सरगुजा: जिले में कोरोना संक्रमण की जांच करने वाले लैब टेक्नीशियन ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा है. कोरोना काल में संक्रमण की पहचान करने में सबसे अहम भूमिका लैब टेक्नीशियन निभा रहे हैं. लैब टेक्नीशियन पीपीई किट पहनकर खतरे के बीच सैम्पल्स की जांच कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अपने इन टेक्नीशियन को भी सुविधा नहीं दे पा रहा है.
इनमें सबसे बुरी स्थिति पड़ोसी राज्यों से आए लैब टेक्नीशियन की है. इन टेक्नीशियनों से पिछले दो महीनों से लगातार काम लिया जा रहा है और उनके रहने खाने की व्यवस्था भी ठीक ढंग से नहीं की गई है. ऐसे में लैब टेक्नीशियन में नाराजगी बढ़ चुकी है.
लगातार लिया जा रहा काम
दरअसल, मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए ट्रू नॉट टेस्ट की सुविधा शुरू होने के बाद से बलरामपुर और सूरजपुर जिले से लैब टेक्नीशियन को दूसरे राज्यों से बुलाया गया था. टेक्नीशियन 24 जुलाई से लगातार कोरोना संक्रमण की जांच में वायरोलॉजी लैब के अंदर काम कर रहे हैं. इन लैब टेक्नीशियन को नवापारा स्थित डाइट भवन में रखा गया है, लेकिन इन टेक्नीशियन के मुताबिक उन्हें कोई सुविधा उन्हें नहीं दी जा रही है. नियम के अनुसार टेक्नीशियन को भी 14 दिन की ड्यूटी के बाद आइसोलेट करना है, लेकिन उनसे लगातार काम कराया जा रहा है.
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सुविधाओं का अभाव
इसके पीछे प्रमुख वजह जिले में टेक्नीशियन की कमी है. इसके साथ ही टेक्नीशियन का कहना है कि, जिस डाइट हॉस्टल में उन्हें रुकवाया गया है, वहां रूम में पंखा और लाइट तक नहीं है. भवन में पानी की कमी है और उन्हें पीने के लिए शुद्ध और गरम पानी तक नहीं मिल रहा है. हॉस्टल से वायरोलॉजी लैब तक आने जाने के लिए कोई सुविधा प्रदान नहीं की गई है, जबकि विभाग के पास शासकीय वाहन उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें समय पर भोजन भी नहीं मिलता है, हॉस्टल में सफाई के नाम पर भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इन समस्याओं को लेकर लैब टेक्नीशियन ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को ज्ञापन सौंपा है.