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सावधान! एसिडिटी को न करें नजरअंदाज, लापरवाही दे सकती है कैंसर को न्योता

अगर आप एसिडिटी को नजरअंदाज कर रहे हैं तो जरा सावधान हो जाइए. कहीं ऐसा न हो कि आप कैंसर जैसी बीमारी को न्योता दे दें. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Aug 19, 2023, 8:35 AM IST

Updated : Aug 19, 2023, 10:22 AM IST

डॉक्टर ने दी यह सलाह.

वाराणसीः आज के समय में एसिडिटी की समस्या बेहद आम है. अमूमन लोग इस बीमारी को नॉर्मल समझकर नजरअंदाज कर देते हैं मगर क्या आप जानते हैं कि एसिडिटी को समान्य समझकर इसे नजरअंदाज करना कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी का कारण बन सकता है. जी हां! सही सुना आपने. लगातार एसिडिटी को इग्नोर करना और बिना डॉक्टर के परामर्श से किसी भी दवा का सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है. ये हम नहीं कर रहे, बल्कि डॉक्टर्स का कहना है. एसिडिटी सामान्य रूप से शुरू होकर आपकी शरीर में कैंसर का रूप ले सकती है.

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बड़ी बीमारी को न्योता है एसिडिटी.
आजकल की लोगों की जीवनशैली ऐसी है कि शरीर में कई तरह की बीमारियां जन्म ले रही हैं. ऐसे में एक बीमारी है एसि़डिटी की. इसके कारण लोग पेट में दर्द जैसी समस्या से परेशान रहते हैं. इससे बचने के लिए सामान्यतः मेडिकल स्टोर्स से एसिडिटी की दवाएं खरीकर खा लेते हैं, जिससे कि एसिडिटी को दूर किया जा सके. मगर लोग इस बात से अंजान रहते हैं कि यही एसिडिटी शरीर में कैंसर का कारण बन जाती है.
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एक नजर.

एसिड के कारण प्री-कैंसर की होती स्थिति
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के गैस्ट्रोलॉजी के डॉक्टर देवेश यादव से हमने इस विषय में बात की. उन्होंने बताया कि एसि़डिटी की समस्या के कारण पेट का एसि़ड खाने की नली में आ जाता है. अगर एसिड लंबे समय तक खाने की नली में आता रहता है तो वहां पर प्री कैंसर की कंडीशन बन जाती है. अगर आपने इसका ट्रीटमेंट सही से नहीं किया तो इसोफेजियल कैंसर होने का डर रहता है. एसिडिटी की जो सबसे प्रमुख परेशानी है, जो भविष्य में नुकसान पहुंचा सकती है वह इसोफेजियल कैंसर होता है.

शुरुआत में की जा सकती है सर्जरी
इसोफेजियल कैंसर को लेकर डॉक्टर बताते हैं कि अगर इसोफेजियल कैंसर आपको हुआ है तो यह भी देखा जाता है कि वह किस स्टेज पर यह शरीर में है. अगर यह कैंसर शुरुआती स्टेज पर है तो सर्जरी की जा सकती है. वहीं अगर यह कैंसर एडवांस स्टेज में है तो कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी हो सकता है. अगर आपको इससे संबंधित परेशानी होती है तो आपको कई तरीकों से इसका पता चलेगा. डॉक्टर बताते हैं कि प्री कैंसर की स्टेज में मरीज का वजन कम होना शुरू हो जाता है. इसके साथ ही उसे खाना निगलने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.

इस तरह से खुद को एसिडिटी से बचा सकते हैं
डॉक्टर देवेश यादव ने बताया कि इससे बचने के लिए लोगों को अपनी जीवनशैली को अच्छा रखने की जरूरत है. एसिडिटी की समस्या से बचने के लिए कोल्ड ड्रिंक, एल्कोहल, स्मोकिंग, फ्राइड फूट, मिर्च मसाले का इस्तेमाल कम करना होगा. घर का हेल्दी खाना खाना होगा. मानसिक तनाव से दूर रहने के साथ ही रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करने के साथ ही मोटापे से दूर रहना होगा. कैंसर जल्दी किसी को नहीं होता है, लेकिन लगभग 70 फीसदी लोगों में एसिडिटी की समस्या देखी जाती है. एसिडिटी से बचने के लिए लोगों को प्रयास करने की जरूरत है.

क्या होता है इसोफेजियल कैंसर?
इसोफेजियल कैंसर एसोफैगस में होता है. एसोफैगस एक एक लंबी, खोखली ट्यूब होती है जो गले से पेट तक जाती है. यह नली निगले गए भोजन को पचाने के लिए पेट में ले जाती है. डॉक्टर्स का कहना है कि एसोफैगल कैंसर आमतौर पर उन कोशिकाओं में शुरू होता है जो पेट के अंदर खाना पहुंचाने और उनको पाचन तंत्र तक पहुंचाने की भूमिका निभाती हैं. इसोफेजियल कैंसर के प्री स्टेज में मरीज को खाना खाने में परेशानी शुरू हो जाती है. यह एक तरह की एसिड बनने के कारण होता है. जब शरीर में अधिक मात्रा में एसिडिटी होने लगती है तो एसिड बनता है, जिससे यह समस्या पैदा होती है.



