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ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री हेमानंद बिस्वाल का निधन - हेमानंद बिस्वाल का निधन

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के प्रमुख आदिवासी नेता हेमानंद बिस्वाल (Hemananda Biswal) का निधन हो गया. वह दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे.

Former Odisha Chief Minister Hemanand Biswal passes away
हेमानंद बिस्वाल का निधन
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Published : Feb 25, 2022, 10:47 PM IST

भुवनेश्वर : ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के प्रमुख आदिवासी नेता हेमानंद बिस्वाल (Hemananda Biswal) का शुक्रवार को यहां निधन हो गया. वह 82 वर्ष के थे. उनके परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी. बिस्वाल की बेटी सुनीता ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री का यहां एक निजी अस्पताल में निधन हुआ जहां उनका निमोनिया का इलाज चल रहा था. वह ओडिशा के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री बने थे. उनकी पांच बेटियां सबिता, संजुक्य, मंजिउलता, सुनीता और अनीता हैं.

बिस्वाल ने लोकसभा में सुंदरगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्व किया, और दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहने के अलावा, वह झारसुगुडा जिले से छह बार विधायक रहे थे. वह पहली बार सात दिसंबर, 1989 से पांच मार्च, 1990 तक और फिर छह दिसंबर,1999 से पांच मार्च, 2000 तक मुख्यमंत्री रहे.

वह 1974 में पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए और 1977 तक विधायक रहे. बाद में वह 1980 में लाइकेरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने और 2004 तक इस सीट से विधायक रहे. कांग्रेस की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने बिस्वाल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस ने एक मजबूत सेनानी और आदिवासी हितों के रक्षक को खो दिया है.

केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'बिस्वाल के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. ओडिशा ने एक कुशल और अनुभवी राजनेता खो दिया.' भाजपा सांसद सुरेश पुजारी ने कहा कि बिस्वाल का निधन राज्य और विशेष रूप से पश्चिमी ओडिशा के लिए एक बड़ी क्षति है.

पढ़ें- ओडिशा के कोरापुट में BSF के आउटरीच प्रोग्राम का आयोजन
(पीटीआई-भाषा)

भुवनेश्वर : ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के प्रमुख आदिवासी नेता हेमानंद बिस्वाल (Hemananda Biswal) का शुक्रवार को यहां निधन हो गया. वह 82 वर्ष के थे. उनके परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी. बिस्वाल की बेटी सुनीता ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री का यहां एक निजी अस्पताल में निधन हुआ जहां उनका निमोनिया का इलाज चल रहा था. वह ओडिशा के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री बने थे. उनकी पांच बेटियां सबिता, संजुक्य, मंजिउलता, सुनीता और अनीता हैं.

बिस्वाल ने लोकसभा में सुंदरगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्व किया, और दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहने के अलावा, वह झारसुगुडा जिले से छह बार विधायक रहे थे. वह पहली बार सात दिसंबर, 1989 से पांच मार्च, 1990 तक और फिर छह दिसंबर,1999 से पांच मार्च, 2000 तक मुख्यमंत्री रहे.

वह 1974 में पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए और 1977 तक विधायक रहे. बाद में वह 1980 में लाइकेरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने और 2004 तक इस सीट से विधायक रहे. कांग्रेस की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने बिस्वाल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस ने एक मजबूत सेनानी और आदिवासी हितों के रक्षक को खो दिया है.

केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'बिस्वाल के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. ओडिशा ने एक कुशल और अनुभवी राजनेता खो दिया.' भाजपा सांसद सुरेश पुजारी ने कहा कि बिस्वाल का निधन राज्य और विशेष रूप से पश्चिमी ओडिशा के लिए एक बड़ी क्षति है.

पढ़ें- ओडिशा के कोरापुट में BSF के आउटरीच प्रोग्राम का आयोजन
(पीटीआई-भाषा)

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