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निजी स्कूलों की फीस को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका हाईकोर्ट से खारिज

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को राहत देते हुए उन्हें ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी थी,जिस पर पुनर्विचार याचिका के साथ हस्तक्षेप याचिका दायर की गई थी. उसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.

rejected review petition filed for school fees
स्कूल फीस को लेकर पुनर्विचार याचिका खारिज
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Published : Aug 28, 2020, 8:28 PM IST

बिलासपुर : निजी स्कूलों द्वारा की जा रही फीस वसूली को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका के साथ हस्तक्षेप याचिका को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने शुक्रवार को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं को सुनने लायक न मानते हुए खारिज किया है.

बता दें कि, हाल ही में हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को राहत देते हुए उन्हें ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी थी, लेकिन कोर्ट के आदेश जारी करने के बाद से ही परिजन लगातार आरोप लगा रहे हैं कि, अब इसी आदेश के आड़ में उनसे मोटी फीस स्कूलों ने वसूल करना शुरू कर दिया है.

ट्यूशन फीस पर पुनर्विचार करने की मांग
इस मामले में याचिकाकर्ता सिद्धांत डांगी ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. याचिका में ट्यूशन फीस को लेकर पूर्व में जारी किए गए आदेश पर हाईकोर्ट से पुनर्विचार करने की मांग की गई थी. मामले पर सुनवाई के दौरान निजी स्कूलों कि तरफ से पैरवी कर रहे, अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद ही अपना आदेश जारी किया था, जिसमें 3 हस्तक्षेप याचिकाएं भी शामिल थे, जो कि स्टूडेंट और पैरेंट्स एसोसिएशन ने दायर की थी.दोनों पक्षों को सुनवाई को पूरा मौका देने के बाद आदेश जारी किया गया है, इसलिए अब पहले के आदेश पर पुनर्विचार करने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है.

पढ़ें:- HC: सरपंच चुनाव को लेकर लगाई गई याचिका पर फैसला, पूर्व मतगणना के नतीजे मान्य

मामले में शुक्रवार को दायर हुई छत्तीसगढ़ पालक संघ दुर्ग की हस्तक्षेप याचिका भी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने कहा है कि पुर्नविचार याचिका में हस्तक्षेप याचिका नहीं दायर की जा सकती. इसलिए इसे भी खारिज किया जाता है.

बिलासपुर : निजी स्कूलों द्वारा की जा रही फीस वसूली को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका के साथ हस्तक्षेप याचिका को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने शुक्रवार को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं को सुनने लायक न मानते हुए खारिज किया है.

बता दें कि, हाल ही में हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को राहत देते हुए उन्हें ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी थी, लेकिन कोर्ट के आदेश जारी करने के बाद से ही परिजन लगातार आरोप लगा रहे हैं कि, अब इसी आदेश के आड़ में उनसे मोटी फीस स्कूलों ने वसूल करना शुरू कर दिया है.

ट्यूशन फीस पर पुनर्विचार करने की मांग
इस मामले में याचिकाकर्ता सिद्धांत डांगी ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. याचिका में ट्यूशन फीस को लेकर पूर्व में जारी किए गए आदेश पर हाईकोर्ट से पुनर्विचार करने की मांग की गई थी. मामले पर सुनवाई के दौरान निजी स्कूलों कि तरफ से पैरवी कर रहे, अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद ही अपना आदेश जारी किया था, जिसमें 3 हस्तक्षेप याचिकाएं भी शामिल थे, जो कि स्टूडेंट और पैरेंट्स एसोसिएशन ने दायर की थी.दोनों पक्षों को सुनवाई को पूरा मौका देने के बाद आदेश जारी किया गया है, इसलिए अब पहले के आदेश पर पुनर्विचार करने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है.

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मामले में शुक्रवार को दायर हुई छत्तीसगढ़ पालक संघ दुर्ग की हस्तक्षेप याचिका भी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने कहा है कि पुर्नविचार याचिका में हस्तक्षेप याचिका नहीं दायर की जा सकती. इसलिए इसे भी खारिज किया जाता है.

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