कोरबा: शहर के आईटीआई चौक स्थित टॉप इन टाउन होटल को 100 बिस्तर वाले कोविड-19 हॉस्पिटल में परिवर्तित किया गया है. प्रशासकीय स्वीकृति के बाद न्यू कोरबा हॉस्पिटल(NKH) द्वारा इसका संचालन किया जाएगा. सोमवार को प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने हॉस्पिटल का उद्घाटन किया है. कोरोना के निजी इलाज के लिए शहर में यह दूसरा विकल्प होगा. इसी तरह टीपी नगर के महाराजा होटल को भी कोविड-19 सेंटर में परिवर्तित किया गया है.
टॉप इन टाउन होटल में 100 बेड वाले कोविड हॉस्पिटल का उद्घाटन प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने किया है. जहां नगर पालिक निगम के सभापति श्याम सुन्दर सोनी, उद्योग संघ के अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया, नगर पालिक निगम के अपर आयुक्त अशोक शर्मा सहित महेश भावनानी मौजूद थे.
नए कोविड हॉस्पिटल में तैनात रहेंगे 30 से ज्यादा स्टाफ
NKH के डायरेक्टर एस चंदानी ने बताया कि यह 3 मंजिला नया कोविड-19 हॉस्पिटल 100 बिस्तर की क्षमता के साथ बनाया गया है. अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है. डायरेक्टर एस चंदानी ने बताया कि सभी बिस्तरों पर ऑक्सीजन उपलब्ध कराया गया है. वहीं ग्राउंडफ्लोर पर कैजुअल्टी और ICU की सुविधा होगी. जहां पर 30 से ज्यादा स्टाफ तैनात होंगे. इनमें 2 MD डॉक्टर, 4 RMO, 15 नर्स सहित 5 पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं. जो कोविड-19 अस्पताल में भर्ती मरीजों को सेवाएं देंगे. इसके अलावा सिक्योरटी गार्ड, सफाई कर्मी सहित अन्य अस्पताल से जुड़े लोग सेवाएं देंगे.
NKH के डायरेक्टर एस चंदानी ने दी जानकारी
डायरेक्टर एस चंदानी ने आगे बताया कि इस नए अस्पताल में 34 बेड का ICU भी बनाया गया है. कोरबा में बढ़ते संक्रमण और कम्युनिटी ट्रांसमिशन ने जहां लोगों की चिंता बढ़ा दी है. वहीं कोरबा में शासकीय अस्पतालों के आलावा निजी चिकित्सालय भी अब कोरोना से लड़ने और उसे मात देने के लिए तैयार हैं.
सरकारी अस्पतालों में नहीं हैं जगह
शहर में निजी सुविधा वाले कोविड-19 हॉस्पिटल की शुरुआत हो रही है. वहीं जिले के ESIC हॉस्पिटल जो कि पहला सरकारी सुविधाओं वाला कोविड-19 हॉस्पिटल है. वहां भी सीटें लगभग फूल हो चुकी है. इसके साथ ही जिले के एजुकेशन हब में भी सरकारी सुविधाओं के साथ कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. जहां भी सीटें लगभग फुल हो चुकी है. वहीं NHM के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद सरकारी व्यवस्थाओं में खामियां बढ़ गई है. ऐसे में यह निजी सुविधाओं वाले कोविड सेंटर प्रशासन को राहत पहुंचाएंगी, लेकिन इनके महंगे पैकेज निचले तबके के लोगों के लिए मुश्किल भी खड़ा कर सकते हैं.