जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक बिशप के घर पर ईओडब्ल्यू ने छापेमारी की. बिशप पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई संस्थाओं का चेयरमैन बनकर करोड़ों की रकम की हेराफेरी करने का आरोप है. द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के चेयरमैन बिशप पीसी सिंह के खिलाफ 2 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि धार्मिक संस्थाओं में ट्रांसफर करने और खुद के इस्तेमाल करने की शिकायतें मिली थी. शिकायत की जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने गुरुवार को बिशप हाउस में छापे की कार्रवाई की. छापेमारी में ईओडब्ल्यू को बिशप के घर से विदेशी मुद्रा सहित दो हजार और पांच सौ के नोट के नोटों में करोड़ों रुपये की नगदी मिली है.
मंगानी पड़ी नोट गिनने की मशीन: करोड़ों की नगदी मिलने और इसे गिनने के लिए ईओडब्ल्यू को स्थानीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की टीम नोट गिनने की मशीन मंगानी पड़ी. बिशप के घर पहुंचकर नोटों को गिनने का काम शुरू कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि अभी तक 1.65 करोड़ की नगदी गिनी जा चुके है. द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के चेयरमैन बिशप पीसी सिंह के खिलाफ आर्थिक अनियमितता सहित अन्य मामलों के देश भर में एक सैकड़ा से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. जिसमें धोखाधड़ी, जालसाजी, रकम की हेराफेरी सहित जमीनों के लेने देन संबंधी मामले भी शामिल हैं.
फर्म एंड सोसाइटी के अधिकारी भी EOW के निशाने पर: ईओडब्ल्यू की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि बिशप पीसी सिंह ने खुद को कई संस्थाओं का चेयरमैन बताते हुए दस्तावेजों में हेराफेरी की है. इस पूरे मामले में फर्म एंड सोसायटी के अधिकारी भी ईओडब्ल्यू के निशाने पर हैं.आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) को बिशप पीसी सिंह के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई थी. उनपर आरोप थे कि-
- बिशप पीसी सिंह ने कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तन कर तथा उसका चेयरमैन बनकर पद का दुरूपयोग किया.- सोसायटी की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में प्राप्त होने वाली छात्रों की फीस की राशि का उपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने एवं स्वयं के उपयोग में किया.- इन आरोपों की जांच उप पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह से कराई गई. अनियमितताएं सामने आने के बाद आर्थिक प्रकोष्ठ विंग की टीम ने जबलपुर के नेपियर टाउन स्थित आवास और कार्यालय पर छापा मारा.
दो करोड़ सत्तर लाख के गबन का आरोप: अभी तक की जांच में EOW को बिशप की संस्था से जुड़ी शैक्षणिक संस्थाओं से साल 2004-05 से 2011-12 के बीच लगभग दो करोड़ सत्तर लाख रूपये की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर इसका इसका दुरुपयोग करना पाया गया. इस राशि का उपयों स्वयं के लिए भी करने के भी प्रमाण मिले है. जांच में सामने आए साक्ष्यों के आधार पर आरोपी बिशप पीसी सिंह, बीएस सोलंकी, तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एण्ड संस्था जबलपुर के विरूद्ध धारा 406, 420, 468, 471, 120बी के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.