दुर्ग: शहर की महिलाओं से ठगी का दुर्ग पुलिस ने खुलासा किया है. आरोपी मास्टरमाइंड सानू कुमार को दुर्ग पुलिस ने यूपी के वाराणसी से और उसके सहयोगी संजय कुमार को पटना से गिरफ्तार किया है. दोनों को पुलिस ने दुर्ग लाकर कोर्ट में पेश किया. दोनों अंतर्राज्यीय ठग हैं. बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में ठगी कर चुके हैं. दुर्ग में 7 हजार रुपए में नगर निगम दुर्ग से फर्जी दस्तावेज के जरिए गुमास्ता लाइसेंस बनाया. फिर मोतियों की माला गूंथने की स्कीम चलाकर शहर की महिलाओं से रुपए ऐंठ कर फरार हो गए.
लुभावनी स्कीम का झांसा: आरोपी ने दिल्ली के सदर बाजार से 40 लाख का मोती खरीदा था. ढाई हजार एडवांस लेकर महिलाओं को 5 किलो मोती देते थे. मोती की माला बनाकर लाने पर महिलाओं को ढाई हजार के बदले साढ़े तीन हजार रुपए दिए जाते थे. शुरुआत में कुछ महिलाओं को पैसे वापस किए. धीरे धीरे महिलाओं की संख्या बढ़ने लगी तो पैसे लेकर आरोपी रफूचक्कर हो गए.
कैसे हुआ ठगी का खुलासा: कुछ महिलाओं ने धोखाधड़ी की शिकायत दुर्ग सिटी कोतवाली में दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस हरकत में आई और आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की. एक आरोपी पुलिस से बचने के लिए बिहार के बाद नेपाल भाग गया था. दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि '' आरोपियों ने 2 महीने में 25 हजार किलो से ज्यादा मोती दिए और 6 हजार महिलाओं से 2 करोड़ की ठगी की. आरोपियों ने 30 एम्प्लॉई भी रखा था. दुर्ग पुलिस ने सभी से पूछताछ करने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की है.''
महंगे शौक पूरा करने के लिए ठगी: आरोपियों ने ठगी के पैसे से महिंद्रा थार खरीदी. अपने गांव में दो मंजिला बिल्डिंग बनाई. लाखों रुपए के आभूषण खरीदे. अपना कर्जा वापस किया. बाकी पैसों को महंगी चीजें खरीदने में उड़ा दिया. दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि ''सभी चीजों को जब्त किया गया है. इनकी नीलामी कर महिलाओं को पैसा वापस दिलाने की कोशिश की जाएगी.''
पाप के बाद पुण्य कमाने कबूतर खरीदे: दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि महिलाओं से ठगी करने के बाद आरोपी अपने गांव भाग गए थे. पाप करने के बाद पुण्य कमाने के लिए डेढ़ लाख का कबूतर खरीदा था. आरोपी सानू कुमार पहले धोखाधड़ी के मामले में बिहार जेल में सजा काट चुका है. उसके बाद वह दुर्ग में स्कीम लेकर आया.