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भारतीय छात्रों की वापसी पर पीएम मोदी- पुतिन वार्ता, छात्रों को रोके जाने की बात यूक्रेन ने किया खारिज

यूक्रेन में रूसी हमले तेज (Russian attacks in Ukraine intensify) हो गए हैं और भारतीय छात्रों की वापसी का मामला मुश्किल होता जा रहा है. रिपोर्ट्स में कहा गया कि रूस ने भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकलने के लिए समय सीमा निर्धारित की है. इसी को लेकर पीएम मोदी (Modi Putin Talk) ने रूसी राष्ट्रपति से फोन पर बातचीत की है. मॉस्को में रक्षा मंत्रालय ने एक मीडिया ब्रीफिंग में यह आरोप भी लगाया कि यूक्रेन के अधिकारी भारतीय छात्रों के एक समूह को उनकी बेलगोरोद जाने की इच्छा के विपरीत खारकीव में जबरदस्ती रोक कर रख रहे हैं. हालांकि भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यूक्रेन जो अपना खून बहा रहा है, वह वहां फंसे हुए विदेशी छात्रों की मदद कर रहा है.

Modi Putin
मोदी पुतिन
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Published : Mar 2, 2022, 10:33 PM IST

Updated : Mar 3, 2022, 9:40 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी (Safe return of Indian students) को लेकर पीएम मोदी व रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच टेलीफोनिक बातचीत (Modi Putin Talk) हुई है. सूत्रों के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की है. जानकारी के अनुसार दोनों नेताओं ने यूक्रेन की स्थिति की समीक्षा की, विशेष रूप से खार्किव में जहां कई भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, उन पर बातचीत हुई. पीएम मोदी ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की है.

रूस के सैन्य अभियान से बुरी तरह प्रभावित पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी अभियान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की.

पीएमओ ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने यूक्रेन की स्थिति की समीक्षा की, खासकर खारकीव की जहां बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. उन्होंने युद्धग्रस्त क्षेत्र से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की. प्रधानमंत्री की पुतिन से यह पिछले छह दिनों के भीतर दूसरी बार बातचीत हुई है. यह बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी को लेकर भारत में चिंता का माहौल है. खारकीव में रूसी सेना व्यापक स्तर पर गोलीबारी कर रही है और वहां यूक्रेन की सेना मजबूती से जवाबी कार्रवाई कर रही है.

पुतिन से बातचीत से पहले मोदी ने यहां एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता भी की. बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अलावा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के प्रयासों को तेज करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी रविवार से लगातार बैठकें कर रहे हैं. उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. करीब 20,000 भारतीयों में से अब तक 6,000 को स्वदेश लाया जा चुका है.

यूक्रेन में हालात बिगड़ते देख वहां स्थित भारतीय दूतावास ने छात्रों सहित अपने सभी नागरिकों से तुरंत खारकीव छोड़ने की अपील की है. रक्षा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय नागरिकों से तत्काल पेसोचिन, बाबाये और बेजलीयुदोव्का पहुंचने को कहा गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत सरकार यूक्रेन में फंसे अपने हर नागरिक को सुरक्षित वापस लाएगी.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन में बिगड़ते हालातों के मद्देनजर यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि जोसेप बोरेल, फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-वेस ली द्रियां और एस्टोनेशियाई विदेश मंत्री इवा-मारिया लिमेट्स से बात की. जयशंकर ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी और कहा कि हिंसा का अंत बहुत आवश्यक है. इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि यूक्रेन से निकासी अभियान के तहत अब तक कुल 15 उड़ान भारत आ चुकी हैं. उन्होंने बताया कि अगले 24 घंटे मे 15 उड़ान निर्धारित की गई हैं जिनमें से कुछ रास्ते में हैं. इस अभियान में भारतीय वायु सेना को भी लगाया गया है.

रूस के सैन्य अभियान से बुरी तरह प्रभावित यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास ने परामर्श में कहा, जिन छात्रों को वाहन या बसें नहीं मिल रहे और जो रेलवे स्टेशन पर हैं, वे पैदल पेसोचिन, बाबई और बेजलिदिवका पहुंच सकते हैं. उसने ट्वीट किया, हर परिस्थिति में भारतीय इन स्थानों पर आज यूक्रेन के समय अनुसार शाम छह बजे (1800) तक पहुंच जाएं. यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने यह परामर्श ऐसे समय में दिया है जब यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण इस पूर्वी यूरोपीय देश में हालात अत्यधिक खराब हो गए हैं. खासतौर पर खारकीव पर हमले तेज होने की खबरें आ रही हैं.

गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले यूक्रेन में गोलाबारी के कारण एक भारतीय छात्र नवीन की मौत हो गई थी. इससे पहले, पोलैंड में भारतीय दूतावास ने लवीव, तर्नोपिल और पश्चिमी यूक्रेन के अन्य हिस्सों में फंसे भारतीयों को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द पोलैंड की सीमा में दाखिल होने के लिए बुडोमिर्ज सीमा चौकी पर पहुंचें. भारत में रूस के राजदूत नियुक्त किये गये डेनिस अलीपोव ने संवाददाताओं से कहा कि रूस, यूक्रेन के खारकीव, सुमी एवं अन्य संघर्ष वाले इलाकों में फंसे भारतीयों को सुरक्षित रास्ता देने के लिये ‘मानवीय गलियारा’ बनाने के वास्ते गहनता से काम कर रहा है.

यह भी पढ़ें- India Russia Relations: रूस ने भारत को दिया भरोसा, जारी रहेगी रक्षा सौदों की आपूर्ति

वहीं रूस व यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (war between Russia and Ukraine) के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) बुधवार शाम फिर हाईलेवल मीटिंग की है. प्रधानमंत्री यूक्रेन संकट पर यह तीसरी हाईलेवल मीटिंग है. वहीं संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लिट्स्या ने कहा है कि यूक्रेन को गहरा खेद है कि खार्किव में रूसी सशस्त्र बलों द्वारा भारत का एक छात्र इस गोलाबारी का शिकार हो गया है. हम भारत और पीड़ित के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.

‘रूसी सेना भारतीयों की सुरक्षित निकासी में मदद को तैयार’

रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके सशस्त्र बल यूक्रेन के खारकीव शहर से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिहाज से सभी जरूरी कदम उठाने को तैयार हैं. भारत में रूसी दूतावास के एक अधिकारी ने रूस के रक्षा मंत्रालय की ब्रीफिंग का ब्योरा साझा किया. मॉस्को में रक्षा मंत्रालय ने एक मीडिया ब्रीफिंग में यह आरोप भी लगाया कि यूक्रेन के अधिकारी भारतीय छात्रों के एक समूह को उनकी बेलगोरोद जाने की इच्छा के विपरीत खारकीव में जबरदस्ती रोक कर रख रहे हैं. हालांकि भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यूक्रेन जो अपना खून बहा रहा है, वह वहां फंसे हुए विदेशी छात्रों की मदद कर रहा है.

नई दिल्ली: भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी (Safe return of Indian students) को लेकर पीएम मोदी व रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच टेलीफोनिक बातचीत (Modi Putin Talk) हुई है. सूत्रों के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की है. जानकारी के अनुसार दोनों नेताओं ने यूक्रेन की स्थिति की समीक्षा की, विशेष रूप से खार्किव में जहां कई भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, उन पर बातचीत हुई. पीएम मोदी ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की है.

रूस के सैन्य अभियान से बुरी तरह प्रभावित पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी अभियान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की.

पीएमओ ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने यूक्रेन की स्थिति की समीक्षा की, खासकर खारकीव की जहां बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. उन्होंने युद्धग्रस्त क्षेत्र से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की. प्रधानमंत्री की पुतिन से यह पिछले छह दिनों के भीतर दूसरी बार बातचीत हुई है. यह बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी को लेकर भारत में चिंता का माहौल है. खारकीव में रूसी सेना व्यापक स्तर पर गोलीबारी कर रही है और वहां यूक्रेन की सेना मजबूती से जवाबी कार्रवाई कर रही है.

पुतिन से बातचीत से पहले मोदी ने यहां एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता भी की. बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अलावा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के प्रयासों को तेज करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी रविवार से लगातार बैठकें कर रहे हैं. उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. करीब 20,000 भारतीयों में से अब तक 6,000 को स्वदेश लाया जा चुका है.

