सुकमा: चिंतागुफा थाना क्षेत्र में सक्रिय दो नक्सलियों ने बघेल सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है. दोनों नक्सलियों में एक नक्सली पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था. दोनों कई नक्सली वारदातों में शामिल रह चुके हैं. दोनों को आत्मसमर्पण के बाद 10-10 हजार रुपए का प्रोत्साहन राशि दिया गया है.
कई वारदातों में था शामिल: आत्मसमर्पित नक्सली का नाम जोगा और भीमा है. जोगा साल 2007 से नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. वर्तमान में मिलिशिया कमांडर के तौर पर सक्रिय था. जोगा के ऊपर छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 लाख का इनाम घोषित कर रखा था. जोगा एल्मागुंडा क्षेत्र में सड़क काटने और स्पाइक लगाने की वारदात को अंजाम देता था. साथ ही नक्सलियों के लिए संत्री ड्यूटी का काम भी करता था. वहीं, दूसरा नक्सली भीमा साल 2004-2005 से संगम सदस्य के तौर पर नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. वर्तमान में संगठन में आरपीसी/जीपीसी अध्यक्ष के तौर पर सक्रिय था. भीमा भी स्पाइक लगाने और सड़क काटने की वारदात में शामिल रहता था.
नक्सल उन्ममूल के तहत त्रिवेणी कार्य योजना और पूना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर चिंतागुफा थाना क्षेत्र में सक्रिय दो नक्सलियों ने सरेंडर किया है. दोनों में एक इनामी नक्सली है. दोनों को 10-10 हजार रुपया प्रोत्साहन राशि मुहैया किया गया है. -प्रभात कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नक्सल ऑपरेशन
बता दें कि दोनों नक्सलियों के सरेंडर करने में सीआरपीएफ 131 वाहिनी का खास योगदान है. फिलहाल दोनों नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 10-10 हजार रुपये का प्रोत्साहन राशि दी गई है. इन दिनों लगातार नक्सली पुनर्वास योजना से प्रभावित हो आत्मसमर्पण कर रहे हैं. सुकमा में पुना नार्कोम अभियान के तहत जवानों को काफी हद तक सफलता हाथ लगी है.