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रायपुर : निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले संदिग्ध मरीजों का कोरोना जांच अनिवार्य

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Published : Aug 7, 2020, 12:18 PM IST

Updated : Aug 7, 2020, 12:51 PM IST

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह ने छत्तीसगढ़ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष को पत्र लिखकर निजी चिकित्सालयों में इलाज कराने वाले कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए आदेश जारी किया है. जिससे पीड़ितों की पहचान कर फौरन इलाज शुरू किया जा सके.

State government wrote a letter to IMA
छत्तीसगढ़ मंत्रालय

रायपुर : राज्य शासन ने निजी क्लिनिकों, नर्सिंग होम्स और अस्पतालों में इलाज करवाने वाले कोविड-19 के सभी संदिग्ध मरीजों की कोरोना जांच कराने के आदेश दिए हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह ने छत्तीसगढ़ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष को पत्र लिखकर कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए आदेश जारी किया है. जिससे पीड़ितों की पहचान कर फौरन इलाज शुरू किया जा सके.

विभाग ने कहा है कि अस्पताल में इलाज करा रहे किसी भी मरीज के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने पर अस्पताल को भारत सरकार, ICMR और राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरुप निसंक्रमित (Disinfect) कर 24 घंटे के बाद दोबारा शुरू किया जा सकता है. ऐसे सभी लोग जो निजी क्लीनिक, नर्सिग होम या अस्पताल में इलाज करा रहे हैं और ये कोविड-19 के संदिग्ध मरीज हैं, उनका फौरन कोविड-19 जांच किया जाना आवश्यक है और कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने पर उन्हें कोविड-19 अस्पताल रेफर किया जाना चाहिए.

पढ़ें:- सावधान: पुलिस को चकमा देकर भागा कोविड-19 अस्पताल में भर्ती एक संदिग्ध

अन्य बीमारी से पीड़ित मरीज पर प्रभाव अधिक

स्वास्थ्य सचिव ने आईएमए को लिखे पत्र में कहा है कि प्रदेश वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण की महामारी से जूझ रहा है. यहां अब तक कुल 10 हजार से ज्यादा लोग इसके संक्रमण के प्रभाव में आ चुके हैं. कोविड-19 का संक्रमण अन्य रोग से ग्रस्त मरीज में गंभीर बीमारी के रुप में उभर रहा है. समय पर जांच, पहचान और इलाज नहीं होने पर मौत की संभावना भी बढ़ जाती है. प्रदेश में अभी तक कोविड-19 से संक्रमित कुल 77 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है. इनमें से 51 व्यक्ति किसी अन्य बीमारी (COMORBIDITY) से ग्रसित थे.

रायपुर : राज्य शासन ने निजी क्लिनिकों, नर्सिंग होम्स और अस्पतालों में इलाज करवाने वाले कोविड-19 के सभी संदिग्ध मरीजों की कोरोना जांच कराने के आदेश दिए हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह ने छत्तीसगढ़ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष को पत्र लिखकर कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए आदेश जारी किया है. जिससे पीड़ितों की पहचान कर फौरन इलाज शुरू किया जा सके.

विभाग ने कहा है कि अस्पताल में इलाज करा रहे किसी भी मरीज के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने पर अस्पताल को भारत सरकार, ICMR और राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरुप निसंक्रमित (Disinfect) कर 24 घंटे के बाद दोबारा शुरू किया जा सकता है. ऐसे सभी लोग जो निजी क्लीनिक, नर्सिग होम या अस्पताल में इलाज करा रहे हैं और ये कोविड-19 के संदिग्ध मरीज हैं, उनका फौरन कोविड-19 जांच किया जाना आवश्यक है और कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने पर उन्हें कोविड-19 अस्पताल रेफर किया जाना चाहिए.

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अन्य बीमारी से पीड़ित मरीज पर प्रभाव अधिक

स्वास्थ्य सचिव ने आईएमए को लिखे पत्र में कहा है कि प्रदेश वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण की महामारी से जूझ रहा है. यहां अब तक कुल 10 हजार से ज्यादा लोग इसके संक्रमण के प्रभाव में आ चुके हैं. कोविड-19 का संक्रमण अन्य रोग से ग्रस्त मरीज में गंभीर बीमारी के रुप में उभर रहा है. समय पर जांच, पहचान और इलाज नहीं होने पर मौत की संभावना भी बढ़ जाती है. प्रदेश में अभी तक कोविड-19 से संक्रमित कुल 77 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है. इनमें से 51 व्यक्ति किसी अन्य बीमारी (COMORBIDITY) से ग्रसित थे.

Last Updated : Aug 7, 2020, 12:51 PM IST
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