देहरादून(उत्तराखंड): नए साल की शुरुआत के साथ ही जहां लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने जा रहा है तो वहीं चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी एक ऐसे महाआयोजना को सफल बनाने में जुटी हुई है, जिसका लोकसभा चुनाव के दौरान भी मुद्दा बनना तय है. इसी को लेकर राज्य स्तर पर भी भाजपा संगठन तैयारी कर रहा है. भाजपा अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को जन-जन तक भी पहुंचने की कोशिश हो रही है.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा ऐसा गरमाया कि पूरे चुनाव में हिंदुत्व एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा. नतीजा यह रहा की भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में बंपर जीत दर्ज की. विधानसभा चुनाव 2022 जैसा ही माहौल लोकसभा चुनाव 2024 में भी दिखने की संभावना है. जिस तरह भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारी कर रही है उसे लगता है कि पार्टी चुनाव से पहले इसे बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है.
वैसे तो देश भर में ही भारतीय जनता पार्टी के राज्य स्तर के संगठन इसके लिए अपनी-अपनी तैयारी कर रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड देवभूमि होने के नाते इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के लिए केंद्र बिंदु भी हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस अभी विधानसभा चुनाव 2022 की करारी शिकस्त को नहीं भूली है. इस शिकस्त के पीछे हिंदुत्व बड़ा मुदा रहा, लिहाजा लोकसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस ने इस मामले पर अपना पक्ष रखना शुरू कर दिया है. श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर तमाम तरह के आप भी लगाने शुरू कर दिए हैं.
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा भारतीय जनता पार्टी पहले यह बताएं कि क्या श्री राम मंदिर बनाने का निर्णय उन्होंने लिया या फिर कोर्ट के आदेशों के बाद यह बना? करन माहरा ने कहा राम मंदिर बनाने के लिए भाजपा ने जो चंदा इकट्ठा किया उसे चंदे का क्या किया? अब सरकारी धन से राम मंदिर बनाने की जगह चंदे में लिए गए उसे पैसे का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है? उन्होंने कहा जनता सब कुछ समझ रही है. लोकसभा चुनाव में राम मंदिर को मुद्दा नहीं बनने दिया जाएगा.
इस मामले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र भसीन कहते हैं श्री राम मंदिर भाजपा की सोच है. इसमें भाजपा किसी भी तरह से वोट बैंक की राजनीति नहीं करना चाहती. देवेंद्र भसीन कहते हैं यदि जनता श्री राम को लेकर भाजपा की भावनाओं पर अपना मत देना चाहती है तो वह जनता का अधिकार है.
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उत्तराखंड में हिंदुत्व का मुद्दा हमेशा ही लोगों के लिए सबसे ऊपर दिखाई दिया है. हिंदुत्व से जुड़े तमाम फैसलों पर निर्णय लेने वाली सरकारों को लोगों ने समर्थन भी दिया है. इस बार अगर राम मंदिर को लोकसभा चुनाव के दौरान मुद्दा बनाया जाता है तो यह कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी बन सकता है. जिसके बाद लोकसभा की पांचों सीटों पर जीतना कांग्रेस के लिए भी काफी मुश्किल होगा.