सरगुजा: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की शुरुआत हो गई है. इस युद्ध के बीच सरगुजा अंचल के 22 मेडिकल स्टूडेंट्स यूक्रेन में फंस (medical students of Surguja stranded in Ukraine ) गए हैं. सप्ताह भर से युद्ध की आशंका में परिजन भारत सरकार से मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन सरकार चुनाव में व्यस्त रही. इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया. अब जब युद्ध छिड़ गया तो फ्लाइट भी कैंसिल हो चुकी है.
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यूक्रेन पर हमले के बाद दहशत में छात्र (Russia Ukraine War)
नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुसमी से एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए दो छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. ये भी जानकारी सामने आ रही है कि फंसे हुए छात्रों में सरगुजा से 4 और जशपुर जिले से 16, बलरामपुर के दो छात्र शामिल हैं. युद्ध शुरू होते ही छात्र दहशत में हैं. छात्रों के परिजनों की चिंता भी बढ़ गई है. हालांकि प्रशासन भी अपनी ओर से बच्चों को वापस लाने लगातार प्रयास कर रहा है और बच्चों की प्लेन की टिकट भी कराई जा चुकी है. फ्लाइट कैंसिल होने के बाद अब ये छात्र कब तक अपने देश लौट पाएंगे, इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है.
बलरामपुर के दो छात्र यूक्रेन में फंसे (Two students of Balrampur trapped in Ukraine)
बलरामपुर के सामरी निवासी सुभाशीष मिश्रा व रविकांत मैत्री भी यूक्रेन के टरनोल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. युद्ध के हालात बनने पर उनके परिजन ने प्रशासन व शासन से मदद की गुहार लगाते हुए समय रहते उन्हें भारत वापस लाने की गुहार लगाई है. छात्रों ने कलेक्टर से मदद मांगी थी. कलेक्टर कुंदन कुमार ने अपर कलेक्टर मिथलेश पैंकरा, एसडीएम अजय किशोर लकड़ा और आरएमएसए के एपीसी ओम प्रकाश गुप्ता को यूक्रेन में फंसे छात्रों और परिजन से संपर्क बनाए रखने की ड्यूटी लगाई है.
रूस यूक्रेन संकट (Russia Ukraine Crisis News)
यूक्रेन पर रूस के हमले की संभावनाओं के बीच आखिरकार गुरुवार को यूक्रेन पर हमला हो ही गया. इस युद्ध के बीच सामरी के छात्र भी फंस गए हैं. एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे बच्चों के परिजन ने बताया कि सुबह जब बच्चे सो रहे थे तो लगभग 5 बजे अचानक ही धमाके हुए. इन धमाकों से उनका इलाका हिल गया और इस हमले के बाद बच्चे दहशत में आ गए हैं. बच्चों के परिजनों ने उन्हें सूखा राशन जमा कर हॉस्टल में रखने के साथ ही अपने वीजा पासपोर्ट साथ रखने की समझाइश दी है.
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टिकट मिली तो फ्लाइट कैंसिल
यूक्रेन में फंसे छात्रों से समन्वय स्थापित करने वाले आरएमएसए के एपीसी ने बताया कि 'सुभाशीष मिश्रा का टिकिट 27 फरवरी और रविकांत मैत्री का टिकिट 3 मार्च के लिए कराया गया था. लेकिन अब हवाई सेवा बंद हो गई है. ऐसे में इन बच्चों का वापस आना फिलहाल संभव नहीं है.
'चुनाव को सरकार ने दिया महत्व'
यूक्रेन में फंसे छात्र सुभाशीष मिश्रा के पिता परमेश्वर मिश्रा हमले के बाद दहशत में हैं. उन्होंने कहा कि 'बच्चों को वापस लाने के लिए हम लगातार मदद की गुहार लगाते रहे. किसी तरह बच्चों ने उधार लेकर अपनी टिकट कराई लेकिन अब कोई फायदा नहीं है. यदि समय रहते सरकार व विदेश मंत्रालय ने पहल की होती तो उनके बच्चे आज घर में होते. विदेश मंत्रालय के हेल्पलाइन नम्बर पर भी बात करने पर कोई आश्वासन नहीं मिला. सरकार रेस्क्यू संभव नहीं होने की बात कह रही है. लेकिन सामान्य हालात में तो बच्चे वापस लौट सकते थे. सरकार इसके लिए जिम्मेदार है. सरकार ने बच्चों को वापस लाने से ज्यादा यूपी और उत्तराखंड चुनाव को महत्व दिया. बच्चों के पास दूसरा वीजा नहीं है कि वे भागकर पोलैंड या अन्य किसी देश चले जाएं'.
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सरगुजा के चार छात्र यूक्रेन में
सरगुजा के रावत रेसीडेंसी के शिवम सिंह, कन्या परिसर रोड में रहने वाले शुभम गुप्ता, बाबूपारा निवासी अर्णव विक्रम सिन्हा, हॉस्पिटल रोड निवासी नीलेश कुमार साहू इस समय यूक्रेन में फंसे हैं. इनमें से तीन विंनीटसिया नेशनल मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं. जबकि एक छात्र टरनोपिल नेशनल मेडिकल कॉलेज का है. बलरामपुर कलेक्टर कुंदन कुमार ने बताया कि वे लगातार बच्चों के परिजन से संपर्क में हैं. बच्चों के फ्लाइट की टिकट भी बुक कराई जा चुकी है. प्रशासन बच्चों को वापस लाने हर संभव मदद करने का प्रयास कर रही है. हम विदेश मंत्रालय व सरकार से भी लगातार संपर्क में हैं. सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा ने बताया कि यूक्रेन में फंसे छात्रों की मदद के लिए डिप्टी कलेक्टर नीलम टोप्पो को नोडल अधिकारी बनाया है. हेल्प लाइन नम्बर भी जारी किया गया है. सरगुजा के चार छात्र यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी सामने आई है. लगातार छात्रों के परिजनों से संपर्क में हैं.