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सरकारी जमीन आवंटन को लेकर दायर याचिकाओं की होगी एक साथ सुनवाई: HC

शासकीय भूमि आवंटन के केस को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इससे पहले इसी मामले में दायर एक और याचिका पर एक साथ सुनवाई करने का फैसला किया है.

Chhattisgarh highcourt
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Aug 12, 2020, 6:26 PM IST

बिलासपुर : हाईकोर्ट में सरकारी जमीन के आवंटन का अधिकार कलेक्टर को दिए जाने के आदेश को चुनौती देते हुए एक और जनहित याचिका दायर हुई है. जिस पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में बुधवार को सुनवाई हुई. केस में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इससे पहले इसी मामले में दायर एक और याचिका पर एक साथ सुनवाई करने का फैसला किया है.

बता दें कि राज्य सरकार की ओर से 7500 वर्गफुट शासकीय भूमि का आवंटन आवेदकों को किया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने भूमि आवंटन का अधिकार राज्यभर के कलेक्टरों को दिया है. शासन की इस योजना का विरोध करते हुए बीजेपी नेता सुशांत शुक्ला ने जनहित याचिका दायर किया है.

पढ़ें:-सिक्योरिटी गार्ड की संदिग्ध मौत पर हाईकोर्ट ने शासन से मांगा जवाब

दोनों याचिका में होगी एक साथ सुनवाई

बीजेपी नेता सुशांत शुक्ला ने याचिका में कहा है कि शासन केवल आवेदन देने पर ही सीधे भूमि आवंटन कर रहा है. इसके साथ ही आज इसी मामले में एक और जनहित याचिका बालकृष्ण कौशिक की ओर से दायर हुई है. दोनों याचिकाओं में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि शासन ने इस योजना की शुरुआत सुनियोजित ढंग से भू माफियाओं और उच्च वर्ग को लाभ देने के लिए शुरू की है. साथ ही याचिकाकर्ता ने कहा है कि राज्य शासन की इस योजना का लाभ केवल उच्च वर्ग के लोगों को मिलेगा वहीं दूसरी ओर आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग इस योजना से वंचित रह जाएगा. याचिका में शासन की योजना को संविधान के खिलाफ बताया गया है और कोर्ट से इस योजना को निरस्त करने की मांग की है. अब दोनों याचिकाओं पर शुक्रवार को एक साथ सुनवाई होगी. आज मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी .पी साहू की डिविजन बेंच में हुई है.

बिलासपुर : हाईकोर्ट में सरकारी जमीन के आवंटन का अधिकार कलेक्टर को दिए जाने के आदेश को चुनौती देते हुए एक और जनहित याचिका दायर हुई है. जिस पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में बुधवार को सुनवाई हुई. केस में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इससे पहले इसी मामले में दायर एक और याचिका पर एक साथ सुनवाई करने का फैसला किया है.

बता दें कि राज्य सरकार की ओर से 7500 वर्गफुट शासकीय भूमि का आवंटन आवेदकों को किया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने भूमि आवंटन का अधिकार राज्यभर के कलेक्टरों को दिया है. शासन की इस योजना का विरोध करते हुए बीजेपी नेता सुशांत शुक्ला ने जनहित याचिका दायर किया है.

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दोनों याचिका में होगी एक साथ सुनवाई

बीजेपी नेता सुशांत शुक्ला ने याचिका में कहा है कि शासन केवल आवेदन देने पर ही सीधे भूमि आवंटन कर रहा है. इसके साथ ही आज इसी मामले में एक और जनहित याचिका बालकृष्ण कौशिक की ओर से दायर हुई है. दोनों याचिकाओं में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि शासन ने इस योजना की शुरुआत सुनियोजित ढंग से भू माफियाओं और उच्च वर्ग को लाभ देने के लिए शुरू की है. साथ ही याचिकाकर्ता ने कहा है कि राज्य शासन की इस योजना का लाभ केवल उच्च वर्ग के लोगों को मिलेगा वहीं दूसरी ओर आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग इस योजना से वंचित रह जाएगा. याचिका में शासन की योजना को संविधान के खिलाफ बताया गया है और कोर्ट से इस योजना को निरस्त करने की मांग की है. अब दोनों याचिकाओं पर शुक्रवार को एक साथ सुनवाई होगी. आज मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी .पी साहू की डिविजन बेंच में हुई है.

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