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SPECIAL: पति और बेटी खोने के बाद बेटे ने भी छोड़ा साथ, मां ने सजाई अर्थी, दी मुखाग्नि - मंजू शुक्ला

एक मां ने बेटे की अर्थी सजाई और मुखाग्नि दी. बुढापे में अपने जवान बेटे को खोने वाली मां की हिम्मत देख हर कोई हैरान था. बेटे की मौत के बाद अजीत की मां उसका देहदान करना चाहती है, जिससे मेडिकल की पढ़ाई करने वालों के काम आ सके. लेकिन ये मामला आत्महत्या का था इसलिए नियम के अनुसार पुलिस को शव का पोस्टमार्टम कराना पड़ा और पोस्टमार्टम के बाद शव मेडिकल कॉलेज नहीं लेता.

mother did last rites of his son in sarguja
मां ने किया बेटे का अंतिम संस्कार
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Published : May 12, 2020, 9:05 PM IST

Updated : May 13, 2020, 1:54 PM IST

सरगुजा: बीमारी से पति, कैंसर से बेटी खोने के बाद इस मां ने ये कभी नहीं सोचा होगा कि जो बेटा उसके बुढ़ापे की लाठी बनता, मरने के बाद उसे कंधा देता...उसी बेटे की अर्थी वो अपने हाथ से सजाएगी. जिस बेटे के सहारे मां मंजू शुक्ला ने बुढ़ापा काटने का सपना देखा था, उसने आत्महत्या कर ली. मंजू ने अपने हाथ से अपने बेटे की अर्थी सजाई और मुखाग्नि दी. वो तो अपने बेटे का देहदान करना चाहती थी लेकिन नियमों की वजह से ऐसा संभव नहीं हो सका.

मां ने किया बेटे का अंतिम संस्कार

ओडिशा का रहने वाला अजीत शुक्ला जशपुर जिले के कांसा बेल में अपनी मां मंजू के साथ रहता था. पिता की मौत के बाद अजीत कांसाबेल स्थित कपड़ा दुकान में काम कर अपना और अपनी मां का भरण पोषण कर रहा था लेकिन अचानक 8 मई को उसने जहर खा लिया. गंभीर हालत में उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इलाज के दौरान सोमवार रात उसने दम तोड़ दिया.

पीएम मोदी बोले- लॉकडाउन चार के बारे में 18 मई से पहले बताया जाएगा

बुढापे में अपने जवान बेटे को खोने वाली मां की हिम्मत देख हर कोई हैरान था. बेटे की मौत के बाद अजीत की मां उसका देहदान करना चाहती है, जिससे मेडिकल की पढ़ाई करने वालों के काम आ सके. लेकिन ये मामला आत्महत्या का था इसलिए नियम के अनुसार पुलिस को शव का पोस्टमार्टम कराना पड़ा और पोस्टमार्टम के बाद शव मेडिकल कॉलेज नहीं लेता.

mother did last rites of his son in sarguja
बेटे को दी मुखाग्नि

बेटी के बाद हुई थी पति की मौत

इस बुजुर्ग महिला पर जैसे विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा हो. महिला की एक बेटी भी थी जो ब्लड कैंसर की बीमारी से जूझ रही थी और जिंदगी की जंग हार गई. बेटी की मौत के बाद 7 माह पूर्व ही बीमारी के कारण महिला के पति आदित्य शुक्ला की भी मौत हुई थी और अब जवान बेटे को भी उसने खो दिया.

मंजू शुक्ला ने बताया कि अजीत इस ओडिशा ने कुचिन्डा में किसी परिचित को उधार में पैसा दिलवाया था लेकिन वह व्यक्ति इसे धोखा दे गया और पैसा नहीं लौटाया. उधार देने वाला व्यक्ति अजीत पर दवाब बनाता था, जिसकी वजह से वो परेशान रहने लगा. मंजू ने बताया कि लगातार दबाव के कारण अजीत तनाव में रहने लगा और शराब पीकर घर आता था. कई बार मां मंजू शुक्ला ने उसने वजह जानने की कोशिश की लेकिन वह टाल देता था.

