बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की बहू और जेसीसीजे नेता अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी के जाति मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. ऋचा जोगी ने मुंगेली कोतवाली थाना में उनके खिलाफ एफआईआर और गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शासन से केस डायरी तलब किया है.
यह भी पढ़ें: world human rights day 2022: छत्तीसगढ़ मानवाधिकार आयोग में मामलों की स्थिति
लोअर कोर्ट से खारिज हो चुका है अग्रिम जमानत आवेदन: ऋचा जोगी ने मुंगेली जिला एवं सत्र न्यायालय में 23 नवंबर को अग्रिम जमानत आवेदन पेश किया था. ऋचा जोगी के अग्रिम जमानत पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय में सुनवाई हुई. ऋचा जोगी की ओर से उनके वकील ने न्यायालय से अग्रिम जमानत देने का निवेदन करते हुए तर्क दिया. शासन की ओर से लोक अभियोजक मनीष चौबे ने अग्रिम जमानत का विरोध किया. दोनों पक्षों का तर्क सुनने के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश(फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय) पीएस मरकाम ने ऋचा जोगी के अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया. अब जिला न्यायालय से राहत नहीं मिलने पर ऋचा जोगी हाईकोर्ट पहुंचीं हैं.
जून 2021 में उच्च स्तरीय समिति ने प्रमाणपत्र किया था निरस्त: साल 2020 में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद खाली हुई मरवाही विधानसभा सीट के लिए उनकी बहू ऋचा जोगी ने पर्चा दाखिल किया था. उन्होंने ऋचा रूपाली साधु के नाम से जाति प्रमाण पत्र जारी होना बताया. जून 2021 को उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने ऋचा जोगी के गोंड अनुसूचित जनजाति के स्थायी प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया था.
जांच समिति की रिपोर्ट पर दर्ज हुई FIR: उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने जांच में पाया था कि ऋचा जोगी के पिता क्रिश्चियन थे. इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर ऋचा जोगी के खिलाफ सहायक आयुक्त एलआर कुर्रे ने मुंगेली कोतवाली में केस दर्ज कराया है. शिकायत में कहा गया है कि ऋचा रुपाली साधु (शादी से पहले का नाम) ने अवैध रूप से अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र तैयार कर इसे उपयोग किया.
जोगी परिवार की मुश्किलें बढ़ीं: राज्य स्तरीय छानबीन समिति के निर्देश पर मुंगेली आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त एलआर कुर्रे ने ऋचा जोगी द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने की मुंगेली सिटी कोतवाली थाने में शिकायत की थी. इस पर पुलिस ने 16 नवंबर को अपराध दर्ज किया. एफआईआर के बाद जोगी परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. लोअर कोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन खारिज होने के बाद अब वे हाईकोर्ट पहुंचीं हैं.