हैदराबाद : रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन के दौरे के दौरान S-400 मिसाइल सिस्टम की सप्लाई करने और AK 203 की डील को अंतिम रूप दिया गया. इसको लेकर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने समझौते पर हस्ताक्षर भी किए. भारत और रूस के बीच जिन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं, उनमें भारत-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से कुल 6,01,427 असॉल्ट राइफल्स AK-203 की खरीद के लिए कॉन्ट्रैक्ट शामिल है.
भारत और रूस के समझौते के तहत 70 हजार से एक लाख AK 203 राइफल रूस से मंगाई जाएगी. इसके अलावा इंडो-रशिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड 6.50 लाख राइफल यूपी के अमेठी जिले में बनाएगा. AK 203 भारतीय सेना में इन्सास राइफल की जगह लेगी, जिसका इस्तेमाल तीन दशकों से हो रहा है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, ठंडे इलाके में इन्सास के जाम होने और मैगजीन क्रैक होने की घटनाओं के बाद रक्षा मंत्रालय ने हथियार में बदलाव का फैसला किया था.
भारतीय सेना को कुल 7.50 लाख AK-203 असॉल्ट राइफल्स की जरूरत है. बताया जाता है कि AK 203 अभी उपयोग में लाए जा रही इन्सास राइफल से वजन में हल्की है. इन्सास 4.15 किलोग्राम का है, जबकि AK 203 का वजन 3.8 किलोग्राम ही है. इस राइफल की रेंज 400 मीटर बताई गई है.
एके-203 एक मिनट में 600 बुलेट की फायरिंग की जा सकती है. इससे 7.62×39mm की गोलियां दागी जा सकती हैं. AK 203 में 30 राउंड की मैग्जीन का इस्तेमाल होता है. AK-203 पुराने हथियार एके-47 का एडवांस्ड रूप है और इससे सेमी-ऑटोमैटिक या ऑटोमैटिक दोनों मोड में गोलियां दागी जा सकती हैं.
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भारतीय सेना ने AK-203 को इसलिए चुना है कि यह कभी जाम नहीं होती है. इंसास राइफल की लंबाई 960 मिलीमीटर है, जबकि, एके-203 मात्र 705 मिलिमीटर की है.लंबाई कम होने से इसकी हैंडलिंग आसान हो जाती है. रणनीतिक तौर पर इसे ले जाना आसान है और यह सैनिकों का भार थोड़ा हल्का ही करेगा.