जशपुर: छत्तीसगढ़ में हाथियों के हमले की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है. बुधवार को एलिफेंट अटैक में एक 60 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई. इस घटना की पुष्टि वन विभाग के अधिकारी ने की है. बुजुर्ग सुभाष यादव गांव के पास ही वन उपज इक्टठा करने गए थे. तभी हाथी अचानक वहां आ धमका. उसने बुजुर्ग को कुचल दिया. हाथी के हमले में बुजुर्ग की मौके पर मौत हो गई.
हाथी के हमले से लोगों में दहशत: हाथियों के उत्पात के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. लोग अपने घरों से निकलने में डर रहे हैं. जशपुर का यह इलाका जंगलों से घिरा हुआ है. हाथी के हमले की सूचना लोगों ने वन विभाग की टीम को दी. जिसके बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने एलिफेंट अटैक में मौत की पुष्टि की है. हाथी के हमले में मौत के बाद इलाके में गम और मातम का माहौल है.
"यह घटना तब हुई, जब सुभाष यादव बादलखोल अभयारण्य वन क्षेत्र नारायणपुर पोखरटोली गांव के पास गया हुआ था. वह यहां वन उपज को जुटाने का काम कर रहा था. जब काफी देर बाद सुभाष यादव घर वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश की. जब परिवार वाले पोखरटोली गांव के पास थेंगना कूचा जंगल में पहुंचे तो देखा की सुभाष यादव का शव कुचला हुआ है. मृतक को हाथियों के दल के घूमने की जानकारी थी. फिर भी वह इलाके में पहुंच गया"- वन विभाग
पुलिस और वनकर्मियों ने घटना की जांच शुरू की: पुलिसकर्मियों और वन कर्मियों ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है. मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपये की तत्काल राहत राशि प्रदान की गई है. बाकी का 5.75 लाख रुपये का मुआवजा बाद में दिया जाएगा.
छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हाथियों से खतरा ज्यादा: छत्तीसगढ़ के उत्तरी इलाकों में हाथियों से ज्यादा खतरा है. यहां मानव हाथी संघर्ष बीते एक दशक से चिंता का विषय है. सबसे ज्यादा हाथियों के हमले की घटनाएं जशपुर, रायगढ़,कोरबा, सूरजपुर, सरगुजा और बलरामपुर में देखने को मिलते हैं. वन विभाग के अनुसार बीते तीन साल में छत्तीसगढ़ में हाथियों के हमले में 230 से भी अधिक लोग मारे गए हैं.
सोर्स: पीटीआई