अगरतला: नए साल की शुरुआत में, प्रतिबंधित नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी, विश्वमोहन) संगठन के दो उग्रवादियों ने शनिवार को बीएसएफ(BSF) के सामने आत्मसमर्पण (surrender) कर दिया.
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीएसएफ त्रिपुरा के महानिरीक्षक सुशांत कुमार नाथ ने कहा कि बीएसएफ त्रिपुरा फ्रंटियर सक्रिय उग्रवादियों को आत्मसमर्पण करने और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में सफल रहा है. नतीजतन, विशेष रूप से 'एनएलएफटी (विश्वमोहन) संगठन' के दो उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है. और वे बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं.
सुशांत कुमार नाथ ने कहा कि आज, एनएलएफटी (बीएम) के 02 सक्रिय उग्रवादियों ने 'घर वापसी' का विकल्प चुना है. उनमें से एक एक्टिव ओल्ड कैडर है, जिसका नाम खितीश देबबर्मा उर्फ क्वाखवी है और दूसरा स्वपन देबबर्मा उर्फ बथर है. दोनों खोवाई जिले के चंपाहौर के रहने वाले हैं.
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उन्होंने आगे कहा कि खतीश देबबर्मा कथित तौर पर वर्ष 2019 में एनएलएफटी (बीएम) संगठन में शामिल हुआ और हथियारों और रणनीति में काफी अधिक प्रशिक्षण प्राप्त किया था.
राज्य सरकार द्वारा प्रकाशित सूची के अनुसार वह अब तक एनएलएफटी (बीएम) के सक्रिय कैडर के रूप में सूचीबद्ध है. स्वपन देबबर्मा कथित तौर पर वर्ष 2020 में एनएलएफटी (बीएम) में शामिल हुआ और सक्रिय सदस्य के रूप में संगठन से जुड़ा रहा.