भुवनेश्वर/अमरावती : ओडिशा के मलकानगिरि जिले में बाढ़ग्रस्त निचले इलाकों से कई लोगों को बचाया गया है. पड़ोसी आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी के उफान पर बहने के कारण ये इलाके भी बाढ़ की चपेट में हैं. आंध्र प्रदेश में राजामहेंद्रवरम के समीप दोवालेश्वरम में सर आर्थर कॉटन बराज में जल स्तर शनिवार सुबह 24 लाख क्यूसेक के पार चला गया तथा इसके और बढ़ने की आशंका है.
मलकानगिरि के जिलाधीश विशाल सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित लोगों को शरण देने के लिए विभिन्न स्थानों पर शिविर खोले हैं. सिंह ने कहा, 'जिले में पिछले चार दिनों में भारी बारिश हुई है. गोदावरी नदी का पानी मोतु ब्लॉक तथा इसकी सहायक नदियों सबरी और सिलेरू के तट पर स्थित कुछ अन्य स्थानों में घुस गया है.' जिलाधीश ने बताया कि गोदावरी नदी में जल स्तर भद्रचलम में 70 फुट तक पहुंच गया है जो 2006 में बने पूर्व के रिकॉर्ड से चार फुट ज्यादा है.
सिंह ने जिले के मोतु, कालीमेला और पडिया ब्लॉक का दौरा किया. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा के लिए व्यापक बंदोबस्त किए हैं. उन्होंने कहा, 'अभी तक बाढ़ में कोई जनहानि नहीं हुई है.' इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने ओडिशा के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के साथ ही ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया है. विशेष राहत आयुक्त ने जिलाधीशों को सतर्क रहने और उनसे ओडिशा के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण होने वाले घटनाक्रम पर करीबी नजर रखने को कहा है.
आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी में बाढ़ आयी, कई गांव डूबे - आंध्र प्रदेश में राजामहेंद्रवरम के समीप दोवालेश्वरम में सर आर्थर कॉटन बराज में जल स्तर शनिवार सुबह 24 लाख क्यूसेक के पार चला गया तथा इसके और बढ़ने की आशंका है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, गोदावरी नदी के किनारे स्थित छह जिले के 42 मंडलों के तहत आने वाले करीब 300 गांव बाढ़ की चपेट में हैं जबकि 177 और गांव प्रभावित हैं.
बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित कोनासीमा जिला है, जहां 36 गांव पूरी तरह जलमग्न हैं. एसडीएमए के प्रबंध निदेशक बी आर आंबेडकर ने बताया कि विभिन्न जिलों में करीब 220 राहत शिविर हैं, जहां बाढ़ से प्रभावित 62,337 लोगों ने शरण ली हुई है. मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने प्रभावित जिलों के जिलाधीशों से बात की और उन्हें कम से कम अगले 24 घंटों के लिए चौकन्ना रहने के निर्देश दिए हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 10 दल बचाव एवं राहत अभियानों में लगे हुए हैं.
मुख्यमंत्री जिलाधीशों को बाढ़ से प्रभावित परिवारों को 25 किलोग्राम चावल, एक किलोग्राम तुअर दाल, आलू, प्याज और खाद्य तेल देने का निर्देश दिया है. राहत केंद्रों में शरण लेने वाले प्रत्येक परिवार को 2,000 रुपये दिए जाने को भी कहा गया है.
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