इसोफेजियल कैंसर के लक्षण

ये भी पढ़ेंः Etawah Lion Safari : शेरनी सोना के शावकों की मौत से खुला राज, पहली बार जन्मे शावक कभी नहीं बचते

डॉक्टर ने दी यह सलाह.

वाराणसीः आज के समय में एसिडिटी की समस्या बेहद आम है. अमूमन लोग इस बीमारी को नॉर्मल समझकर नजरअंदाज कर देते हैं मगर क्या आप जानते हैं कि एसिडिटी को समान्य समझकर इसे नजरअंदाज करना कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी का कारण बन सकता है. जी हां! सही सुना आपने. लगातार एसिडिटी को इग्नोर करना और बिना डॉक्टर के परामर्श से किसी भी दवा का सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है. ये हम नहीं कर रहे, बल्कि डॉक्टर्स का कहना है. एसिडिटी सामान्य रूप से शुरू होकर आपकी शरीर में कैंसर का रूप ले सकती है.

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बड़ी बीमारी को न्योता है एसिडिटी.
आजकल की लोगों की जीवनशैली ऐसी है कि शरीर में कई तरह की बीमारियां जन्म ले रही हैं. ऐसे में एक बीमारी है एसि़डिटी की. इसके कारण लोग पेट में दर्द जैसी समस्या से परेशान रहते हैं. इससे बचने के लिए सामान्यतः मेडिकल स्टोर्स से एसिडिटी की दवाएं खरीकर खा लेते हैं, जिससे कि एसिडिटी को दूर किया जा सके. मगर लोग इस बात से अंजान रहते हैं कि यही एसिडिटी शरीर में कैंसर का कारण बन जाती है.
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एक नजर.

एसिड के कारण प्री-कैंसर की होती स्थिति
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के गैस्ट्रोलॉजी के डॉक्टर देवेश यादव से हमने इस विषय में बात की. उन्होंने बताया कि एसि़डिटी की समस्या के कारण पेट का एसि़ड खाने की नली में आ जाता है. अगर एसिड लंबे समय तक खाने की नली में आता रहता है तो वहां पर प्री कैंसर की कंडीशन बन जाती है. अगर आपने इसका ट्रीटमेंट सही से नहीं किया तो इसोफेजियल कैंसर होने का डर रहता है. एसिडिटी की जो सबसे प्रमुख परेशानी है, जो भविष्य में नुकसान पहुंचा सकती है वह इसोफेजियल कैंसर होता है.

शुरुआत में की जा सकती है सर्जरी
इसोफेजियल कैंसर को लेकर डॉक्टर बताते हैं कि अगर इसोफेजियल कैंसर आपको हुआ है तो यह भी देखा जाता है कि वह किस स्टेज पर यह शरीर में है. अगर यह कैंसर शुरुआती स्टेज पर है तो सर्जरी की जा सकती है. वहीं अगर यह कैंसर एडवांस स्टेज में है तो कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी हो सकता है. अगर आपको इससे संबंधित परेशानी होती है तो आपको कई तरीकों से इसका पता चलेगा. डॉक्टर बताते हैं कि प्री कैंसर की स्टेज में मरीज का वजन कम होना शुरू हो जाता है. इसके साथ ही उसे खाना निगलने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.

इस तरह से खुद को एसिडिटी से बचा सकते हैं
डॉक्टर देवेश यादव ने बताया कि इससे बचने के लिए लोगों को अपनी जीवनशैली को अच्छा रखने की जरूरत है. एसिडिटी की समस्या से बचने के लिए कोल्ड ड्रिंक, एल्कोहल, स्मोकिंग, फ्राइड फूट, मिर्च मसाले का इस्तेमाल कम करना होगा. घर का हेल्दी खाना खाना होगा. मानसिक तनाव से दूर रहने के साथ ही रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करने के साथ ही मोटापे से दूर रहना होगा. कैंसर जल्दी किसी को नहीं होता है, लेकिन लगभग 70 फीसदी लोगों में एसिडिटी की समस्या देखी जाती है. एसिडिटी से बचने के लिए लोगों को प्रयास करने की जरूरत है.

क्या होता है इसोफेजियल कैंसर?
इसोफेजियल कैंसर एसोफैगस में होता है. एसोफैगस एक एक लंबी, खोखली ट्यूब होती है जो गले से पेट तक जाती है. यह नली निगले गए भोजन को पचाने के लिए पेट में ले जाती है. डॉक्टर्स का कहना है कि एसोफैगल कैंसर आमतौर पर उन कोशिकाओं में शुरू होता है जो पेट के अंदर खाना पहुंचाने और उनको पाचन तंत्र तक पहुंचाने की भूमिका निभाती हैं. इसोफेजियल कैंसर के प्री स्टेज में मरीज को खाना खाने में परेशानी शुरू हो जाती है. यह एक तरह की एसिड बनने के कारण होता है. जब शरीर में अधिक मात्रा में एसिडिटी होने लगती है तो एसिड बनता है, जिससे यह समस्या पैदा होती है.



इसोफेजियल कैंसर के लक्षण

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Last Updated : Aug 19, 2023, 10:22 AM IST
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