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Holi with Herbal Gulal in Surguja: ईकोफ्रेंडली रंगों से खेलें होली, जानिए कैसे बनता है घर पर हर्बल गुलाल ?

Holi with Herbal Gulal in Surguja : सरगुजा में महिला स्वसहायता समूह हर्बल गुलाल तैयार कर रही है. पिछले 2 साल की तुलना में इस बार मार्केट में हर्बल गुलाल की डिमांड ज्यादा है.

HERBAL GULAL IN HOLI 2022
इस बार ईकोफ्रेंडली रंगों से खेले होली
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Published : Mar 17, 2022, 1:19 PM IST

Updated : Mar 17, 2022, 4:19 PM IST

सरगुज़ा: रंगों के त्योहार यदि रंग ही ना हो तो फिर त्योहार कैसा ? लेकिन होली के समय केमिकल युक्त रंगों (chemical dyes) की वजह से लोगों ने होली खेलना बंद कर दिया है.क्योंकि केमिकल युक्त रंगों के कारण बीमारियां फैलने का डर सताता है.वहीं कोरोना के कारण अब संक्रमण का डर (fear of infection) भी लोगों को सताता है. लेकिन अबकी बार होली में आपको रंगों से डरने की जरुरत नहीं है.क्योंकि मार्केट में हर्बल गुलाल ने केमिकल युक्त गुलाल के इस्तेमाल को कम कर दिया है.छत्तीसगढ़ में महिलाएं हर्बल गुलाल बनाकर इसे मार्केट में बेच रही हैं.ये गुलाल आपको विहान महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी के स्टाल्स की मदद से आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे. अब छत्तीसगढ़ सरकार का पहला सी मार्ट(Chhattisgarh government first C Mart) भी सरगुज़ा में खुल चुका है. सी मार्ट में भी हर्बल गुलाल उपलब्ध हैं. लेकिन आप इन हर्बल गुलाल को आसानी से अपने घरों में ही तैयार कर सकते हैं.

ईकोफ्रेंडली रंगों से खेलें होली

आइये जानते हैं घर मे कैसे बनायें हर्बल गुलाल?

हर्बल गुलाल बनाने के लिए (To make Herbal Gulal) सबसे पहले आपको अरारोट का पावडर, गेंदे का फूल, चुकंदर, लाल भाजी और हरी भाजी लाना होगा इतनी सामग्री में ही आप रंग बिरंगे खूबसूरत हर्बल गुलाल बना सकते हैं. हर्बल गुलाल बनाने के लिए सबसे पहले आपको रंग बनाना होगा पीले रंग के लिए गेंदे के फूल को तोड़कर उसकी पंखुड़ियों को अलग करना होगा. फूल का हरा हिस्सा फेंक दें और पीली पंखुड़ियों को एकत्र कर लें. इसी प्रकार हरे रंग के लिये हरी भाजी के पत्तों को तोड़कर अलग करना है. लाल रंग के लिये चुकंदर की ऊपरी सतह को छीलकर निकाल देना है .चुकंदर को छोटे छोटे टुकड़ों में काट लेना है. अब इन तीनों को अलग-अलग बर्तन में पानी डालकर उबालना है. ध्यान रहे कि यदि पानी का अनुपात 10 लीटर है तो उसे इतनी देर तक उबालना है कि पानी 3 लीटर ही बचे. इतनी देर उबलने के बाद आप देखेंगे की पानी गाढ़े रंग में तब्दील हो गया है. अब इस रंगीन पानी को अरारोट में मिलाना है, जिससे सफेद अरारोट का पावडर रंगीन हो जाता है. इसके बाद इस गीले आरारोट को धूप में सुखाना है. जब यह सूख जाए तो इस मिश्रण को मिक्सर ग्राइंडर में ग्राइंड कर लेना है. मिक्सर में ग्राइंड करने के बाद आप देखेंगे की बाजार में मिलने वाले गुलाल से भी खूबसूरत गुलाल बनकर तैयार हो गया है.

ये भी पढ़ें- रायपुर में सज गया होली का बाजार, हर्बल गुलाल की डिमांड ज्यादा-गुलाल वाली पिचकारी से बरसेगा रंग

बाजार में आसानी से बिक जाते हैं गुलाल

अगर आप इसे बाजार में बेचना चाहते हैं. तो इसे पॉलीथिन में पैक भी कर सकते हैं. पैकिंग आप मशीन के माध्यम से या मेन्युअली भी कर सकते हैं. अंबिकापुर के बाजार में हर्बल गुलाल 200 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है.अम्बिकापुर में जिला प्रशासन विहान महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी (Vihaan Mahila Kisan Producer Company) के माध्यम से गुलाल बनवा रही है.इसके निर्माण में प्रति किलो 120 रुपए का खर्च आ रहा है. एक किलो गुलाल पर महिला समूह 80 रूपये से भी अधिक का मुनाफा (profit of more than Rs.80) कमा रही हैं. पिछले वर्ष पहली बार जब हर्बल गुलाल बनाने का काम महिलाओं ने शुरू किया तो ज्यादा लागत नही लगाई थी. उन्हें डर था कि ये बिजनेस सफल होगा या नही. लेकिन हर्बल गुलाल की अच्छी डिमांड की वजह से कम प्रोडक्शन में ही समूह को 18 हजार की आमदनी हुई थी. इसलिए इस वर्ष बड़े पैमाने पर हर्बल गुलाल बनाये गए हैं.

