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मजदूर दिवस पर सरकार का तोहफा, अपने गांव रवाना किए गए श्रमिक

बलरामपुर प्रशासन ने मजदूर दिवस पर जिले में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य भेजने का इंतजाम किया. स्पेशल बसों के माध्यम से 166 में से 24 मजदूरों को छोड़कर बाकी सभी को उनके गृहग्राम भेज दिया गया है. घर जाने की खुशी मजदूरों में साफ नजर आ रही थी.

Balrampur administration sent migrant laborers to their home village on Labor Day
अपने गांव रवाना किए गए मजदूर
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Published : May 1, 2020, 8:30 AM IST

Updated : May 1, 2020, 12:59 PM IST

सरगुजा: सरकार के निर्देश पर आज मजदूर दिवस के दिन बलरामपुर में फंसे बाहर के श्रमिकों को उनके राज्य और जिलों में भेजने की व्यवस्था की गई. बलरामपुर से प्रशासन ने स्पेशल बसों के माध्यम से मजदूरों को उनके घर भेज दिया है. रवाना किए जाने पर मजदूरों ने खुशी जाहिर की है.

मजदूर दिवस पर अपने गांव रवाना मजदूर

बलरामपुर जिले में रुके हुए 166 प्रवासी मजदूरों में से 24 को छोड़कर बाकी सभी को मेडिकल चेकअप के बाद बस से उनके राज्यों के लिए रवाना किया गया है. झारखंड और उत्तरप्रदेश के मजदूरों को बॉर्डर तक छोड़ा गया है. बचे हुए मजदूर दिल्ली, कश्मीर और अन्य राज्यों के हैं और उन्हें भेजने के लिए भी उनके राज्यों से बातचीत की जा रही है. पुलिस ने बताया कि सीमाओं को सील करने के बाद अब किसी को भी बलरामपुर जिले में प्रवेश नहीं दिया जाएगा और अगर कोई पास बनवाकर बाहर जाता भी है, तो उसे फिर वापस जिले में आने की अनुमति नहीं होगी.

ककना गांव में फंसे थे प्रवासी मजदूर

सरगुजा बलरामपुर सीमा पर बसे ककना गांव में प्रवासी मजदूर फंसे हुए थे, जिन्हें उनके गृहग्राम कोटा जिला बिलासपुर भेजा गया है. इन मजदूरों की देखभाल लगभग 40 दिनों से क्षेत्र के जनपद पंचायत सदस्य मुकेश गुप्ता, प्रशासन और समाजसेवक कर रहे थे. जब इन प्रवासियों को इनके गृह ग्राम के लिए रवाना किया गया, तब जनपद सदस्य ने जिला प्रशासन के इस फैसले के लिए आभार प्रकट किया. सरकार और प्रशासन के इस फैसले से मजदूरों को बड़ी राहत मिली है.

पढ़ें:-बलरामपुरः पहाड़ी कोरवाओं ने लगाया धांधली का आरोप, राशन वितरण में गड़बड़ी

सरगुजा: सरकार के निर्देश पर आज मजदूर दिवस के दिन बलरामपुर में फंसे बाहर के श्रमिकों को उनके राज्य और जिलों में भेजने की व्यवस्था की गई. बलरामपुर से प्रशासन ने स्पेशल बसों के माध्यम से मजदूरों को उनके घर भेज दिया है. रवाना किए जाने पर मजदूरों ने खुशी जाहिर की है.

मजदूर दिवस पर अपने गांव रवाना मजदूर

बलरामपुर जिले में रुके हुए 166 प्रवासी मजदूरों में से 24 को छोड़कर बाकी सभी को मेडिकल चेकअप के बाद बस से उनके राज्यों के लिए रवाना किया गया है. झारखंड और उत्तरप्रदेश के मजदूरों को बॉर्डर तक छोड़ा गया है. बचे हुए मजदूर दिल्ली, कश्मीर और अन्य राज्यों के हैं और उन्हें भेजने के लिए भी उनके राज्यों से बातचीत की जा रही है. पुलिस ने बताया कि सीमाओं को सील करने के बाद अब किसी को भी बलरामपुर जिले में प्रवेश नहीं दिया जाएगा और अगर कोई पास बनवाकर बाहर जाता भी है, तो उसे फिर वापस जिले में आने की अनुमति नहीं होगी.

ककना गांव में फंसे थे प्रवासी मजदूर

सरगुजा बलरामपुर सीमा पर बसे ककना गांव में प्रवासी मजदूर फंसे हुए थे, जिन्हें उनके गृहग्राम कोटा जिला बिलासपुर भेजा गया है. इन मजदूरों की देखभाल लगभग 40 दिनों से क्षेत्र के जनपद पंचायत सदस्य मुकेश गुप्ता, प्रशासन और समाजसेवक कर रहे थे. जब इन प्रवासियों को इनके गृह ग्राम के लिए रवाना किया गया, तब जनपद सदस्य ने जिला प्रशासन के इस फैसले के लिए आभार प्रकट किया. सरकार और प्रशासन के इस फैसले से मजदूरों को बड़ी राहत मिली है.

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Last Updated : May 1, 2020, 12:59 PM IST
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