राजनांदगांव: हावड़ा-मुंबई ट्रेन से रेस्क्यू किए गए 33 बच्चों को लेकर मदरसा सचिव ने पुलिस पर सवाल खड़े किए थे. मदरसा के सचिव ने राजनांदगांव पुलिस पर दुर्भावना से बच्चों को रोकने का आरोप लगाया था. एएसपी ने सभी आरोपों को निराधार बताया है.
राजनंदगांव पुलिस का साफ कहना है कि बच्चों को ले जा रहे युवक के पास कोई कंसल्ट लेटर नहीं था इसके चलते बच्चों को सीडब्ल्यूसी को सौंपा गया है. एएसपी ने कहा कि इस मामले में मदरसा प्रमुख द्वारा लगाए जा रहे हैं सारे आरोप निराधार हैं.
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- एएसपी यूबीएस चौहान का कहना है कि पुलिस को 27 जून को यह सूचना मिली थी कि हावड़ा मुंबई एक्सप्रेस से कुछ बच्चों को बिना उनके पालकों की अनुमति के महाराष्ट्र ले जाया जा रहा है. सूचना के आधार पर पुलिस ने मुंबई हावड़ा के S5 बोगी में रेस्क्यू कर 35 बच्चों को राजनंदगांव स्टेशन पर उतारा गया.
- एसपी ने कहा कि इसके बाद बच्चों को ले जा रहे युवक जाकिर हुसैन से उनके माता-पिता के कंसल्ट लेटर मांगे गए. कंसल्ट लेटर नहीं होने की स्थिति में बच्चों को महाराष्ट्र जाने से रोका गया और उन्हें सीडब्ल्यूसी को सौंपा गया.
- वर्तमान में बच्चों को सीडब्ल्यूसी ने बच्चों को बाल गृह में रखने के आदेश दिए हैं. वहीं भागलपुर में बच्चों के माता-पिता से सत्यापन कराने के भी आदेश दिए हैं.
- उन्होंने कहा कि किसी संस्था के द्वारा राजनांदगांव पुलिस पर लगाए जा रहे हैं सारे आरोप निराधार हैं बच्चों को किसी भी दुर्भावनावश नहीं रोका गया था.