वाराणसी: उत्तर प्रदेश में काशी विश्वनाथ धाम ( Kashi Vishwanath Dham Corridor ) के लोकार्पण के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm Narendra Modi) को बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में पूजन करवाने वाले पंडित श्रीकांत मिश्र (Pandit Shrikant Mishr) के शास्त्री विधान से पूजन को लेकर एक नया विवाद सामने आया है. इसे लेकर विश्वनाथ मंदिर (Vishwanath Temple) के पूर्व न्यासी प्रदीप बजाज (Pradeep Bajaj) की तरफ से मंदिर प्रशासन और न्यास परिषद को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया गया है.
पत्र में कहा गया है कि जिस दिन पंडित श्रीकांत मिश्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में पूजन करवाया था. उस दिन वह सूतक में थे. उन्होंने श्रीकाशी विश्वनाथ न्यास परिषद इस मामले की जांच कराने की मांग की है. पत्र भेजने वाले प्रदीप बजाज ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री की पूजा कराने के लोभ में श्रीकांत मिश्र अपने सगे भतीजे को अपना मानने से इंकार कर रहे हैं.
दरअसल, बताया गया है कि 5 दिसंबर को सड़क हादसे में पंडित श्रीकांत मिश्रा के भतीजे का निधन हो गया था. इसकी वजह से 10 दिनों तक उन्हें किसी भी तरह के कर्मकांड या पूजा पाठ की इजाजत शास्त्र नहीं देता है. इसके बावजूद वीआईपी मूवमेंट होने की वजह से उन्होंने इस पूरे मामले को दरकिनार करते हुए, 13 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उन्होंने गर्भ गृह में पूजन करवाया था.
सबसे बड़ी बात यह है कि पंडित श्रीकांत मिश्र का नाम ब्राह्मण भोज और श्रद्धांजलि सभा के लिए छपाए गए कार्ड में भी दिया गया था, लेकिन इन सब चीजों को दरकिनार करते हुए पंडित श्रीकांत ने सूतक में ही प्रधानमंत्री पीएम मोदी का पूजन करवाया. हालांकि इस बारे में जब मंदिर प्रशासन से बातचीत की गई तो उन्होंने इस पूरे प्रकरण पर अनभिज्ञता जताई है.
इसे भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करेंगे बाईपास का शिलान्यास, डिप्टी सीएम भी रहेंगे मौजूद
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी से मामले में बात की गई तो, उन्होंने इसकी जानकारी नहीं होने की बात कही. वहीं, इस बारे में जब पंडित श्रीकांत मिश्र से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे भी संपर्क नहीं हो पाया. फिलहाल, इस बारे में पूर्व न्यासी प्रदीप बजाज की तरफ से लिखे गए पत्र के बाद हड़कंप जरूर मचा हुआ है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप