सरगुजा : गौठान में काम कर रही महिलाओं ने गौठान गीत बना दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरगुजा दौरे के दौरान लुंड्रा विधानसभा के बटवाही गौठान पहुंचे (Batwahi Gauthan of Ambikapur) थे. समूह की महिलाओं ने सीएम का स्वागत गौठान गीत गाकर किया था. इस गीत की तारीफ सीएम भूपेश ने भी की. गीत के बोल हैं "दुनिया में गूंज रहा ऐसा प्यारा गोधन योजना" तो आप भी सुनिए गांव की महिलाओं द्वारा रचित यह गौठान गीत.
किसने बनाया है गीत : यह गांव की महिलाओं का कमाल है. लगभग 20 महिलाओं के समूह ने यह सामूहिक गीत बनाया है. गीत के बोल खुद लिखे और इसकी धुन भी खुद तैयार की है. ये सभी वो महिलाएं हैं, जो आजीविका मिशन से जुड़कर गौठान में काम कर रही हैं. बड़ी बात यह है कि इनमें से कोई भी संगीत में पारंगत नही है. लेकिन गीत सुनकर आपको लगेगा कि बेहतर धुन और बेहतर लेखन किया गया है. मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए बनाया यह गीत सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले बटवाही गांव की महिलाओं ने बनाया है. बटवाही में ही गौठान बनाया गया है.
क्यों बनाया गया है गीत: इस गौठान में आजीविका मिशन से जुड़कर ये महिलाएं कई प्रकार के काम करती हैं और अपनी आजीविका चलाती हैं. गोधन योजना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सौगात है, इसलिए महिलाओं ने उनके स्वागत में यह गीत तैयार किया. इस गौठान में मशरूम पालन, मछली पालन, मुर्गी पालन, कालीन निर्माण, वर्मी खाद निर्माण जैसी गतिविधि संचालित हैं. इन सभी गतिविधियों में महिला समूह की महिलाएं काम करती हैं. काम से होने वाले मुनाफे को महिलाएं आपस में बांट लेती हैं.
किसने गीत बनाने में की मदद : नेशनल लाइवलीहुड मिशन (National Livelihood Mission) के तहत काम कर रही महिला समूह की सीआरपी रिंकी ने गीत निर्माण में विशेष सहयोग किया है. रिंकी भी यह गीत सबके साथ गाती हैं. रिंकी ने बताया ''जब हम लोगों को पता चला कि मुख्यमंत्री यहां आने वाले हैं तो हम लोगों ने यह गीत तैयार किया. 15 दिन तक गाने की रिहर्सल की और फिर यह गीत आज सामने है.
महिलाओं ने की धुन तैयार : महिलाओं ने धुन और गीत तो तैयार कर लिया है. सभी मिलकर इसे गा भी रही हैं. इस गीत को प्रशासन और मुख्यमंत्री की तारीफ भी मिल चुकी है. अब तैयारी है इस गीत के म्यूजिक कंपोजिंग की और इसे रिकॉर्ड कर के गीत की लांचिंग की. लांचिंग इसलिए जरूरी है ताकि प्रदेश भर के गौठानों में एक आदर्श गीत के रूप में भी इसे बजाया और सुना जा सके.
किस क्षेत्र में बनाई है पहचान : गांव में रोजगार मिलने से महिलाएं खुश हैं. कालीन निर्माण से ना सिर्फ सरगुजा बल्कि बटवाही ने भी अलग पहचान बनाई है. आईएएस ट्रेनिंग एकेडमी मसूरी से इन्हें कालीन का ऑर्डर मिला था, जिसे बनाकर मसूरी भेज दिया गया है.