सरगुज़ा: रंगों के त्योहार यदि रंग ही ना हो तो फिर त्योहार कैसा ? लेकिन होली के समय केमिकल युक्त रंगों (chemical dyes) की वजह से लोगों ने होली खेलना बंद कर दिया है.क्योंकि केमिकल युक्त रंगों के कारण बीमारियां फैलने का डर सताता है.वहीं कोरोना के कारण अब संक्रमण का डर (fear of infection) भी लोगों को सताता है. लेकिन अबकी बार होली में आपको रंगों से डरने की जरुरत नहीं है.क्योंकि मार्केट में हर्बल गुलाल ने केमिकल युक्त गुलाल के इस्तेमाल को कम कर दिया है.छत्तीसगढ़ में महिलाएं हर्बल गुलाल बनाकर इसे मार्केट में बेच रही हैं.ये गुलाल आपको विहान महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी के स्टाल्स की मदद से आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे. अब छत्तीसगढ़ सरकार का पहला सी मार्ट(Chhattisgarh government first C Mart) भी सरगुज़ा में खुल चुका है. सी मार्ट में भी हर्बल गुलाल उपलब्ध हैं. लेकिन आप इन हर्बल गुलाल को आसानी से अपने घरों में ही तैयार कर सकते हैं.

ईकोफ्रेंडली रंगों से खेलें होली

आइये जानते हैं घर मे कैसे बनायें हर्बल गुलाल?

हर्बल गुलाल बनाने के लिए (To make Herbal Gulal) सबसे पहले आपको अरारोट का पावडर, गेंदे का फूल, चुकंदर, लाल भाजी और हरी भाजी लाना होगा इतनी सामग्री में ही आप रंग बिरंगे खूबसूरत हर्बल गुलाल बना सकते हैं. हर्बल गुलाल बनाने के लिए सबसे पहले आपको रंग बनाना होगा पीले रंग के लिए गेंदे के फूल को तोड़कर उसकी पंखुड़ियों को अलग करना होगा. फूल का हरा हिस्सा फेंक दें और पीली पंखुड़ियों को एकत्र कर लें. इसी प्रकार हरे रंग के लिये हरी भाजी के पत्तों को तोड़कर अलग करना है. लाल रंग के लिये चुकंदर की ऊपरी सतह को छीलकर निकाल देना है .चुकंदर को छोटे छोटे टुकड़ों में काट लेना है. अब इन तीनों को अलग-अलग बर्तन में पानी डालकर उबालना है. ध्यान रहे कि यदि पानी का अनुपात 10 लीटर है तो उसे इतनी देर तक उबालना है कि पानी 3 लीटर ही बचे. इतनी देर उबलने के बाद आप देखेंगे की पानी गाढ़े रंग में तब्दील हो गया है. अब इस रंगीन पानी को अरारोट में मिलाना है, जिससे सफेद अरारोट का पावडर रंगीन हो जाता है. इसके बाद इस गीले आरारोट को धूप में सुखाना है. जब यह सूख जाए तो इस मिश्रण को मिक्सर ग्राइंडर में ग्राइंड कर लेना है. मिक्सर में ग्राइंड करने के बाद आप देखेंगे की बाजार में मिलने वाले गुलाल से भी खूबसूरत गुलाल बनकर तैयार हो गया है.

ये भी पढ़ें- रायपुर में सज गया होली का बाजार, हर्बल गुलाल की डिमांड ज्यादा-गुलाल वाली पिचकारी से बरसेगा रंग

बाजार में आसानी से बिक जाते हैं गुलाल

अगर आप इसे बाजार में बेचना चाहते हैं. तो इसे पॉलीथिन में पैक भी कर सकते हैं. पैकिंग आप मशीन के माध्यम से या मेन्युअली भी कर सकते हैं. अंबिकापुर के बाजार में हर्बल गुलाल 200 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है.अम्बिकापुर में जिला प्रशासन विहान महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी (Vihaan Mahila Kisan Producer Company) के माध्यम से गुलाल बनवा रही है.इसके निर्माण में प्रति किलो 120 रुपए का खर्च आ रहा है. एक किलो गुलाल पर महिला समूह 80 रूपये से भी अधिक का मुनाफा (profit of more than Rs.80) कमा रही हैं. पिछले वर्ष पहली बार जब हर्बल गुलाल बनाने का काम महिलाओं ने शुरू किया तो ज्यादा लागत नही लगाई थी. उन्हें डर था कि ये बिजनेस सफल होगा या नही. लेकिन हर्बल गुलाल की अच्छी डिमांड की वजह से कम प्रोडक्शन में ही समूह को 18 हजार की आमदनी हुई थी. इसलिए इस वर्ष बड़े पैमाने पर हर्बल गुलाल बनाये गए हैं.

Last Updated : Mar 17, 2022, 4:19 PM IST
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