सरगुजा: सरकार के निर्देश पर आज मजदूर दिवस के दिन बलरामपुर में फंसे बाहर के श्रमिकों को उनके राज्य और जिलों में भेजने की व्यवस्था की गई. बलरामपुर से प्रशासन ने स्पेशल बसों के माध्यम से मजदूरों को उनके घर भेज दिया है. रवाना किए जाने पर मजदूरों ने खुशी जाहिर की है.
बलरामपुर जिले में रुके हुए 166 प्रवासी मजदूरों में से 24 को छोड़कर बाकी सभी को मेडिकल चेकअप के बाद बस से उनके राज्यों के लिए रवाना किया गया है. झारखंड और उत्तरप्रदेश के मजदूरों को बॉर्डर तक छोड़ा गया है. बचे हुए मजदूर दिल्ली, कश्मीर और अन्य राज्यों के हैं और उन्हें भेजने के लिए भी उनके राज्यों से बातचीत की जा रही है. पुलिस ने बताया कि सीमाओं को सील करने के बाद अब किसी को भी बलरामपुर जिले में प्रवेश नहीं दिया जाएगा और अगर कोई पास बनवाकर बाहर जाता भी है, तो उसे फिर वापस जिले में आने की अनुमति नहीं होगी.
ककना गांव में फंसे थे प्रवासी मजदूर
सरगुजा बलरामपुर सीमा पर बसे ककना गांव में प्रवासी मजदूर फंसे हुए थे, जिन्हें उनके गृहग्राम कोटा जिला बिलासपुर भेजा गया है. इन मजदूरों की देखभाल लगभग 40 दिनों से क्षेत्र के जनपद पंचायत सदस्य मुकेश गुप्ता, प्रशासन और समाजसेवक कर रहे थे. जब इन प्रवासियों को इनके गृह ग्राम के लिए रवाना किया गया, तब जनपद सदस्य ने जिला प्रशासन के इस फैसले के लिए आभार प्रकट किया. सरकार और प्रशासन के इस फैसले से मजदूरों को बड़ी राहत मिली है.
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