रायपुर: महात्मा गांधी की हत्या और नाथूराम गोडसे को लेकर पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि" नाथूराम गोडसे ने जिस समय महात्मा गांधी को मारने का विचार किया. उस समय नाथूराम गोडसे ने मान लिया कि मैं मर गया हूं. इस बात से जुड़ा सबूत मेरे पास है. महात्मा गांधी की हत्या गोडसे ने की है. इससे मैं सहमत नहीं हूं"
"गांधीजी की हत्या गोडसे ने की है. इस बात से मैं सहमत नहीं हूं. लेकिन जो उनका वक्तव्य है. उससे जुड़ी वृंदावन में मेरे पास वह पुस्तक है. उस पुस्तक को पढ़ने के बाद आपका ह्रदय स्वीकार करेगा. नाथूराम गोडसे अत्यंत व्यथित थे. जो चाल चलन उस समय उनका था. उन्होंने कोर्ट में जो बयान दिया है. वह पुस्तक प्रतिबंधित है. लेकिन मेरे पास वृंदावन और पुरी में वह किताब है. उनके वक्तव्य को पढ़ने के बाद प्रभावित हुए बिना आप नहीं रह सकते. उनका पूरा ग्रंथ पढ़ लीजिए.": शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज
"जिस समय नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को मारने का विचार किया. उस समय उन्होंने मान लिया था कि वह मर गए हैं. उन्होंने स्वयं कहा था, मैं मारा ही जाऊंगा. फांसी की सजा मिलेगी. मैंने महात्मा गांधी को इसलिए मारा कि, उस व्यक्ति की कूटनीति चल जाती अगर वह सबसे अधिक समय तक जीवित रहते. इससे ना भारत का अस्तित्व सिद्ध होता और ना आदर्श सिद्ध होता." : शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज
प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वामी निश्चलानंद ने धर्मांतरण को लेकर भी अपने मत रखे. उन्होंने कहा कि" शासन तंत्र की दिशाहीनता के कारण हिंदुओं को धर्मांतरित किया जाता है. सेवा के नाम पर अल्पसंख्यक बनाने का काम किया जा रहा है. शासन केंद्र की हो या राज्य की उसकी दिशाहीनता के कारण धर्म बदलने वालों की दाल गलती है. भाजपा और कांग्रेस के कार्यकाल को लेकर कहा कि मैं किसी पार्टी का नहीं हूं ना ही मैं कांग्रेस से हूं और ना ही मैं भाजपा से हूं. मुझे फंसाने का प्रयास मत कीजिए"
इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नाथूराम गोडसे को भारत माता का सपूत करार दिया था. अब शंकराचार्य ने नाथूराम गोडसे को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है. इन बयानों को लेकर आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में राजनीति और तेज होगी.