सरगुजा : पशु तस्करों के हौसले इतने बुलंद है कि अब वे जिला के आला अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर कर दस्तावेज (forged documents) तैयार कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आने के बाद कलेक्टर सरगुजा ने पशु व्यवसायियों के पंजीयन को निरस्त करने के साथ ही एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. सरगुजा संभाग में आए दिन मवेशियों की अवैध तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं. तस्कर जंगल के रास्ते वाहनों में भरकर मवेशियों को बूचड़खाने ले जाते है. कुछ दिनों पहले भी बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर थाना क्षेत्र में समाज सेवी संगठन ने अवैध रूप से हो रही पशु तस्करी के मामले का खुलासा किया था. इस मामले में मवेशियों को बूचड़खाने ले जा रहे दो लोगों की गिरफ्तारी हुई थी.
27 मवेशियों की हुई थी बरामदगी: इस दौरान वाहनों में क्रूरतापूर्वक भरे गए 27 मवेशियों को बरामद किया गया था. वाहन सवार मवेशी तस्कर मायापुर महामाया रोड निवासी रैयुफ कुरैशी और कलीम कुरैशी को पुलिस के सुपुर्द किया गया था. इस दौरान जो बात सामने आई थी वो काफी चौंकाने वाली थी. आरोपियों ने सरगुजा कलेक्टर के नाम से फर्जी हस्ताक्षर और मुहर का उपयोग पशु तस्करी के लिए किया था.
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कलेक्टर ने मामले में लिया संज्ञान: कलेक्टर के आदेश से पशु तस्करी के मामले ने सोशल मीडिया में जोर पकड़ा था. जिसके बाद कलेक्टर संजीव कुमार झा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उप संचालक पशु चिकित्सा को जांच के आदेश दिए थे. जांच में पाया गया कि इन व्यापारियों को परिवहन के कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं . इसके बावजूद भी व्यापारी कलेक्टर के जाली दस्तखत से मवेशियों का अवैध रूप से परिवहन कर रहे थे. सरगुजा कलेक्टर के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से इन दोनों ही व्यापारियों का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है. साथ ही इन पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए अंबिकापुर कोतवाली थाना प्रभारी को भी पत्र लिखा गया है.