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Share Market Crash : शेयर बाजार धड़ाम, साल की बड़ी गिरावट

सेंसेक्स 1,747.08 अंक की भारी गिरावट के साथ 56,405.84 अंक पर और निफ्टी 531.95 अंक के नुकसान से 16,842.80 अंक पर बंद हुआ. यह गिरावट इस साल की सबसे बड़ी गिरावट है. कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा, यूक्रेन पर बढ़ता संकट और वैश्विक इकोनोमी की रफ्तार के प्रभाव की वजह से बाजार में यह गिरावट देखने को मिली है.

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Published : Feb 14, 2022, 4:36 PM IST

Updated : Feb 14, 2022, 5:00 PM IST

मुंबई : सप्ताह के पहले दिन ही यानी सोमवार को शेयर बाजार धड़ाम हो गया. आज साल की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई. सेंसेक्स 1,747.08 अंक की भारी गिरावट के साथ 56,405.84 अंक पर और निफ्टी 531.95 अंक के नुकसान से 16,842.80 अंक पर बंद हुआ.

शेयर मार्केट के जानकारों का कहना है कि बाजार के गिरने की आशंका पहले से बनी हुई थी. उनके अनुसार कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा, यूक्रेन पर बढ़ता संकट और वैश्विक इकोनोमी की रफ्तार का ही असर रहा कि बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली.

रूस-यूक्रेन में तनाव बढ़ने के बीच सोमवार को शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज हुई और सेंसेक्स 1,700 अंक से अधिक टूट गया. वहीं निफ्टी भी भारी गिरावट के साथ 17,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,747.08 अंक या तीन प्रतिशत के नुकसान से 56,405.84 अंक पर आ गया. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 531.95 अंक या 3.06 प्रतिशत टूटकर 17,000 अंक से नीचे 16,842.80 अंक पर बंद हुआ.

सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को छोड़कर अन्य सभी कंपनियों के शेयर नीचे आए. टाटा स्टील, एचडीएफसी और एसबीआई के शेयर चार प्रतिशत से अधिक टूट गए. अन्य एशियाई बाजारों में भी भारी गिरावट रही. इस तरह की खबरें हैं कि रूस जल्द यूक्रेन पर हमला कर सकता है जिससे कच्चे तेल की कीमतें ऊंचाई पर पहुंच जाएंगी. विश्लेषकों ने कहा कि एशियाई बाजारों के नकारात्मक रुख के बीच घरेलू बाजार भी गिरावट के साथ खुले.

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि शुक्रवार को अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए. रूस के जल्द यूक्रेन पर हमला करने की आशंका जताई जा रही है. इससे कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा उपभोक्ता धारणा में गिरावट और निकट भविष्य में मुद्रास्फीति के बढ़ने की संभावना से भी निवेशक प्रभावित हुए.

वैश्विक स्तर पर ब्रेंट कच्चा तेल वायदा करीब एक प्रतिशत चढ़कर 95.44 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 108.53 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. आपको बता दें कि पिछले सप्ताह भी बाजार में बड़ी गिरावट आई थी. गत शुक्रवार को बाजार में लगभग 1000 अंकों की गिरावट देखी गई थी. हालांकि, बाद में बाजार (सेंसेक्स) थोड़ा रिकवर हुआ. और यह 773.3 अंक गिरकर 58152.92 अंक पर बंद हुआ था. सेंसेक्स की तरह एनएसई में भी 231.10 अंकों की गिरावट आई थी.

ये भी पढ़ें : एलआईसी में 5% हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, मूल्यांकन करीब 5.4 लाख करोड़ रुपये

मुंबई : सप्ताह के पहले दिन ही यानी सोमवार को शेयर बाजार धड़ाम हो गया. आज साल की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई. सेंसेक्स 1,747.08 अंक की भारी गिरावट के साथ 56,405.84 अंक पर और निफ्टी 531.95 अंक के नुकसान से 16,842.80 अंक पर बंद हुआ.

शेयर मार्केट के जानकारों का कहना है कि बाजार के गिरने की आशंका पहले से बनी हुई थी. उनके अनुसार कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा, यूक्रेन पर बढ़ता संकट और वैश्विक इकोनोमी की रफ्तार का ही असर रहा कि बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली.

रूस-यूक्रेन में तनाव बढ़ने के बीच सोमवार को शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज हुई और सेंसेक्स 1,700 अंक से अधिक टूट गया. वहीं निफ्टी भी भारी गिरावट के साथ 17,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,747.08 अंक या तीन प्रतिशत के नुकसान से 56,405.84 अंक पर आ गया. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 531.95 अंक या 3.06 प्रतिशत टूटकर 17,000 अंक से नीचे 16,842.80 अंक पर बंद हुआ.

सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को छोड़कर अन्य सभी कंपनियों के शेयर नीचे आए. टाटा स्टील, एचडीएफसी और एसबीआई के शेयर चार प्रतिशत से अधिक टूट गए. अन्य एशियाई बाजारों में भी भारी गिरावट रही. इस तरह की खबरें हैं कि रूस जल्द यूक्रेन पर हमला कर सकता है जिससे कच्चे तेल की कीमतें ऊंचाई पर पहुंच जाएंगी. विश्लेषकों ने कहा कि एशियाई बाजारों के नकारात्मक रुख के बीच घरेलू बाजार भी गिरावट के साथ खुले.

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि शुक्रवार को अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए. रूस के जल्द यूक्रेन पर हमला करने की आशंका जताई जा रही है. इससे कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा उपभोक्ता धारणा में गिरावट और निकट भविष्य में मुद्रास्फीति के बढ़ने की संभावना से भी निवेशक प्रभावित हुए.

वैश्विक स्तर पर ब्रेंट कच्चा तेल वायदा करीब एक प्रतिशत चढ़कर 95.44 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 108.53 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. आपको बता दें कि पिछले सप्ताह भी बाजार में बड़ी गिरावट आई थी. गत शुक्रवार को बाजार में लगभग 1000 अंकों की गिरावट देखी गई थी. हालांकि, बाद में बाजार (सेंसेक्स) थोड़ा रिकवर हुआ. और यह 773.3 अंक गिरकर 58152.92 अंक पर बंद हुआ था. सेंसेक्स की तरह एनएसई में भी 231.10 अंकों की गिरावट आई थी.

ये भी पढ़ें : एलआईसी में 5% हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, मूल्यांकन करीब 5.4 लाख करोड़ रुपये

Last Updated : Feb 14, 2022, 5:00 PM IST
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