ETV Bharat / bharat

Raipur : छत्तीसगढ़ में बजरंग बली पर क्यों है सियासी खलबली ?

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले बजरंग दल को बैन करने की बात पर राजनीति चरम पर है. जहां एक ओर बजरंग दल को बीजेपी बजरंग बली का सेवक बता रही है.तो वहीं कांग्रेस की नजर में बजरंग दल धार्मिक उन्माद फैलाने में माहिर है.ऐसे में छत्तीसगढ़ में बजरंग दल को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है.

Bajrang Bali in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में बजरंग बली पर सियासत
author img

By

Published : May 6, 2023, 5:00 PM IST

Updated : May 9, 2023, 12:04 AM IST

छत्तीसगढ़ में बजरंग बली पर सियासत

रायपुर : छत्तीसगढ़ से पहले कर्नाटक में चुनाव हो रहे हैं. कर्नाटक में भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होनी है. कर्नाटक में जब कांग्रेस का घोषणापत्र आया तो उसमें लिखे गए एक वादे ने पूरे देश की राजनीति गर्मा दी. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में लिखा था कि," वो यदि सत्ता में आई तो प्रदेश में PFI और बजरंग दल जैसे संगठनों को बैन कर देगी".इस घोषणापत्र का समर्थन करते हुए छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ''यदि जरुरत पड़ी तो प्रदेश में भी बजरंग दल को बैन किया जा सकता है".

सीएम भूपेश ने साफ शब्दों में कहा कि "बजरंग दल के सदस्य प्रदेश में गड़बड़ी ना करें.गड़बड़ी करने पर तरीके से निपटा जाएगा". वहीं पीएम मोदी के बजरंग दल को समर्थन करने पर भी सीएम भूपेश ने निशाना साधा. भूपेश बघेल ने कहा कि "वो तो फेंकने में माहिर हैं.जो चीज पाकिस्तान की होती है.उसे भारत का बता देते हैं.मेनिफेस्टो में बजरंग दल को बैन करने की बात कही गई है. ना कि बजरंग बली को.बजरंग बली सभी के आराध्य हैं.इसका मतलब ये नहीं है कि कुछ खास गुंडों को बजरंग बली के नाम पर गुंडागर्दी की अनुमति दे दी जाए.''

सीएम भूपेश के बयान के बाद बवाल : सीएम भूपेश ने कर्नाटक में बजरंग दल के बैन को लेकर जो बयान दिया. उसके बाद प्रदेश की राजनीति उफान पर आ गई.बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने सीएम भूपेश और कांग्रेस पार्टी का विरोध करना शुरु किया.जिला मुख्यालयों में पुतले फूंके गए. धमतरी में पुतला दहन नहीं कर पाने के कारण राजीव भवन में तोड़फोड़ की गई.जिसमें पुलिस ने नामजद पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया. इन लोगों को बाद में जमानत पर रिहाई मिली. प्रदेश में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने बयान जारी करते हुए कहा कि ''हम लोग उनके प्रतिबंध के लिए तैयार हैं. छत्तीसगढ़ की जनता उन्हें जवाब देगी. छत्तीसगढ़ का एक-एक युवा आज बजरंग दल के साथ जुड़ा हुआ है. हम चाहते हैं हमारे सांस्कृतिक धार्मिक धरोहर छत्तीसगढ़ में सुरक्षित रहे. हम मुख्यमंत्री से आग्रह भी करते हैं और उन्हें यह बात साफ तौर पर बता देना चाहते हैं उनका ऐसा कोई भी कदम उनके लिए आत्मघाती होगा."

'ताकत है तो प्रतिबंध लगाकर दिखाएं': बजरंग दल के प्रांत संयोजक ऋषि कुमार मिश्रा ने कहा "बजरंग दल राष्ट्र सेवकों का दल है. ऐसे संगठन पर प्रतिबंध लगाने की बात हो रही है. लेकिन यह बात जान लीजिए रावण ने हनुमान जी को कैद करने की और उनकी पूछ में आग लगाने को कोशिश की थी, जिसका परिणाम सभी जानते हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को छूने की कोशिश भी ना करें. बजरंग दल का प्रांत संयोजक होने के नाते में मुख्यमंत्री को चुनौती देता हूं कि आप में अगर ताकत है तो बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाकर बताइए."

