उज्जैन। सावन के तीसरे सोमवार को महाकाल मंदिर में अल सुबह 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए, सबसे पहले बाबा महाकाल को सभी पंडा-पुजारियों ने नियम अनुसार जल चढ़ाकर दूध, घी, शहद, शकर व दही से पंचामृत अभिषेक किया. इसके बाद बाबा का भांग से श्रृंगार किया गया और बाद में महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीत गिरी महाराज के द्वारा भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित की गई, वहीं भस्म आरती के बाद बाबा का चंदन, फल, व वस्त्र से विशेष श्रृंगार किया गया. बता दें कि इस बार श्रद्धालुओं को चलित भस्म आरती से भी दर्शन की व्यवस्था की गई है, जिसमें महाकाल प्रबंधक समिति ने 40 मिनट में श्रद्धालुओं को दर्शन की व्यवस्था की है.
ऐसे करें महाकाल के लाइव दर्शन: महाकाल के दिव्य दर्शन के लिए अब आपको उज्जैन जाना जरूरी नहीं है, आप www.mahakaleshwar.nic.in एवं महाकाल के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर जाकर भी भगवान की आरती और दिन भर दर्शन के साथ-साथ सवारी का भी सीधा प्रसारण (लाईव) आप अपने घर बैठ कर भी देख सकते हैं.
महाकाल के दर्शन मात्र से पूर्ण होती हैं सारी इच्छाएं: दरअसल सावन का महीना भगवान महाकाल का अति प्रिय महीना होता है, ऐसे में श्रद्धालु भगवान महाकाल को प्रसन्न करने के लिए अनेकों प्रकार के जतन करते हैं. श्रद्धालु भगवान महाकाल की उपासना करते हैं, साथ ही साथ वे भगवान की पूजा और भक्ति में लीन भी रहते हैं. माना जाता है कि भगवान महाकाल के दर्शन मात्र से ही सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है और इसके अलावा यदि कोई श्रद्धालु सच्चे मन से भगवान महाकाल को एक बेलपत्र चढ़ाए तो उसकी इच्छाएं पूर्ण करते हैं और यह सिलसिला पूरे सावन तक ऐसे ही चलता रहता है.
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प्रजा का हाल जानने भ्रमण पर निकलेंगे महाकाल: उज्जैन बाबा महाकाल शाम 4:00 बजे अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल की पालकी में शामिल होंगे. आज भगवान महाकाल पालकी में चंद्रमौलेश्वर के रूप में दर्शन देंगे, तो वहीं भगवान मन महेश के रूप में हाथी पर से भक्तों को दर्शन देंगे. इसके साथ ही पीछे बैलगाड़ी के रथ और शिव तांडव के रूप में दर्शन देंगे. बता दें कि भक्तों को बड़ी बाबा महाकाल की सवारी का बड़ा इंतजार रहता है और वे बाबा की एक झलक पाकर अपने आपको धन्य समझते हैं.