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लॉकडाउन के दौरान पर्यटन क्षेत्र में 2.1 करोड़ से अधिक नौकरियां गईं: सरकार

संसद में केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है कि तालाबंदी के दौरान पर्यटन क्षेत्र में 2.1 करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष नौकरियों से हाथ धोना पड़ा था. हालांकि सरकार ने धीरे धीरे लॉकडाउन को हटाया था परंतु लोग कोरोना के भय से यात्रा नहीं कर रहे थे जिससे पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों का काफी बूरे दौर से गुजरना पड़ा.

लॉकडाउन के दौरान नौकरियां
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Published : Apr 1, 2022, 9:36 AM IST

नई दिल्ली : कोविड -19 वैश्विक महामारी के प्रकोप ने देश में यात्रा और पर्यटन उद्योग को सबसे ज्यादा प्रभावित किया क्योंकि ये सेवाएं लॉकडाउन के दौरान बुरी तरह से प्रभावित हुई थी. जिसके परिणामस्वरूप अप्रैल-दिसंबर 2020 की अवधि के दौरान देश में 2.1 करोड़ अर्थात 21.5 मिलियन लोगों को नौकरियां छूट गई का नुकसान हुआ. सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में इसकी जानकारी दी है. राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह के एक सवाल के जवाब में पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में कुल रोजगार में 60% से अधिक की कटौती हुई थी. देश में कोरोना वायरस महामारी के दौरान पर्यटन में लगे परिवारों के लिए आर्थिक नुकसान और वसूली की नीतियों के शीर्षक के तहत किए गए एक अध्ययन के आंकड़ों का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि तालाबंदी के दौरान पर्यटन क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों की प्रत्यक्ष नौकरियां गईं.

देशव्यापी तालाबंदी के कारण नौकरियां गई : देश में अत्यधिक संक्रामक SarS-CoV-2 वायरस के कम्युनिटी प्रसार को रोकने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2020 में तीन महीने के पूर्ण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया था. तीन माह के बाद सरकार ने धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था को खोलना शुरू कर दिया था परंतु यात्रा प्रतिबंधित थे. हालांकि कोविड वायरस के संक्रमण के डर से भी लोग यात्रा नहीं कर रहे थे और होटल और आतिथ्य उद्योग बुरी तरह प्रभावित रहे. अध्ययन के अनुसार साल 2020 की पहली तिमाही में 14.5 मिलियन प्रत्यक्ष नौकरियां, दूसरी तिमाही में 5.2 मिलियन और तीसरी तिमाही में 1.8 मिलियन लोगों ने प्रत्यक्ष नौकरियां गंवाई. वित्तीय वर्ष 2020-21 (अप्रैल-दिसंबर 2020 की अवधि) के पहले नौ महीनों के दौरान संचयी नौकरी का नुकसान 21.5 मिलियन प्रत्यक्ष नौकरियों पर आंका गया है, जो कि पूर्व-महामारी अवधि के दौरान क्षेत्र में कुल प्रत्यक्ष नौकरियों का 61% से ज्यादा थी. जब इस क्षेत्र में लगभग 34.8 मिलियन प्रत्यक्ष नौकरियां थीं.

पर्यटन अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: पर्यटन क्षेत्र को हुए नुकसान का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान समग्र आर्थिक मंदी के कारण पर्यटन अर्थव्यवस्था या पर्यटन प्रत्यक्ष सकल मूल्य वर्धित (TDGVA) में पहली तिमाही में 42.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, दूसरी तिमाही में 15.5 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 1.1 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली. पर्यटकों के आवागमन में आयी गिरावट के कारण, जो महामारी के दौरान पर्यटन संबंधी व्यय में कटौती करता है, यह अनुमान है कि पर्यटन प्रत्यक्ष सकल मूल्य वर्धित (TDGVA) द्वारा मापी गई पर्यटन अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में 93.3 प्रतिशत तक गिर गई है- 21 साल-दर-साल आधार पर जब पूरा देश पूर्ण तालाबंदी के अधीन था.

यह भी पढ़ें-आईटी कंपनी की नौकरी छोड़ शुरू किया कोल्हापुरी चप्पल का व्यवसाय, विदेशों में भी है डिमांड

नई दिल्ली : कोविड -19 वैश्विक महामारी के प्रकोप ने देश में यात्रा और पर्यटन उद्योग को सबसे ज्यादा प्रभावित किया क्योंकि ये सेवाएं लॉकडाउन के दौरान बुरी तरह से प्रभावित हुई थी. जिसके परिणामस्वरूप अप्रैल-दिसंबर 2020 की अवधि के दौरान देश में 2.1 करोड़ अर्थात 21.5 मिलियन लोगों को नौकरियां छूट गई का नुकसान हुआ. सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में इसकी जानकारी दी है. राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह के एक सवाल के जवाब में पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में कुल रोजगार में 60% से अधिक की कटौती हुई थी. देश में कोरोना वायरस महामारी के दौरान पर्यटन में लगे परिवारों के लिए आर्थिक नुकसान और वसूली की नीतियों के शीर्षक के तहत किए गए एक अध्ययन के आंकड़ों का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि तालाबंदी के दौरान पर्यटन क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों की प्रत्यक्ष नौकरियां गईं.

देशव्यापी तालाबंदी के कारण नौकरियां गई : देश में अत्यधिक संक्रामक SarS-CoV-2 वायरस के कम्युनिटी प्रसार को रोकने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2020 में तीन महीने के पूर्ण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया था. तीन माह के बाद सरकार ने धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था को खोलना शुरू कर दिया था परंतु यात्रा प्रतिबंधित थे. हालांकि कोविड वायरस के संक्रमण के डर से भी लोग यात्रा नहीं कर रहे थे और होटल और आतिथ्य उद्योग बुरी तरह प्रभावित रहे. अध्ययन के अनुसार साल 2020 की पहली तिमाही में 14.5 मिलियन प्रत्यक्ष नौकरियां, दूसरी तिमाही में 5.2 मिलियन और तीसरी तिमाही में 1.8 मिलियन लोगों ने प्रत्यक्ष नौकरियां गंवाई. वित्तीय वर्ष 2020-21 (अप्रैल-दिसंबर 2020 की अवधि) के पहले नौ महीनों के दौरान संचयी नौकरी का नुकसान 21.5 मिलियन प्रत्यक्ष नौकरियों पर आंका गया है, जो कि पूर्व-महामारी अवधि के दौरान क्षेत्र में कुल प्रत्यक्ष नौकरियों का 61% से ज्यादा थी. जब इस क्षेत्र में लगभग 34.8 मिलियन प्रत्यक्ष नौकरियां थीं.

पर्यटन अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: पर्यटन क्षेत्र को हुए नुकसान का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान समग्र आर्थिक मंदी के कारण पर्यटन अर्थव्यवस्था या पर्यटन प्रत्यक्ष सकल मूल्य वर्धित (TDGVA) में पहली तिमाही में 42.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, दूसरी तिमाही में 15.5 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 1.1 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली. पर्यटकों के आवागमन में आयी गिरावट के कारण, जो महामारी के दौरान पर्यटन संबंधी व्यय में कटौती करता है, यह अनुमान है कि पर्यटन प्रत्यक्ष सकल मूल्य वर्धित (TDGVA) द्वारा मापी गई पर्यटन अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में 93.3 प्रतिशत तक गिर गई है- 21 साल-दर-साल आधार पर जब पूरा देश पूर्ण तालाबंदी के अधीन था.

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