'शव लेकर रातभर बैठने की हिम्मत नहीं'

पोस्ट मार्टम के बाद जब बेटे का शव मां को सौंपा गया तो उन्होंने कहा कि जशपुर में उनका कोई नहीं है. लॉक डाउन में ओडिशा से रिश्तेदार आ नहीं सकते, ऐसे में उनके अंदर इतनी ताकत नहीं है कि वे अपने बेटे का शव लेकर रातभर उसके साथ बैठे. इसलिए वो जशपुर नहीं जाना चाहती हैं. इसके बाद पुलिस, मीडिया और नगर निगम के सहयोग से अजीत का अंतिम संस्कार किया गया.

सरगुजा: बीमारी से पति, कैंसर से बेटी खोने के बाद इस मां ने ये कभी नहीं सोचा होगा कि जो बेटा उसके बुढ़ापे की लाठी बनता, मरने के बाद उसे कंधा देता...उसी बेटे की अर्थी वो अपने हाथ से सजाएगी. जिस बेटे के सहारे मां मंजू शुक्ला ने बुढ़ापा काटने का सपना देखा था, उसने आत्महत्या कर ली. मंजू ने अपने हाथ से अपने बेटे की अर्थी सजाई और मुखाग्नि दी. वो तो अपने बेटे का देहदान करना चाहती थी लेकिन नियमों की वजह से ऐसा संभव नहीं हो सका.

मां ने किया बेटे का अंतिम संस्कार

ओडिशा का रहने वाला अजीत शुक्ला जशपुर जिले के कांसा बेल में अपनी मां मंजू के साथ रहता था. पिता की मौत के बाद अजीत कांसाबेल स्थित कपड़ा दुकान में काम कर अपना और अपनी मां का भरण पोषण कर रहा था लेकिन अचानक 8 मई को उसने जहर खा लिया. गंभीर हालत में उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इलाज के दौरान सोमवार रात उसने दम तोड़ दिया.

पीएम मोदी बोले- लॉकडाउन चार के बारे में 18 मई से पहले बताया जाएगा

बुढापे में अपने जवान बेटे को खोने वाली मां की हिम्मत देख हर कोई हैरान था. बेटे की मौत के बाद अजीत की मां उसका देहदान करना चाहती है, जिससे मेडिकल की पढ़ाई करने वालों के काम आ सके. लेकिन ये मामला आत्महत्या का था इसलिए नियम के अनुसार पुलिस को शव का पोस्टमार्टम कराना पड़ा और पोस्टमार्टम के बाद शव मेडिकल कॉलेज नहीं लेता.

mother did last rites of his son in sarguja
बेटे को दी मुखाग्नि

बेटी के बाद हुई थी पति की मौत

इस बुजुर्ग महिला पर जैसे विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा हो. महिला की एक बेटी भी थी जो ब्लड कैंसर की बीमारी से जूझ रही थी और जिंदगी की जंग हार गई. बेटी की मौत के बाद 7 माह पूर्व ही बीमारी के कारण महिला के पति आदित्य शुक्ला की भी मौत हुई थी और अब जवान बेटे को भी उसने खो दिया.

मंजू शुक्ला ने बताया कि अजीत इस ओडिशा ने कुचिन्डा में किसी परिचित को उधार में पैसा दिलवाया था लेकिन वह व्यक्ति इसे धोखा दे गया और पैसा नहीं लौटाया. उधार देने वाला व्यक्ति अजीत पर दवाब बनाता था, जिसकी वजह से वो परेशान रहने लगा. मंजू ने बताया कि लगातार दबाव के कारण अजीत तनाव में रहने लगा और शराब पीकर घर आता था. कई बार मां मंजू शुक्ला ने उसने वजह जानने की कोशिश की लेकिन वह टाल देता था.

'शव लेकर रातभर बैठने की हिम्मत नहीं'

पोस्ट मार्टम के बाद जब बेटे का शव मां को सौंपा गया तो उन्होंने कहा कि जशपुर में उनका कोई नहीं है. लॉक डाउन में ओडिशा से रिश्तेदार आ नहीं सकते, ऐसे में उनके अंदर इतनी ताकत नहीं है कि वे अपने बेटे का शव लेकर रातभर उसके साथ बैठे. इसलिए वो जशपुर नहीं जाना चाहती हैं. इसके बाद पुलिस, मीडिया और नगर निगम के सहयोग से अजीत का अंतिम संस्कार किया गया.

Last Updated : May 13, 2020, 1:54 PM IST
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