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राज्य गठन के 21 वर्षों में कितनी बदली सरगुजा की तस्वीर? - राज्य गठन

मध्यप्रदेश बंटवारे के 21 साल बाद विकास के मामले में सरगुजा ने कई कसीदे गढ़ी. एक तरफ सड़कों का जाल बिछा तो दूसरी ओर स्वास्थ्य सुविधाओं (health facilities)के मामले में अभूतपूर्व विकास हुआ. लेकिन इसके बाद भी कई क्षेत्रों में अवरूद्ध विकास के प्रवाह को आज तक रास्ता नहीं मिला. जिसकी वजह से राज्य निर्माण (state building) के वर्षों बाद भी लोग संतुष्ट नहीं हैं. आज हम आपको बतलाएंगे जिले के विकास को लेकर सरकारों की अभी तक की इच्छाशक्ति और उसके प्रयासों के संबंध में...

Surguja picture changed in 21 years
21 वर्षों में कितनी बदली सरगुजा की तस्वीर
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Published : Oct 31, 2021, 8:00 PM IST

Updated : Oct 31, 2021, 11:10 PM IST

सरगुजाः मध्यप्रदेश को वर्ष 2000 में दो हिस्सों में बांट दिया गया. 1 नवम्बर सन 2000 को नया राज्य छत्तीसगढ़ अपने अस्तित्व में आया. देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी (Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) को छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का श्रेय जाता है. लेकिन मध्य प्रदेश से अलग हुये हिस्से में बहुमत कांग्रेस के पास था. लिहाजा छत्तीसगढ़ का पहला मुख्यमंत्री कांग्रेस (Congress) का बना और कांग्रेस ने अजीत जोगी को विधायक दल का नेता चुना.

राज्य गठन के 21 वर्षों में कितनी बदली सरगुजा की तस्वीर

राज्य के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर अजीत प्रमोद जोगी ने शपथ ली तब से अब तक पांच सत्ता बदली लेकिन मुख्यमंत्री 3 ही रहे हैं. पहली पारी में अजीत जोगी 2000 से 2003 तक 3 वर्ष मुख्यमंत्री रहे लेकिन 2003 के चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई. भाजपा (B J P) ने डॉ. रमन सिंह (Dr. Raman Singh) को मुख्यमंत्री बनाया. इसके बाद 2008, 2013 दोनों ही कार्यकाल में रमन सिंह लगातार 15 वर्षों तक इस राज्य के मुख्यमंत्री रहे.

स्वास्थ्य सुविधा बड़ी उपलब्धि

2018 में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा और एक बार फिर 15 वर्ष के वनवास के बाद कांग्रेस सत्ता में वापसी की. राज्य निर्माण के बाद के इन 21 वर्षों में प्रदेश की तस्वीर कितनी बदली? इसका अनुमान हमने लगाने की कोशिश की है. हमने हर जिले से उस जिले का हाल चाल जाना है. सरगुजा जिले की बात करें तो यहां 21 वर्षों में सड़कों का जाल बिछाया गया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) के तहत गांव-गांव में पक्की सड़क बनवाई गई. इसके अलावा नेशनल हाइवे (National Highway) सहित तमाम नगरीय निकायों की सड़कें तो इस दौरान कई बार बनीं और उखड़ीं. यह सिलसिला यूं ही चलता रहता है.

सरगुजा जिले में उपलब्धि के रूप में कुछ दिखता है तो वो है यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था. बीते वर्षों में सरगुजा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त हुई है. यहां 1 मेडिकल कॉलेज अस्पताल (medical college hospital) सह जिला अस्पताल है. जिसमें समस्त बीमारियों के विशेषज्ञ, चिकित्सक और पर्याप्त नर्सिंग व अन्य स्टाफ हैं. इसके अलावा शहर में 3 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. जिले में 28 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 6 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 195 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं. इनमें से 172 को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना दिया गया.

