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support price on millets: मिलेट्स किसानों के लिए बघेल सरकार की नीति अच्छी, आदिवासी किसानों को होगा फायदा: बी दयाकर राव

Indian Institute of Millets Research IIMR हैदराबाद और न्यूट्रीहब के सीईओ डॉक्टर बी दयाकर राव ने बघेल सरकार की मिलेट्स को लेकर योजना की तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि मिलेट्स किसानों को बघेल सरकार मिलेट्स फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रही है. इससे किसानों को काफी फायदा मिलेगा. साथ ही मिलेट्स मिशन को बढ़ावा मिलेगा.

Tribal farmers benefit from support price
छत्तीसगढ़ का मिलेट्स मिशन
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Published : Feb 19, 2023, 5:19 PM IST

Updated : Feb 19, 2023, 11:08 PM IST

छत्तीसगढ़ के मिलेट्स मिशन की तारीफ

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार मिलेट्स के क्षेत्र में किस तरह का काम कर रही है. क्या मिलेट्स किसानों की आय बढ़ाने में सहयोग कर रही है. मिलेट्स स्वास्थ्य के लिए कितना लाभदायक है. इन सारी बातों को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने Indian Institute of Millets Research के वैज्ञानिक और डॉक्टर बी दयाकर राव से खास बात की है. बी दयाकर राव न्यूट्रीहब के सीईओ हैं और भारत सरकार के प्रतिनिधि हैं. आइए जानते हैं कि बी दयाकर राव ने क्या कहा.

मिलेट्स किसानों के लिए समर्थन मूल्य देना अच्छी सोच: बघेल सरकार की तरफ से मिलेट्स का समर्थन मूल्य देने के मतलब सीधे आदिवासी किसानों को सपोर्ट करना है. यह बातें डॉक्टर बी दयाकर राव ने कही है. उन्होंने कहा कि" छत्तीसगढ़ सरकार की यह अच्छी सोच है. यहां आदिवासी लोग हैं, इस मिलेट्स को जो सरकार सपोर्ट कर रही है यानी सीधे आदिवासियों को सपोर्ट कर रही है . आदिवासियों की इनकम बढ़ रही है यह बहुत अच्छा काम है. लेकिन अभी आदिवासी किसान जो मिलेट्स की खेती करते हैं उन्हें कैपेसिटी बिल्डिंग देना है. ट्रेनिंग करवाना है.

"मिलेट्स किसान ब्रांडिंग वगैरह नहीं जानते": डॉक्टर बी दयाकर राव ने कहा कि "मिलेट्स किसान ब्रांडिंग वगैरह नहीं जानते हैं उसकी जानकारी देना है ताकि उनके प्रोडक्ट को न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी भेजा जा सके. आईआईएमआर इस दिशा में काम कर रही है . हम अकेले यह काम नहीं कर रहे हैं हमारे साथ नामी शेफ और कई इंडस्ट्री हैं जो इस ओर काम कर रहे हैं. इन लोगों को जोड़ना चाहते हैं. ताकि आदिवासियों से ये लोग सीधे मिलेट्स खरीद कर पोषण और आगे उसका उपयोग कर सकें यदि यह लोग उनसे खरीदते हैं तो उनका कुछ फायदा होगा और इनका भी फायदा होगा .ऐसे ही हम इस काम को आगे ले जाना चाहते हैं."

यह भी पढ़ें: Millets Carnival begins in Raipur: मेहनतकश लोगों का समझा जाने वाला मिलेट्स अब अमीरों का है भोजन: सीएम भूपेश बघेल

आदिवासी किसान पहले मिलेट्स नहीं बेचते थे: डॉक्टर बी दयाकर राव ने बताया कि "शुरू में किसान इसे बेचते नहीं थे अपने लिए पैदा करते थे और खाते थे, लेकिन आज के जमाने में इसका न्यूट्रीशन वैल्यू, हेल्थ बेनिफिट्स, क्लाइमेट रेसिलियंट ये सारे को देखते हुए इसमें यह पैसे अर्जित करने का साधन बन गया है. राज्य सरकार ने मिनिमम सपोर्ट प्राइस देने का ऐलान किया है. इसका मतलब है कि इसमें कुछ वैल्यू है, सरकार की नई पॉलिसी का फायदा आने वाले दिन में देखने को मिलेगा, किसान इसे ज्यादा बोएगा, किसान एक ओर अपना धान बेचेगा और दूसरी ओर इसका वैल्यू एडिशन कर आगे भी बढ़ सकता है. जिससे उनका इनकम लेवल बढ़ेगा जो सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है. ऐसे ही किसानों की आय दोगुनी होगी . कोदो कुटकी का भी वर्ल्ड में मार्केट आ गया है"

