नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को देशभर में स्नातक स्तरीय चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG 2021) के परिणाम घोषित करने की गुरुवार को अनुमति दे दी.
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने एनटीए को नीट के परिणाम घोषित नहीं करने तथा दो अभ्यर्थियों के लिए फिर से परीक्षा कराने के निर्देश देने संबंधी बॉम्बे हाई कोर्ट के हालिया आदेश पर रोक लगा दी. दोनों विद्यार्थियों के प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट महाराष्ट्र के एक परीक्षा केंद्र में आपस में मिल गए थे.
पीठ ने एनटीए की ओर से पक्ष रख रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर संज्ञान लेने के बाद कहा, हम उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हैं. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी परिणाम घोषित कर सकती है.
पीठ ने कहा, हम अदालत के पुन: खुलने (दीपावली की छुट्टियों के बाद) पर दोनों विद्यार्थियों के बारे में निर्णय लेंगे. इस बीच हम जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करते हैं. लेकिन हम 16 लाख छात्रों का परिणाम नहीं रोक सकते.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 20 अक्टूबर को एक अभूतपूर्व फैसले में एनटीए को आदेश दिया था कि दो अभ्यर्थियों के लिए नये सिरे से परीक्षा आयोजित की जाए और उनके परिणाम 12 सितंबर को हुई परीक्षा के मुख्य परिणामों के साथ घोषित किये जाएं.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस तथ्य का संज्ञान लिया था कि दो अभ्यर्थियों - वैष्णवी भोपाली और अभिषेक शिवाजी के प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट परीक्षा शुरू होने से पहले परीक्षा केंद्र पर आपस में मिल गए थे. अदालत ने आदेश दिया था कि उन्हें नये सिरे से परीक्षा देने का अवसर मिले.
यह भी पढ़ें- SC ने नीट परीक्षा में कथित अनियमितता पर रिपोर्ट तलब करने के लिये दायर याचिका खारिज की
स्नातक स्तर के मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिहाज से नीट परीक्षा आयोजित करने के लिए 2018 में एनटीए की स्थापना की गई थी. एनटीए ने याचिका में बताया कि 16,14,777 अभ्यर्थियों के लिए 202 शहरों में 3,682 केंद्रों पर 12 सितंबर को परीक्षा आयोजित की गई.
(पीटीआई-भाषा)