नई दिल्ली: भारत सरकार ने अगले वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी को आमंत्रित करने का फैसला किया है. विदेश मंत्रालय ने आज इसकी जानकारी दी. वर्ष 2022 में कोरोना के कारण कोई विदेशी मेहमान बतौर मुख्य नहीं आए.
दरअसल भारत की यह परंपरा रही है कि हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी न किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता रहा है. कोरोना के कारण यह परंपरा दो सालों तक बंद थी. दो साल बाद गणतंत्र दिवस के मौके पर विदेशी मेहमान देश के मुख्य अतिथि होंगे. भारत का यह कदम मिस्र के साथ राजनीतिक और सैन्य संबंधों को मजबूती प्रदान करने में मददगार साबित होगा.
इससे पहले आखिरी बार ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियस बोलसोनारो साल 2020 में गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आए थे. बता दें कि 2021 में गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन को न्योता भेजा गया था, लेकिन कोरोना की वजह से वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके थे. वहीं, 2022 में गणतंत्र दिवस की परेड के लिए पांच मध्य एशियाई देशों को आमंत्रित किया गया था. कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं को समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया था. लेकिन कोरोना के कारण वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके.
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में यह भी कहा कि 'यह पहली बार है जब अरब गणराज्य मिस्र के राष्ट्रपति हमारे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे.' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अल-सीसी को औपचारिक निमंत्रण भेजा था, जो विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 16 अक्टूबर को मिस्र के राष्ट्रपति का सौंपा था. दोनों देश इस साल राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. मंत्रालय के बयान में कहा गया कि मिस्र को 2022-23 में जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान 'अतिथि देश' के तौर पर आमंत्रित किया गया है.
इसमें कहा गया है, 'भारत और मिस्र के सभ्यतागत तथा लोगों से लोगों के बीच गहरे संबंधों पर आधारित मैत्रीपूर्ण संबंध हैं.' मित्र देशों के नेता 1950 से ही गणतंत्र दिवस समारोहों की शोभा बढ़ाते रहे हैं. 1950 में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था. 1952, 1953 और 1966 में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर कोई विदेशी नेता शामिल नहीं हुआ.
ये भी पढ़ें- एनडीटीवी का अधिग्रहण एक जिम्मेदारी है, न कि व्यावसायिक अवसर : गौतम अडाणी
इस साल भारत ने गणतंत्र दिवस समारोह में पांच मध्य एशियाई गणराज्यों के नेताओं को आमंत्रित किया था. वहीं, 2018 में गणतंत्र दिवस समारोह में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के सभी 10 देशों के नेता गणतंत्र दिवस परेड में उपस्थित रहे थे. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (2015), रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (2007), फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सार्कोजी (2008) और फ्रांस्वा ओलांद (2016) भी विगत में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि रह चुके हैं.
(पीटीआई-भाषा इनपुट)