सरगुजा : कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए शहर की सफाई व्यवस्था सबसे महत्वपूर्ण है. कोरोना से जंग के लिए वार्डों में साफ सफाई के साथ ही कचरे का कलेक्शन निरंतर जारी भी है, लेकिन अब सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.
शहर में कचरे का कलेक्शन स्वच्छता दीदियों पर निर्भर है. लेकिन अब कचरा कलेक्शन करने वाली दीदियों का शहर में आना मुश्किल हो चुका है. इन महिलाओं के अपने गांव से निकलने पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में वे चाहकर भी ड्यूटी पर नहीं आ पा रही हैं. इस समस्या के बाद महापौर की ओर से ऑटो, टिप्पर की व्यवस्था की गई है, जो अब शहर में जाकर लोगों के घरों से कचरा कलेक्शन करेगा.
सफाईकर्मियों से बढ़ सकता है इंफेक्शन
शहर के 48 वार्डों में कचरा कलेक्शन का काम लगभग साढ़े चार सौ स्वच्छता दीदियों की ओर से किया जाता है. वर्तमान में कोरोना के खतरे के बीच भी डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का काम जारी है. लेकिन अब बढ़ते खतरे के बीच कचरा कलेक्शन का काम भी मुश्किल में पड़ता नजर आ रहा है. दरअसल स्वच्छता दीदियों में से लगभग 100 महिलाएं जो आस-पास के गांव से आती हैं. लॉक डाउन के बीच इन महिलाओं को ड्यूटी पर आने के लिए साधन नहीं मिल रहे हैं, तो वहीं अब गांव में भी इन महिलाओं पर सख्ती शुरू हो गई है. ग्रामीणों का मानना है कि ये महिलाएं शहर में जाएंगी, तो काम के दौरान इंफेक्शन लेकर गांव में आ सकती हैं. इस लिए बड़ी संख्या में महिलाओं को काम पर जाने से ग्रामीणों ने रोक लगा दी है.
महापौर ने मास्क लगाकर काम करने का दिया निर्देश
महापौर डॉ. अजय तिर्की ने कहा है कि सफाई व्यवस्था बिना किसी रुकावट के जारी है और हमारा प्रयास लोगों की सुरक्षा करना है. लोग अपने घरों में सुरक्षित रहें और जब भी ये ऑटो टिप्पर मोहल्ले में पहुंचे सभी बारी-बारी गीला और सूखा कचरा अलग अलग कर उन्हें आटो, टिप्पर में डाल दें. कचरा देते समय भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. इसके साथ ही अभी ज्यादातर घरों में मास्क का प्रयोग हो रहा है. इस लिए लोग उन मास्क को कागज में लपेटकर लाल रंग से निशान लगा दें जिससे सफाई करने वाली दीदियों की भी सुरक्षा हो सके और किसी भी प्रकार की बीमारी को फैलने से रोका जा सके.