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यस बैंक-डीएचएफएल मामला : राणा कपूर की पत्नी और बेटी को मिली अंतरिम जमानत

यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की पत्नी और बेटी को ऋणदाता डीएचएफएल से जुड़े एक मामले में सीबीआई कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है. कपूर की पत्नी बिंदू और बेटी राधा को हाल ही में केंद्रीय जांच ब्यूरो की तरफ से दायर पूरक आरोप पत्र में आरोपी के तौर पर नामित किया गया था.

यस बैंक डीएचएफएल मामला
यस बैंक डीएचएफएल मामला
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Published : Sep 4, 2021, 10:35 PM IST

मुंबई : सीबीआई अदालत ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की पत्नी और बेटी को ऋणदाता डीएचएफएल से जुड़े एक मामले में अंतरिम जमानत दे दी है. कपूर की पत्नी बिंदू और बेटी राधा को हाल ही में केंद्रीय जांच ब्यूरो की तरफ से दायर पूरक आरोप पत्र में आरोपी के तौर पर नामित किया गया था, हालांकि इस मामले में दोनों को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था.

अदालत ने आरोप-पत्र पर संज्ञान लेते हुए आरोपियों को तलब किया था और दोनों शनिवार को अदालत के समक्ष पेश हुईं. इसके बाद उन्होंने अपने वकील विजय अग्रवाल और राहुल अग्रवाल के माध्यम से जमानत के लिए आवेदन करते हुए दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है क्योंकि, सीबीआई ने जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार किए बिना आरोप-पत्र भी दायर किया था.

इसे भी पढ़ें-सुपरटेक सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी : चेयरमैन आर के अरोड़ा

जांच एजेंसी ने याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, तब दोनों ने अंतरिम जमानत के लिए अनुरोध किया जिसे विशेष न्यायाधीश एस यू वडगांवकर ने स्वीकार कर लिया. सीबीआई के मुताबिक कपूर और उनके परिवार को डीएचएफएल के ऋणपत्र में यस बैंक द्वारा ₹3,700 करोड़ के निवेश के लिए रिश्वत मिली थी.

कपूर एक संबंधित मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से न्यायिक हिरासत में हैं. सीबीआई का दावा है कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) ने बदले में कपूर को ऋण के तौर पर ₹600 करोड़ की घूस दी. घूस की यह रकम उनकी पत्नी और बेटियों द्वारा नियंत्रित एक फर्म को ऋण के रूप में दी गई है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : सीबीआई अदालत ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की पत्नी और बेटी को ऋणदाता डीएचएफएल से जुड़े एक मामले में अंतरिम जमानत दे दी है. कपूर की पत्नी बिंदू और बेटी राधा को हाल ही में केंद्रीय जांच ब्यूरो की तरफ से दायर पूरक आरोप पत्र में आरोपी के तौर पर नामित किया गया था, हालांकि इस मामले में दोनों को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था.

अदालत ने आरोप-पत्र पर संज्ञान लेते हुए आरोपियों को तलब किया था और दोनों शनिवार को अदालत के समक्ष पेश हुईं. इसके बाद उन्होंने अपने वकील विजय अग्रवाल और राहुल अग्रवाल के माध्यम से जमानत के लिए आवेदन करते हुए दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है क्योंकि, सीबीआई ने जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार किए बिना आरोप-पत्र भी दायर किया था.

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जांच एजेंसी ने याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, तब दोनों ने अंतरिम जमानत के लिए अनुरोध किया जिसे विशेष न्यायाधीश एस यू वडगांवकर ने स्वीकार कर लिया. सीबीआई के मुताबिक कपूर और उनके परिवार को डीएचएफएल के ऋणपत्र में यस बैंक द्वारा ₹3,700 करोड़ के निवेश के लिए रिश्वत मिली थी.

कपूर एक संबंधित मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से न्यायिक हिरासत में हैं. सीबीआई का दावा है कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) ने बदले में कपूर को ऋण के तौर पर ₹600 करोड़ की घूस दी. घूस की यह रकम उनकी पत्नी और बेटियों द्वारा नियंत्रित एक फर्म को ऋण के रूप में दी गई है.

(पीटीआई-भाषा)

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