नेहा के पिता विदेश्वर कुजूर अपनी बेटी को इंटरनेशनल लेवल पर खेलता देखना चाहते हैं. नेहा न सिर्फ खेत में उनकी मदद कर रही हैं बल्कि बाकी समय में भी वह कुछ न कुछ करती रहती है, ताकि पिता की आर्थिक तौर पर मदद कर सके.

अब देखना यह होगा कि कुश्ती की इंटरनेशनल और तीरंदाज की नेशनल खिलाड़ी नेहा कुजूर के माता-पिता के लिए गए कर्ज को चुकाने में मदद करने के लिए कौन-कौन सामने आता है.

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों का हाल शायद ही किसी से छिपा होगा. मैदान में दिनरात मेहनत के बाद भी खिलाड़ी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. ऐसे ही सुविधाओं के अभाव में बतौली विकासखंड की इंटरनेशनल प्लेयर नेहा कुजूर खेत में काम करने को मजबूर हैं. दरअसल नेहा के घरवालों ने उसे प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए विदेश भेजा था, आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उन्होंने अपना खेत गिरवी रख दिया था. अब इस कर्ज को चुकाने के लिए नेहा खेतों में मेहनत कर रही है, ताकि धान बेचकर अपने पिता का कर्ज चुका सके.

कर्ज चुकाने के लिए खेत में काम कर रही इंटरनेशनल प्लेयर

पढ़ें-EXCLUSIVE: लॉकडाउन में धड़ल्ले से अवैध वसूली !, SDM का कॉल सुन कर्मचारियों की बोलती बंद

कुश्ती की इंटरनेशनल और तीरंदाज की नेशनल प्लेयर सरगुजा जिले के बतौली विकासखण्ड के ग्राम कछारडीह की बेटी नेहा कुजूर इन दिनों अपने माता-पिता के साथ खेत में धान की रोपाई का काम कर रही है. इंटरनेशनल लेवल की होनहार खिलाड़ी और माटी पुत्र किसान की बेटी नेहा कुजूर खेतों में इसलिए काम कर रही है, ताकि विदेश में खेल प्रतियोगिता में उसके शामिल होने के लिए माता-पिता का खेत गिरवी रखकर लिया गया कर्ज धान बेचकर चुका सके और अगले साल खुद के लिए खेती कर सकें.

पिता ने रख दिया था खेत गिरवी

पेशे से कोटवार नेहा के पिता की इतनी आमदनी नहीं है कि वे उसे विदेश भेज पाते, जब 2019 में नेहा का इंटरनेशनल प्रतियोगिता में चयन हुआ, तब उसे थाईलैंड जाना था. बेटी को विदेश भेजने के लिए पिता ने महज 30 हजार रुपए में अपना खेत गिरवी रख दिया, लेकिन उनकी ये इच्छा भी पूरी नहीं हो सकी. पासपोर्ट बनाकर नेहा दिल्ली तक तो पहुंची, लेकिन नाबालिग होने की वजह से उसे अकेले विदेश नहीं जाने दिया गया. नेहा खेल के क्षेत्र में कई नेशनल और इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं का हिस्सा बन चुकी है. नेपाल सहित कुश्ती के लिए कई देशों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है.

खेत में कर रही मेहनत

नेहा पिता के लिए कर्ज को जल्द उतारना चाहती है. वह कहती है कि गिरवी खेत वह जल्द छुड़ाना चाहती है, इसलिए वे खेत में रोपा लगा रही है, ताकि फसल अच्छी होने पर जल्द से जल्द कर्ज की रकम चुकाकर अपनी पिता का बोझ हल्का कर सके. नेहा के पिता विदेश्वर कुजूर अपनी बेटी को इंटरनेशनल लेवल पर खेलता देखना चाहते हैं. नेहा न सिर्फ खेत में उनकी मदद कर रही हैं बल्कि बाकी समय में भी वह कुछ न कुछ करती रहती है, ताकि पिता की आर्थिक तौर पर मदद कर सके.

अब देखना यह होगा कि कुश्ती की इंटरनेशनल और तीरंदाज की नेशनल खिलाड़ी नेहा कुजूर के माता-पिता के लिए गए कर्ज को चुकाने में मदद करने के लिए कौन-कौन सामने आता है.

Last Updated : Aug 7, 2020, 2:35 PM IST
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