" सीएम भूपेश को हनुमानजी लगा देंगे ठिकाने" : वहीं प्रदेश में बजरंग दल बैन करने के मामले में बीजेपी भी कूद पड़ी है. पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ हनुमान चालीसा का सदबुद्धि पाठ किया. बृजमोहन की माने तो सीएम भूपेश बघेल की बुद्धि सही नहीं है. इसलिए उनकी सद्बुद्धि के लिए पाठ किया गया है. यदि सीएम भूपेश बघेल ने बजरंग दल पर बैन लगाने की हिमाकत की तो बजरंग बली उन्हें ठिकाने लगा देंगे. इधर सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बजरंगबली को याद किया है. ट्वीट में उन्होंने लिखा है. जय बजरंग बली..तोड़ दे भ्रष्टाचार की नली.

ये भी पढ़ें- बजरंग दल ने जलाया कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे का पुतला

कर्नाटक में कांग्रेस ने लिया यू टर्न : कर्नाटक से शुरु हुए विवाद को कांग्रेस ने अब कर्नाटक से ही खत्म करने की कोशिश शुरु की है. कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने मैनिफेस्टो पर यू-टर्न लेते हुए कहा कि "कांग्रेस बजरंग दल पर प्रतिबंध करने का विचार नहीं कर रही है. बीजेपी ने बात को गलत तरीके से पेश करके धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम किया है. कांग्रेस बजरंग दल पर बैन नहीं लगा रही बल्कि, कर्नाटक में अंजनेया (हनुमान) मंदिरों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है. यदि कांग्रेस कर्नाटक की सत्ता में आती है तो प्रदेश के हनुमान मंदिरों का जीर्णोद्धार करेंगे.अंजनेया विकास बोर्ड का गठन करके हनुमान जी के मंदिरों को संरक्षित किया जाएगा."

बजरंगबली पर चुनावी साल में सियासत ने लोगों की भावनाओं को भड़का दिया है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां इस मुद्दे पर अपनी सियासी रोटी सेकने में लगी है. ऐसे में देखना होगा कि कर्नाटक के बाद छत्तीसगढ़ के आने वाले चुनाव में बजरंगबली का मुद्दा कितना अहम साबित होता है.

छत्तीसगढ़ में बजरंग बली पर सियासत

रायपुर : छत्तीसगढ़ से पहले कर्नाटक में चुनाव हो रहे हैं. कर्नाटक में भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होनी है. कर्नाटक में जब कांग्रेस का घोषणापत्र आया तो उसमें लिखे गए एक वादे ने पूरे देश की राजनीति गर्मा दी. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में लिखा था कि," वो यदि सत्ता में आई तो प्रदेश में PFI और बजरंग दल जैसे संगठनों को बैन कर देगी".इस घोषणापत्र का समर्थन करते हुए छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ''यदि जरुरत पड़ी तो प्रदेश में भी बजरंग दल को बैन किया जा सकता है".

सीएम भूपेश ने साफ शब्दों में कहा कि "बजरंग दल के सदस्य प्रदेश में गड़बड़ी ना करें.गड़बड़ी करने पर तरीके से निपटा जाएगा". वहीं पीएम मोदी के बजरंग दल को समर्थन करने पर भी सीएम भूपेश ने निशाना साधा. भूपेश बघेल ने कहा कि "वो तो फेंकने में माहिर हैं.जो चीज पाकिस्तान की होती है.उसे भारत का बता देते हैं.मेनिफेस्टो में बजरंग दल को बैन करने की बात कही गई है. ना कि बजरंग बली को.बजरंग बली सभी के आराध्य हैं.इसका मतलब ये नहीं है कि कुछ खास गुंडों को बजरंग बली के नाम पर गुंडागर्दी की अनुमति दे दी जाए.''

