जशपुर : आस्ता में मवेशी तस्करी को लेकर हुए बवाल पर अब राजनीति शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु साय ने मवेशी तस्करों का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किए जाने की कार्रवाई को गलत बताते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है.
प्रदेशाध्यक्ष ने ग्रामीणों पर कार्रवाई को बताया दुर्भावनापूर्ण
बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह से कोविड 19 महामारी एक्ट के तहत बीजेपी के कार्यकर्तओं और आम ग्रामीणों पर कार्रवाई की गई है. वह दुर्भावनापूर्ण और दुर्भाग्यजनक है, जबकि कांग्रेस के मंत्री और नेता प्रदेश और जिले में रोज कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. पुलिस का राजनीति के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
जशपुर जिलाध्य्क्ष ने भूपेश सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
बीजेपी के जशपुर जिलाध्य्क्ष रोहित साय ने कहा कि जशपुर जिले में चोरी, डकैती और अपहरण जैसे अपराधों के साथ ही गौ तस्करी को फलने-फूलने के लिए कांग्रेस की सरकार इसे बढ़ावा दे रही है. अपराध नियंत्रण के लिए आकस्मिक रूप से एकत्रित भीड़ पर पुलिस कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण और गलत है. रोहित साय ने कहा कि जब कुनकुरी के विधायक यूडी मिंज संसदीय सचिव बने थे, तो उस समय उनके स्वागत में भारी भीड़ इकट्ठा कर उनका स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया था, लेकिन उस समय जिला प्रशासन की ओर से नियमों का उल्लंघन करने के मामले में कुछ कार्रवाई नहीं की गई.
जशपुर जिलाध्यक्ष रोहित साय ने लगाए कई आरोप
जिले में मवेशी तस्करी कर रहे लोगों के खिलाफ आवाज उठाने पर गौ रक्षकों के साथ मारपीट की गई है. इसके बाद भी प्रशासन की ओर से गौ तस्करों पर कार्रवाई नहीं की गई. जिलाध्यक्ष रोहित साय ने बताया कि तस्करों पर कार्रवाई नहीं होने से गौ रक्षक एकजुट हुए और पुलिस प्रशासन से कार्रवाई की मांग की, लेकिन गौ तस्करों पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने गौ रक्षकों में से 150 लोंगो के खिलाफ केस दर्ज कर उन पर कार्रवाई कर दी. जिला अध्यक्ष रोहित साय ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से इस तरह की कार्रवाई बहुत ही चिंताजनक है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कार्रवाई करते समय सरकार और पुलिस प्रशासन यह भी भूल गई कि इन्हीं तस्करों ने पुलिस के ऊपर भी जानलेवा हमला किया था.
150 ग्रामीणों और बीजेपी नेताओं पर कार्रवाई
बता दें कि मंगलवार को जिले के आस्ता में मवेशी तस्करी के मामले में दो पक्षों के बीच विवाद के बाद तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी, जिसको देखते हुए पुलिस सतर्कता बरत रही है. आस्ता क्षेत्र में तनाव होने के बाद एक पक्ष आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क में उतर आए थे. आस्ता में घंटों चले विवाद के बाद पुलिस की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ था. वहीं पुलिस ने मारपीट के मामले में 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए दूसरे दिन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. वहीं घटना में नाटकीय मोड़ तब आया जब गौ तस्करों के खिलाफ सड़क पर उतरे 150 ग्रामीणों, जिसमें कई बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता उपस्थित थे उनके ऊपर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी की थी, जिसके बाद से जिले के राजनीति में उबाल आ गया है.