नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 76 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को राष्ट्र को संबोधित करेंगी. द्रौपदी मुर्मू पिछले महीने राष्ट्रपति चुनी गई थीं. उनका संबोधन शाम 7 बजे से ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के सभी राष्ट्रीय नेटवर्क पर प्रसारित किये जाएंगे. दूरदर्शन के सभी चैनलों पर हिंदी में और उसके बाद अंग्रेजी में भी प्रसारित किये जाएंगे.
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति के संबोधन का प्रसारण आकाशवाणी के सभी राष्ट्रीय नेटवर्क पर तथा दूरदर्शन के सभी चैनलों पर शाम 7 बजे से किया जाएगा. इसे पहले हिंदी में और उसके बाद अंग्रेजी में प्रसारित किया जाएगा. बयान में कहा गया है, ‘दूरदर्शन पर हिंदी और अंग्रेजी में संबोधन के प्रसारण के बाद इसके क्षेत्रीय चैनलों द्वारा संबंधित क्षेत्रीय भाषाओं में इसे प्रसारित किया जाएगा. आकाशवाणी अपने संबंधित क्षेत्रीय नेटवर्क पर रात 9.30 बजे क्षेत्रीय भाषा में इसे प्रसारित करेगा.'
मुर्मू (64) ने 25 जुलाई को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. वह शीर्ष संवैधानिक पद पर आसीन होने वाली सबसे कम उम्र की और पहली आदिवासी हैं. वह ऐसी पहली राष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म देश की आजादी के बाद हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे. भारत की आजादी के 75वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में 'हर घर तिरंगा' अभियान में लोग उत्साह से भाग ले रहे हैं.
शनिवार को शुरू हुआ 'हर घर तिरंगा' अभियान 15 अगस्त तक चलेगा. 'हर घर तिरंगा' आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में लोगों को तिरंगा घर लाने और भारत की आजादी के 75 वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक अभियान है. इस कार्यक्रम में हर जगह भारतीयों को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित करने की परिकल्पना की गई है. कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय ध्वज के साथ संबंध को औपचारिक या संस्थागत रखने के बजाय अधिक व्यक्तिगत बनाना है.
आजादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता के 75 साल और भारत के लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है. यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को उसकी विकास यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि अपने भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म निर्भर भारत के दृष्टिकोण को शक्ति प्रदान करता है.