यूक्रेन में हालात बिगड़ते देख वहां स्थित भारतीय दूतावास ने छात्रों सहित अपने सभी नागरिकों से तुरंत खारकीव छोड़ने की अपील की है. रक्षा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय नागरिकों से तत्काल पेसोचिन, बाबाये और बेजलीयुदोव्का पहुंचने को कहा गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत सरकार यूक्रेन में फंसे अपने हर नागरिक को सुरक्षित वापस लाएगी.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन में बिगड़ते हालातों के मद्देनजर यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि जोसेप बोरेल, फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-वेस ली द्रियां और एस्टोनेशियाई विदेश मंत्री इवा-मारिया लिमेट्स से बात की. जयशंकर ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी और कहा कि हिंसा का अंत बहुत आवश्यक है. इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि यूक्रेन से निकासी अभियान के तहत अब तक कुल 15 उड़ान भारत आ चुकी हैं. उन्होंने बताया कि अगले 24 घंटे मे 15 उड़ान निर्धारित की गई हैं जिनमें से कुछ रास्ते में हैं. इस अभियान में भारतीय वायु सेना को भी लगाया गया है.

रूस के सैन्य अभियान से बुरी तरह प्रभावित यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास ने परामर्श में कहा, जिन छात्रों को वाहन या बसें नहीं मिल रहे और जो रेलवे स्टेशन पर हैं, वे पैदल पेसोचिन, बाबई और बेजलिदिवका पहुंच सकते हैं. उसने ट्वीट किया, हर परिस्थिति में भारतीय इन स्थानों पर आज यूक्रेन के समय अनुसार शाम छह बजे (1800) तक पहुंच जाएं. यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने यह परामर्श ऐसे समय में दिया है जब यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण इस पूर्वी यूरोपीय देश में हालात अत्यधिक खराब हो गए हैं. खासतौर पर खारकीव पर हमले तेज होने की खबरें आ रही हैं.

गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले यूक्रेन में गोलाबारी के कारण एक भारतीय छात्र नवीन की मौत हो गई थी. इससे पहले, पोलैंड में भारतीय दूतावास ने लवीव, तर्नोपिल और पश्चिमी यूक्रेन के अन्य हिस्सों में फंसे भारतीयों को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द पोलैंड की सीमा में दाखिल होने के लिए बुडोमिर्ज सीमा चौकी पर पहुंचें. भारत में रूस के राजदूत नियुक्त किये गये डेनिस अलीपोव ने संवाददाताओं से कहा कि रूस, यूक्रेन के खारकीव, सुमी एवं अन्य संघर्ष वाले इलाकों में फंसे भारतीयों को सुरक्षित रास्ता देने के लिये ‘मानवीय गलियारा’ बनाने के वास्ते गहनता से काम कर रहा है.

यह भी पढ़ें- India Russia Relations: रूस ने भारत को दिया भरोसा, जारी रहेगी रक्षा सौदों की आपूर्ति

वहीं रूस व यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (war between Russia and Ukraine) के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) बुधवार शाम फिर हाईलेवल मीटिंग की है. प्रधानमंत्री यूक्रेन संकट पर यह तीसरी हाईलेवल मीटिंग है. वहीं संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लिट्स्या ने कहा है कि यूक्रेन को गहरा खेद है कि खार्किव में रूसी सशस्त्र बलों द्वारा भारत का एक छात्र इस गोलाबारी का शिकार हो गया है. हम भारत और पीड़ित के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.

‘रूसी सेना भारतीयों की सुरक्षित निकासी में मदद को तैयार’

रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके सशस्त्र बल यूक्रेन के खारकीव शहर से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिहाज से सभी जरूरी कदम उठाने को तैयार हैं. भारत में रूसी दूतावास के एक अधिकारी ने रूस के रक्षा मंत्रालय की ब्रीफिंग का ब्योरा साझा किया. मॉस्को में रक्षा मंत्रालय ने एक मीडिया ब्रीफिंग में यह आरोप भी लगाया कि यूक्रेन के अधिकारी भारतीय छात्रों के एक समूह को उनकी बेलगोरोद जाने की इच्छा के विपरीत खारकीव में जबरदस्ती रोक कर रख रहे हैं. हालांकि भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यूक्रेन जो अपना खून बहा रहा है, वह वहां फंसे हुए विदेशी छात्रों की मदद कर रहा है.

Last Updated : Mar 3, 2022, 9:40 AM IST
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