ETV Bharat / bharat

अदालत मस्जिद के सर्वेक्षण से जुड़ी याचिका की विचारणीयता पर अभी फैसला नहीं सुनाए: हाईकोर्ट

मेंगलुरु के निकट एक मस्जिद में मंदिर जैसी संरचना मिलने की खबर के बाद कोर्ट में सर्वे की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई थी. कर्नाटक हाईकोर्ट ने निचली अदालत को इस याचिका पर अपना फैसला नहीं सुनाने का आदेश दिया है.

karnataka HC
कर्नाटक हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jun 14, 2022, 7:29 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मेंगलुरु की एक अदालत को निर्देश दिया है कि वह एक स्थानीय मस्जिद का सर्वेक्षण करने के अनुरोध को लेकर दायर मूल मुकदमे की विचारणीयता पर अपना फैसला नहीं सुनाए. मेंगलुरु में तृतीय अतिरिक्त सिविल अदालत टी. ए. धनंजय और बी. ए. मनोज कुमार की याचिका की सुनवाई कर रही है, जिसमें दावा किया गया है कि मेंगलुरु के निकट थेंका उलीपाडी गांव, मलाली में असैद अब्दुल्लाही मदनी मस्जिद के नवीनीकरण के दौरान ‘मंदिर जैसी संरचना’ का पता चला था. उन्होंने इस दावे की पुष्टि के लिए मस्जिद का सर्वे कराने का अनुरोध किया है.

उच्च न्यायालय में उन्हीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक रेड्डी ने दलील दी कि अदालत द्वारा नियुक्त आयुक्त द्वारा एक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए और उसके आधार पर एक रिपोर्ट सौंपी जानी चाहिए, लेकिन निचली अदालत को इससे पहले इस तरह के मामले की विचारणीयता पर निर्णय लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने दलील दी कि यदि निचली अदालत में याचिका को विचारणीयता के मुद्दे पर खारिज कर दिया जाता है, तो मस्जिद के अंदर की संरचनाओं को हटाए जाने या नष्ट किए जाने की आशंका है.

उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की एकल पीठ ने सोमवार को मस्जिद के अधिकारियों को नोटिस जारी किया और निचली अदालत को मुकदमे की विचारणीयता पर अपना फैसला नहीं सुनाने का निर्देश दिया. मामले में अगली सुनवाई 17 जून को होगी. इससे पहले, निचली अदालत ने मस्जिद के अधिकारियों को विवादित ढांचे को नहीं हटाने का निर्देश दिया था.

ये भी पढ़ें : कर्नाटक में अब नहीं टूटेगा मंदिर, विधानसभा में विधेयक पारित

बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मेंगलुरु की एक अदालत को निर्देश दिया है कि वह एक स्थानीय मस्जिद का सर्वेक्षण करने के अनुरोध को लेकर दायर मूल मुकदमे की विचारणीयता पर अपना फैसला नहीं सुनाए. मेंगलुरु में तृतीय अतिरिक्त सिविल अदालत टी. ए. धनंजय और बी. ए. मनोज कुमार की याचिका की सुनवाई कर रही है, जिसमें दावा किया गया है कि मेंगलुरु के निकट थेंका उलीपाडी गांव, मलाली में असैद अब्दुल्लाही मदनी मस्जिद के नवीनीकरण के दौरान ‘मंदिर जैसी संरचना’ का पता चला था. उन्होंने इस दावे की पुष्टि के लिए मस्जिद का सर्वे कराने का अनुरोध किया है.

उच्च न्यायालय में उन्हीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक रेड्डी ने दलील दी कि अदालत द्वारा नियुक्त आयुक्त द्वारा एक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए और उसके आधार पर एक रिपोर्ट सौंपी जानी चाहिए, लेकिन निचली अदालत को इससे पहले इस तरह के मामले की विचारणीयता पर निर्णय लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने दलील दी कि यदि निचली अदालत में याचिका को विचारणीयता के मुद्दे पर खारिज कर दिया जाता है, तो मस्जिद के अंदर की संरचनाओं को हटाए जाने या नष्ट किए जाने की आशंका है.

उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की एकल पीठ ने सोमवार को मस्जिद के अधिकारियों को नोटिस जारी किया और निचली अदालत को मुकदमे की विचारणीयता पर अपना फैसला नहीं सुनाने का निर्देश दिया. मामले में अगली सुनवाई 17 जून को होगी. इससे पहले, निचली अदालत ने मस्जिद के अधिकारियों को विवादित ढांचे को नहीं हटाने का निर्देश दिया था.

ये भी पढ़ें : कर्नाटक में अब नहीं टूटेगा मंदिर, विधानसभा में विधेयक पारित

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.