नई दिल्ली : कोविड आने के बाद से ही जहां यूपीआई का इस्तेमाल बढ़ता चला गया. वहीं, डेबिट कार्ड का इस्तेमाल घटता जा रहा है. कुछ लोग तो महीनों- महीनों तक डेबिट कार्ड से लने- देन ही नहीं कर रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार मार्च 2022 से अप्रैल 2023 के बीच डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन में लगभग आठ फीसदी की गिरावट आई है.
डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में कमी का कारण : दरअसल Debit Card साथ रखने के झंझट, एटीएम में पैसे में फ्री में Withdrawal की लिमिट, बैंको द्वारा वसूला जाने वाला एनुएल फीस डेबिट कार्ड की पॉपुलैरिटी में कमी का कारण बन रहा है. वहीं दूसरी ओर UPI के इस्तेमाल में आसानी, हर छोटी-बड़ी दुकान में इसकी मौजूदगी और इसके झटपट पेमेंट की सुविधा के कारण इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. ये ऑनलाइन पेमेंट की सुपरहीरो बनता जा रहा है.
बैंको को नुकसान : Debit Card के घटते इस्तेमाल और यूपीआई के बढ़ते यूज के कारण बैंकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. वो ऐसे कि जब भी आप डेबिट कार्ड से कुछ खरीदारी करते हैं. तो जिससे आप खरीदारी करते हैं उस मर्चेंट पर एक खास चार्ज लगता है. इस इंटरचेंज का ज्यादातर हिस्सा बैंकों के पास जाता है. इसलिए अब यूपीआई आने के बाद बैंकों को नुकसान हो रहा है और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कम हो रहा है.
यूपीआई ट्रांजेक्शन 153 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद : मोबाइल पेमेंट सिस्टम यानी यूपीआई के माध्यम से पेमेंट करने की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है. Statista के आकड़ों के अनुसार डिजिटल पेमेंट आने वाले सालों में और ग्रो करेगा. साल 2023 में यूपीआई के माध्यम से 153 बिलियन डॉलर का ट्रांजेक्शन होने की उम्मीद है. वहीं, साल 2022 में यूपीआई से 133 बिलियन डॉलर का ट्रांजेक्शन हुआ था. वहीं, बात करें साल 2022 के दिसबंर में 12.82 लाख करोड़ रुपए की पेमेंट सिर्फ UPI के जरिए हुआ था.
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