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Chhattisgarh crime news: गूगल का इस्तेमाल कर ठगी का नया तरीका, रहें सावधान

साइबर क्राइम की दुनिया में ठग रोजाना नए तरीकों का इजाद करते (Chhattisgarh crime news) हैं. इसी कड़ी में अब वो गूगल की तरह वेबसाइट बनाकर ठगी कर रहे (New way of cheating using google) हैं.ठग मोबाइल कंपनी से लेकर बड़ी कंपनियों के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर रखे हुए हैं. वह हूबहू असली वेबसाइट की तरह दिखाई (online fraud in chhattisgarh) देती है. उसमें ठग हेल्पलाइन नंबर पर अपना नंबर अपलोड करके रखे हैं. जिसके जरिए वह ठगी की वारदात को अंजाम (Frauds doing cyber fraud through Google in Chhattisgarh) देते हैं

Chhattisgarh crime news
गूगल का इस्तेमाल कर ठगी
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Published : Aug 3, 2022, 9:50 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे (Chhattisgarh crime news) हैं. साइबर ठगों के बिछाए जाल में लोग आसानी से फंस रहे हैं. ठगी के लिए फ्राड नए-नए तरीके अपना रहे (New way of cheating using google) हैं. इसी के तहत अब ठगों ने कई कंपनियों के नाम गूगल में अपना नंबर डाला (New way of cheating using google) है. लोग जैसे ही संबंधित कंपनी को फोन करते हैं. साइबर ठग ओटीपी मांगकर ठगी की वारदात को अंजाम दे देते हैं. आइए जाने राजधानी में किस तरह लोग ठगी का शिकार हो (Frauds doing cyber fraud through Google in Chhattisgarh) रहे हैं.



बड़ी-बड़ी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट : ठग मोबाइल कंपनी से लेकर बड़ी कंपनियों के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर रखे हुए हैं. वह हूबहू असली वेबसाइट की तरह दिखाई देती है. उसमें ठग हेल्पलाइन नंबर पर अपना नंबर अपलोड करके रखे हैं. डिजिटल प्लेटफार्म में इमरजेंसी नंबर की जगह अपना नंबर अपलोड किए हैं. लोग उसमें मदद के लिए फोन करते हैं. ठग मोबाइल पर लिंक भेजकर प्रोसेस कराते हैं. उसके बाद खाते से पैसा निकाल लेते हैं.

गूगल का इस्तेमाल कर ठगी
केस-1 -शांति नगर की रहने वाली निगीता सिंह ने ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई (cyber crime in raipur ) है. निगीता ने बेमेतरा की विक्रम गैस एजेंसी से गैस कनेक्शन रायपुर की कान्हा गैस एजेंसी तेलीबांधा में ट्रांसफर कराना चाहती थी. इसके लिए उसने गूगल पर गैस एजेंसी का नंबर सर्च किया. गूगल से मिले मोबाइल नंबर पर फोन किया. सामने वाले की ओर से क्यूआर कोड भेजा गया और फोन-पे से स्केन करने को कहा गया. फोन धारक ने कहा कि पैसा ट्रांसफर करने के बाद रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. इसके बाद बदमाशों ने बातों में उलझाकर उसके खाते से करीब 98 हजार रुपये पार कर दिए.
केस-2 -सिविल लाइन स्थित साइबर सेल में शुभांकर शर्मा ने भी एक शिकायत दर्ज कराई है. शुभांकर ने बताया- उसका इंस्टाग्राम हैक हो गया (thug number on google in raipur) था. इसकी ऑनलाइन कंप्लेन करने के लिए गूगल पर साइबर सेल का नंबर सर्च किया. इसके बाद उस नंबर पर फोन कर इसकी शिकायत की. थोड़ी देर बार उसी नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया. जिस पर रसीद काटने के एवज में पैसे की मांग की गई. साथ ही उसके पास एक ओटीपी भी आया. जिसका नंबर बताने कहा गया. शुभांकर समझ गया कि उसके साथ फ्राड हो रहा है. इसके बाद ओटीपी बताने के बजाय शुभांकर साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है.


कैसे ठगी से बचें :साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि " गूगल पर किसी कंपनी का नंबर या कस्टमर केयर नंबर सर्च करते हैं सावधान हो जाए. क्योंकि साइबर ठग अपना नंबर डालकर रखे हुए हैं. इससे बचने के लिए तीन गोल्डन रूल यानी 3 एस बोलते हैं. सबसे पहले आज उसे थोड़ा धीरे देखें कि क्या नंबर (fraudulent website use)है. किस यूआरएल पे वो नंबर मेंशन है. वह किस यूआरएल से दिखा रहा है. दूसरा क्या वह यूआरएल उसी वेबसाइट का है, जिसे आप चेक कर रहे हैं. तीसरा आपका स्टाप. यदि आपको लगता है कि यह वह वेबसाइट नहीं है. कोई दूसरी वेबसाइट है तो आप इसे छोड़ दें. इसके अलावा गूगल पर कभी भी वेबसाइट पर जाएं तो उसके सेटिंग्स पर जाएं और देखें कि उसका यूआरएल अथराइज्ड है या नहीं. इसके साथ ही कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करने के बजाय ईमेल करने की कोशिश करें. इससे आपकी चीजें ज्यादा सेफ रहेंगी. यह भी ध्यान दें कि कोई सीपीआई के सपोर्ट के बदले पैसा देने की बात करें या रिफंड करने की बात करें और सीपीआई पर क्लिक करें तो यह भूल कर भी न करें.''