बलौदाबाजार के जुड़वा भाई शिवनाथ और शिवराम की कहानी, जिन पर शहर वासियों को था नाज

उपहार में मिला सिर्फ धोखा

लेकिन जिले में युवा पीढी का भविष्य बेहद संकट में है. शिक्षा और रोजगार के मामले में इन 21 वर्षों में सरगुजा के साथ सिर्फ धोखा ही हुआ है. जिले में 161 हाई व हायर सेकेंड्री स्कूल हैं. प्राथमिक स्कूलों की संख्या मिलाकर यहां कुल 2055 हैं जिनमे 7 हजार 3 सौ शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं. शुरुआती शिक्षा तो मिल रही है लेकिन स्कूलों का बेसिक एजुकेशन तब किसी का नहीं रह जाता, जब यहां के छात्र उच्च शिक्षा के लिए कालेज पहुंचते हैं. कॉलेजों की स्थिति सरगुजा में बेहद खराब है. 2-2 कमरों में कालेज संचालित है. टीचिंग स्टॉफ नही है. संभाग के एक मात्र विश्वविद्यालय की स्थिति खुद जर्जर है.

लोगों को नहीं दिया जाता रोजगार

अपनी लापरवाही और कारगुजारियों के लिये यह हमेशा सुर्खियों में रहता है. विवि का भवन 15 साल में पूरा नहीं हो पाया. यहां टीचरों की भर्ती नहीं हो सकी है. लेट लतीफी का आलम ऐसा है की छात्रों का भविष्य संकट में है. रोजगार के क्षेत्र में भी सरगुजा में कोई योगदान नहीं है. बेरोजगारी चरम पर है. यहां से बॉक्साइट और कोयले का उत्खनन कर बाहर ले जाया जाता है. यहां के लोगों को रोजगार नहीं दिया जाता. स्थानीय लोगों को रोजगार के नाम पर सिर्फ मजदूरी का काम ही मिलता है. इसके अलावा यहां एक भी इंडस्ट्री नही लग सकी है ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके. वहीं, जिले का साक्षरता प्रतिशत भी बहुत कम है.

साक्षर भारत अभियान के तहत एक पूरा विभाग अलग से काम कर रहा था. वर्तमान में केंद्र सरकार ने इसकी जरूरत नहीं होने के कारण बंद कर दिया लेकिन आज भी सरगुजा का साक्षरता प्रतिशत कुछ ठीक नहीं है. कमोबेस 21 वर्ष की तस्वीर देखी जाए तो सड़क निर्माण, मेडिकल कॉलेज और योजनाओं की स्वीकृति के अलावा कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. इसकी वजह से राज्य निर्माण के 21 वर्ष बाद भी लोग संतुष्ट नहीं हैं.

सरगुजाः मध्यप्रदेश को वर्ष 2000 में दो हिस्सों में बांट दिया गया. 1 नवम्बर सन 2000 को नया राज्य छत्तीसगढ़ अपने अस्तित्व में आया. देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी (Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) को छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का श्रेय जाता है. लेकिन मध्य प्रदेश से अलग हुये हिस्से में बहुमत कांग्रेस के पास था. लिहाजा छत्तीसगढ़ का पहला मुख्यमंत्री कांग्रेस (Congress) का बना और कांग्रेस ने अजीत जोगी को विधायक दल का नेता चुना.

राज्य गठन के 21 वर्षों में कितनी बदली सरगुजा की तस्वीर

राज्य के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर अजीत प्रमोद जोगी ने शपथ ली तब से अब तक पांच सत्ता बदली लेकिन मुख्यमंत्री 3 ही रहे हैं. पहली पारी में अजीत जोगी 2000 से 2003 तक 3 वर्ष मुख्यमंत्री रहे लेकिन 2003 के चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई. भाजपा (B J P) ने डॉ. रमन सिंह (Dr. Raman Singh) को मुख्यमंत्री बनाया. इसके बाद 2008, 2013 दोनों ही कार्यकाल में रमन सिंह लगातार 15 वर्षों तक इस राज्य के मुख्यमंत्री रहे.