सीएम भूपेश के बयान के बाद बवाल : सीएम भूपेश ने कर्नाटक में बजरंग दल के बैन को लेकर जो बयान दिया. उसके बाद प्रदेश की राजनीति उफान पर आ गई.बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने सीएम भूपेश और कांग्रेस पार्टी का विरोध करना शुरु किया.जिला मुख्यालयों में पुतले फूंके गए. धमतरी में पुतला दहन नहीं कर पाने के कारण राजीव भवन में तोड़फोड़ की गई.जिसमें पुलिस ने नामजद पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया. इन लोगों को बाद में जमानत पर रिहाई मिली. प्रदेश में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने बयान जारी करते हुए कहा कि ''हम लोग उनके प्रतिबंध के लिए तैयार हैं. छत्तीसगढ़ की जनता उन्हें जवाब देगी. छत्तीसगढ़ का एक-एक युवा आज बजरंग दल के साथ जुड़ा हुआ है. हम चाहते हैं हमारे सांस्कृतिक धार्मिक धरोहर छत्तीसगढ़ में सुरक्षित रहे. हम मुख्यमंत्री से आग्रह भी करते हैं और उन्हें यह बात साफ तौर पर बता देना चाहते हैं उनका ऐसा कोई भी कदम उनके लिए आत्मघाती होगा."

'ताकत है तो प्रतिबंध लगाकर दिखाएं': बजरंग दल के प्रांत संयोजक ऋषि कुमार मिश्रा ने कहा "बजरंग दल राष्ट्र सेवकों का दल है. ऐसे संगठन पर प्रतिबंध लगाने की बात हो रही है. लेकिन यह बात जान लीजिए रावण ने हनुमान जी को कैद करने की और उनकी पूछ में आग लगाने को कोशिश की थी, जिसका परिणाम सभी जानते हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को छूने की कोशिश भी ना करें. बजरंग दल का प्रांत संयोजक होने के नाते में मुख्यमंत्री को चुनौती देता हूं कि आप में अगर ताकत है तो बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाकर बताइए."

" सीएम भूपेश को हनुमानजी लगा देंगे ठिकाने" : वहीं प्रदेश में बजरंग दल बैन करने के मामले में बीजेपी भी कूद पड़ी है. पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ हनुमान चालीसा का सदबुद्धि पाठ किया. बृजमोहन की माने तो सीएम भूपेश बघेल की बुद्धि सही नहीं है. इसलिए उनकी सद्बुद्धि के लिए पाठ किया गया है. यदि सीएम भूपेश बघेल ने बजरंग दल पर बैन लगाने की हिमाकत की तो बजरंग बली उन्हें ठिकाने लगा देंगे. इधर सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बजरंगबली को याद किया है. ट्वीट में उन्होंने लिखा है. जय बजरंग बली..तोड़ दे भ्रष्टाचार की नली.

ये भी पढ़ें- बजरंग दल ने जलाया कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे का पुतला

कर्नाटक में कांग्रेस ने लिया यू टर्न : कर्नाटक से शुरु हुए विवाद को कांग्रेस ने अब कर्नाटक से ही खत्म करने की कोशिश शुरु की है. कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने मैनिफेस्टो पर यू-टर्न लेते हुए कहा कि "कांग्रेस बजरंग दल पर प्रतिबंध करने का विचार नहीं कर रही है. बीजेपी ने बात को गलत तरीके से पेश करके धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम किया है. कांग्रेस बजरंग दल पर बैन नहीं लगा रही बल्कि, कर्नाटक में अंजनेया (हनुमान) मंदिरों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है. यदि कांग्रेस कर्नाटक की सत्ता में आती है तो प्रदेश के हनुमान मंदिरों का जीर्णोद्धार करेंगे.अंजनेया विकास बोर्ड का गठन करके हनुमान जी के मंदिरों को संरक्षित किया जाएगा."

बजरंगबली पर चुनावी साल में सियासत ने लोगों की भावनाओं को भड़का दिया है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां इस मुद्दे पर अपनी सियासी रोटी सेकने में लगी है. ऐसे में देखना होगा कि कर्नाटक के बाद छत्तीसगढ़ के आने वाले चुनाव में बजरंगबली का मुद्दा कितना अहम साबित होता है.

Last Updated : May 9, 2023, 12:04 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.