ये भी पढ़ें- रायपुर के लोग हर रोज हो रहे साइबर ठगी के शिकार


क्या कहते हैं अफसर : इस मामले को लेकर एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट प्रभारी गिरीश तिवारी कहते हैं. "इस तरह के मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद नंबर को ब्लॉक किया जाता है. साथ ही वेबसाइट को भी ब्लॉक करने की कवायद की जाती है. कोई भी कंपनी ओटीपी नंबर मांगती है तो समझ जाओ आपके साथ फ्राड हो रहा है."

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे (Chhattisgarh crime news) हैं. साइबर ठगों के बिछाए जाल में लोग आसानी से फंस रहे हैं. ठगी के लिए फ्राड नए-नए तरीके अपना रहे (New way of cheating using google) हैं. इसी के तहत अब ठगों ने कई कंपनियों के नाम गूगल में अपना नंबर डाला (New way of cheating using google) है. लोग जैसे ही संबंधित कंपनी को फोन करते हैं. साइबर ठग ओटीपी मांगकर ठगी की वारदात को अंजाम दे देते हैं. आइए जाने राजधानी में किस तरह लोग ठगी का शिकार हो (Frauds doing cyber fraud through Google in Chhattisgarh) रहे हैं.



बड़ी-बड़ी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट : ठग मोबाइल कंपनी से लेकर बड़ी कंपनियों के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर रखे हुए हैं. वह हूबहू असली वेबसाइट की तरह दिखाई देती है. उसमें ठग हेल्पलाइन नंबर पर अपना नंबर अपलोड करके रखे हैं. डिजिटल प्लेटफार्म में इमरजेंसी नंबर की जगह अपना नंबर अपलोड किए हैं. लोग उसमें मदद के लिए फोन करते हैं. ठग मोबाइल पर लिंक भेजकर प्रोसेस कराते हैं. उसके बाद खाते से पैसा निकाल लेते हैं.

गूगल का इस्तेमाल कर ठगी
केस-1 -शांति नगर की रहने वाली निगीता सिंह ने ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई (cyber crime in raipur ) है. निगीता ने बेमेतरा की विक्रम गैस एजेंसी से गैस कनेक्शन रायपुर की कान्हा गैस एजेंसी तेलीबांधा में ट्रांसफर कराना चाहती थी. इसके लिए उसने गूगल पर गैस एजेंसी का नंबर सर्च किया. गूगल से मिले मोबाइल नंबर पर फोन किया. सामने वाले की ओर से क्यूआर कोड भेजा गया और फोन-पे से स्केन करने को कहा गया. फोन धारक ने कहा कि पैसा ट्रांसफर करने के बाद रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. इसके बाद बदमाशों ने बातों में उलझाकर उसके खाते से करीब 98 हजार रुपये पार कर दिए.
केस-2 -सिविल लाइन स्थित साइबर सेल में शुभांकर शर्मा ने भी एक शिकायत दर्ज कराई है. शुभांकर ने बताया- उसका इंस्टाग्राम हैक हो गया (thug number on google in raipur) था. इसकी ऑनलाइन कंप्लेन करने के लिए गूगल पर साइबर सेल का नंबर सर्च किया. इसके बाद उस नंबर पर फोन कर इसकी शिकायत की. थोड़ी देर बार उसी नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया. जिस पर रसीद काटने के एवज में पैसे की मांग की गई. साथ ही उसके पास एक ओटीपी भी आया. जिसका नंबर बताने कहा गया. शुभांकर समझ गया कि उसके साथ फ्राड हो रहा है. इसके बाद ओटीपी बताने के बजाय शुभांकर साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है.


कैसे ठगी से बचें :साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि " गूगल पर किसी कंपनी का नंबर या कस्टमर केयर नंबर सर्च करते हैं सावधान हो जाए. क्योंकि साइबर ठग अपना नंबर डालकर रखे हुए हैं. इससे बचने के लिए तीन गोल्डन रूल यानी 3 एस बोलते हैं. सबसे पहले आज उसे थोड़ा धीरे देखें कि क्या नंबर (fraudulent website use)है. किस यूआरएल पे वो नंबर मेंशन है. वह किस यूआरएल से दिखा रहा है. दूसरा क्या वह यूआरएल उसी वेबसाइट का है, जिसे आप चेक कर रहे हैं. तीसरा आपका स्टाप. यदि आपको लगता है कि यह वह वेबसाइट नहीं है. कोई दूसरी वेबसाइट है तो आप इसे छोड़ दें. इसके अलावा गूगल पर कभी भी वेबसाइट पर जाएं तो उसके सेटिंग्स पर जाएं और देखें कि उसका यूआरएल अथराइज्ड है या नहीं. इसके साथ ही कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करने के बजाय ईमेल करने की कोशिश करें. इससे आपकी चीजें ज्यादा सेफ रहेंगी. यह भी ध्यान दें कि कोई सीपीआई के सपोर्ट के बदले पैसा देने की बात करें या रिफंड करने की बात करें और सीपीआई पर क्लिक करें तो यह भूल कर भी न करें.''




ये भी पढ़ें- रायपुर के लोग हर रोज हो रहे साइबर ठगी के शिकार


क्या कहते हैं अफसर : इस मामले को लेकर एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट प्रभारी गिरीश तिवारी कहते हैं. "इस तरह के मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद नंबर को ब्लॉक किया जाता है. साथ ही वेबसाइट को भी ब्लॉक करने की कवायद की जाती है. कोई भी कंपनी ओटीपी नंबर मांगती है तो समझ जाओ आपके साथ फ्राड हो रहा है."

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