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ई -कोर्ट लगने से राजस्व मामलों के निराकरण में आई तेजी, लोगों को मिल रहा फायदा

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Published : Aug 20, 2020, 3:41 PM IST

कोरोना के कारण प्रभावित कोर्ट के काम और आम लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ई-कोर्ट के माध्यम से राजस्व विभाग के मामलों के त्वरित निराकरण की शुरुआत हुई है.

Disposal of revenue cases in e-court
ई -कोर्ट में राजस्व मामलों का निराकरण

रायपुर : कोरोना संक्रमण के दौरान कोर्ट कचहरी के काम प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में आम लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ई- कोर्ट के माध्यम से राजस्व विभाग के मामलों के त्वरित निराकरण की शुरुआत हुई है. प्रदेश के सभी जिलों में ई- कोर्ट के तहत राजस्व मामलों का निराकरण किया जा रहा है, जिससे लोगों को इसका लाभ मिल रहा है.

Disposal of revenue cases in e-court
ई -कोर्ट में राजस्व मामलों का निराकरण

इसके पहले राजस्व न्यायालय में दर्ज मामलों की जानकारी के लिए तहसील मुख्यालय जाना पड़ता था, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड की शुरुआत होने के बाद सभी आवेदन ऑनलाइन दर्ज किए जा रहे हैं और आवेदक को उसकी पावती भी दी जा रही है. साथ ही पक्षकारों और उनके मामलों में कि जा रही कार्रवाई की जानकारी भी ऑनलाइन उपलब्ध हो रही है.

पढ़ें:- स्वच्छता सर्वेक्षण 2020: छत्तीसगढ़ सबसे स्वच्छ राज्य, 10 लाख तक आबादी वाले शहरों में अंबिकापुर अव्वल

पक्षकारों को सुनवाई के बाद पेशी की आगामी तारीख भी SMS के जरिए बताई जा रही है . इसके साथ ही न्यायालय की वाद सूची ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही है.

राजस्व मामलों को किया गया ऑनलाइन
राजस्व प्रशासन की ओर से मामलों के जल्द निराकरण के लिए राजस्व न्यायालयों में दायरा पंजी, वाद पंजी और अर्थदंड पंजी को ई-कोर्ट व्यवस्था के अंतर्गत ऑनलाइन किया गया है. साथ ही आम जनता को भू-अभिलेखों की दुरुस्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन करने और आवेदन पर की गई कार्रवाई की स्थिति को ऑनलाइन देखने की सुविधा है. खसरा और बी-1 की डिजिटल हस्ताक्षर युक्त प्रतिलिपि भी ऑनलाइन निशुल्क प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.

दस्तावेजों का ऑनलाइन अपलोड
राजस्व रिकॉर्ड के तहत राजस्व न्यायालय में कलेक्टर से लेकर नायाब तहसीलदार तक सभी न्यायालय पंजीबद्ध हैं. प्रकरणों के पंजीयन से लेकर निराकरण तक की कार्रवाई, जैसे आदेश पत्र लिखना, साक्ष्य अंकित करना, और अंतिम आदेश पारित करना आदि ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है.

रायपुर : कोरोना संक्रमण के दौरान कोर्ट कचहरी के काम प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में आम लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ई- कोर्ट के माध्यम से राजस्व विभाग के मामलों के त्वरित निराकरण की शुरुआत हुई है. प्रदेश के सभी जिलों में ई- कोर्ट के तहत राजस्व मामलों का निराकरण किया जा रहा है, जिससे लोगों को इसका लाभ मिल रहा है.

Disposal of revenue cases in e-court
ई -कोर्ट में राजस्व मामलों का निराकरण

इसके पहले राजस्व न्यायालय में दर्ज मामलों की जानकारी के लिए तहसील मुख्यालय जाना पड़ता था, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड की शुरुआत होने के बाद सभी आवेदन ऑनलाइन दर्ज किए जा रहे हैं और आवेदक को उसकी पावती भी दी जा रही है. साथ ही पक्षकारों और उनके मामलों में कि जा रही कार्रवाई की जानकारी भी ऑनलाइन उपलब्ध हो रही है.

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पक्षकारों को सुनवाई के बाद पेशी की आगामी तारीख भी SMS के जरिए बताई जा रही है . इसके साथ ही न्यायालय की वाद सूची ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही है.

राजस्व मामलों को किया गया ऑनलाइन
राजस्व प्रशासन की ओर से मामलों के जल्द निराकरण के लिए राजस्व न्यायालयों में दायरा पंजी, वाद पंजी और अर्थदंड पंजी को ई-कोर्ट व्यवस्था के अंतर्गत ऑनलाइन किया गया है. साथ ही आम जनता को भू-अभिलेखों की दुरुस्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन करने और आवेदन पर की गई कार्रवाई की स्थिति को ऑनलाइन देखने की सुविधा है. खसरा और बी-1 की डिजिटल हस्ताक्षर युक्त प्रतिलिपि भी ऑनलाइन निशुल्क प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.

दस्तावेजों का ऑनलाइन अपलोड
राजस्व रिकॉर्ड के तहत राजस्व न्यायालय में कलेक्टर से लेकर नायाब तहसीलदार तक सभी न्यायालय पंजीबद्ध हैं. प्रकरणों के पंजीयन से लेकर निराकरण तक की कार्रवाई, जैसे आदेश पत्र लिखना, साक्ष्य अंकित करना, और अंतिम आदेश पारित करना आदि ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है.

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