स्वास्थ्य सुविधा बड़ी उपलब्धि

2018 में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा और एक बार फिर 15 वर्ष के वनवास के बाद कांग्रेस सत्ता में वापसी की. राज्य निर्माण के बाद के इन 21 वर्षों में प्रदेश की तस्वीर कितनी बदली? इसका अनुमान हमने लगाने की कोशिश की है. हमने हर जिले से उस जिले का हाल चाल जाना है. सरगुजा जिले की बात करें तो यहां 21 वर्षों में सड़कों का जाल बिछाया गया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) के तहत गांव-गांव में पक्की सड़क बनवाई गई. इसके अलावा नेशनल हाइवे (National Highway) सहित तमाम नगरीय निकायों की सड़कें तो इस दौरान कई बार बनीं और उखड़ीं. यह सिलसिला यूं ही चलता रहता है.

सरगुजा जिले में उपलब्धि के रूप में कुछ दिखता है तो वो है यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था. बीते वर्षों में सरगुजा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त हुई है. यहां 1 मेडिकल कॉलेज अस्पताल (medical college hospital) सह जिला अस्पताल है. जिसमें समस्त बीमारियों के विशेषज्ञ, चिकित्सक और पर्याप्त नर्सिंग व अन्य स्टाफ हैं. इसके अलावा शहर में 3 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. जिले में 28 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 6 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 195 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं. इनमें से 172 को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना दिया गया.

बलौदाबाजार के जुड़वा भाई शिवनाथ और शिवराम की कहानी, जिन पर शहर वासियों को था नाज

उपहार में मिला सिर्फ धोखा

लेकिन जिले में युवा पीढी का भविष्य बेहद संकट में है. शिक्षा और रोजगार के मामले में इन 21 वर्षों में सरगुजा के साथ सिर्फ धोखा ही हुआ है. जिले में 161 हाई व हायर सेकेंड्री स्कूल हैं. प्राथमिक स्कूलों की संख्या मिलाकर यहां कुल 2055 हैं जिनमे 7 हजार 3 सौ शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं. शुरुआती शिक्षा तो मिल रही है लेकिन स्कूलों का बेसिक एजुकेशन तब किसी का नहीं रह जाता, जब यहां के छात्र उच्च शिक्षा के लिए कालेज पहुंचते हैं. कॉलेजों की स्थिति सरगुजा में बेहद खराब है. 2-2 कमरों में कालेज संचालित है. टीचिंग स्टॉफ नही है. संभाग के एक मात्र विश्वविद्यालय की स्थिति खुद जर्जर है.

लोगों को नहीं दिया जाता रोजगार

अपनी लापरवाही और कारगुजारियों के लिये यह हमेशा सुर्खियों में रहता है. विवि का भवन 15 साल में पूरा नहीं हो पाया. यहां टीचरों की भर्ती नहीं हो सकी है. लेट लतीफी का आलम ऐसा है की छात्रों का भविष्य संकट में है. रोजगार के क्षेत्र में भी सरगुजा में कोई योगदान नहीं है. बेरोजगारी चरम पर है. यहां से बॉक्साइट और कोयले का उत्खनन कर बाहर ले जाया जाता है. यहां के लोगों को रोजगार नहीं दिया जाता. स्थानीय लोगों को रोजगार के नाम पर सिर्फ मजदूरी का काम ही मिलता है. इसके अलावा यहां एक भी इंडस्ट्री नही लग सकी है ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके. वहीं, जिले का साक्षरता प्रतिशत भी बहुत कम है.

साक्षर भारत अभियान के तहत एक पूरा विभाग अलग से काम कर रहा था. वर्तमान में केंद्र सरकार ने इसकी जरूरत नहीं होने के कारण बंद कर दिया लेकिन आज भी सरगुजा का साक्षरता प्रतिशत कुछ ठीक नहीं है. कमोबेस 21 वर्ष की तस्वीर देखी जाए तो सड़क निर्माण, मेडिकल कॉलेज और योजनाओं की स्वीकृति के अलावा कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. इसकी वजह से राज्य निर्माण के 21 वर्ष बाद भी लोग संतुष्ट नहीं हैं.

Last Updated : Oct 31, 2021, 11:10 PM IST
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