मिलेट्स के कई तरह के फायदे हैं: डॉक्टर बी दयाकर राव ने बताया कि "मिलेट्स के कई तरह के लाभ हैं. खास करके इसमें जो मिनरल्स होते हैं वह काफी हैं. उसमे कैल्शियम मैग्नीशियम आयरन है. रागी की बात की जाए तो दूध में जितना कैल्शियम है उसे 2 गुना ज्यादा इसमें है. जैसे 364mg पर 100 ग्राम कैल्शियम है" डॉ. बी. दयाकर राव ने बताया कि "बाजरा में भी ज्यादा मिनरल्स है, कोदो कुटकी में भी सभी मिनरल्स मौजूद हैं. जो सेहत के लिए काफी लाभदायक है. इसमें कार्बोहाइड्रेट धीमी गति से रिलीज होता है. जबकि लाइफस्टाइल के लिए फायदेमंद है. शुगर, हार्ट सहित अन्य बीमारियों हो उससे निपटने के लिए यह काफी कारगर है. ये शुगर को काफी कंट्रोल करता है. इससे रेसिस्टेन्स पावर भी बढ़ता है."

यह भी पढ़ें: Millets Carnival 2023: मिलेट्स कार्निवल 2023 में पहुंचे देश भर के शेफ, मिलेट्स से बने मॉडर्न फूड की दी जानकारी

पहले मिलेट्स को लेकर चर्चा नहीं होती थी: डॉक्टर बी दयाकर राव ने बताया कि "आईआईएमआर का योगदान यही है कि जब कोई मिलेट्स को लेकर चर्चा नहीं ककरता था. हालांकि अब इसका उत्पादन बढ़ रहा है. लेकिन जब उसको खाने वाले ही नहीं होंगे , तो उसका क्या फायदा है. ऐसे में हम लोगों का विचार बदल रहे हैं, उसकी डिमांड बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं. उत्पादन और मांग में काफी गैप था इस गैप को पूरा करने में हमे 10 साल लग गए. लोगों को पहले इसके फायदे नहीं पता थे. यह हमारे भारत का ट्रेडिशनल ग्रीन ह

बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सुभाष स्टेडियम में मिलेट्स कार्निवाल आयोजन किया गया. इस कार्निवाल का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ तथा आईआईएमआर हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में किया गया. यह 17 से 19 फरवरी तक यह आयोजन चल रहा है. इस कार्निवाल 49 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से 25 छत्तीसगढ़ के तथा 24 अन्य राज्यों के हैं. इस कार्निवाल में 7 राज्यों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की है.

छत्तीसगढ़ के मिलेट्स मिशन की तारीफ

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार मिलेट्स के क्षेत्र में किस तरह का काम कर रही है. क्या मिलेट्स किसानों की आय बढ़ाने में सहयोग कर रही है. मिलेट्स स्वास्थ्य के लिए कितना लाभदायक है. इन सारी बातों को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने Indian Institute of Millets Research के वैज्ञानिक और डॉक्टर बी दयाकर राव से खास बात की है. बी दयाकर राव न्यूट्रीहब के सीईओ हैं और भारत सरकार के प्रतिनिधि हैं. आइए जानते हैं कि बी दयाकर राव ने क्या कहा.

मिलेट्स किसानों के लिए समर्थन मूल्य देना अच्छी सोच: बघेल सरकार की तरफ से मिलेट्स का समर्थन मूल्य देने के मतलब सीधे आदिवासी किसानों को सपोर्ट करना है. यह बातें डॉक्टर बी दयाकर राव ने कही है. उन्होंने कहा कि" छत्तीसगढ़ सरकार की यह अच्छी सोच है. यहां आदिवासी लोग हैं, इस मिलेट्स को जो सरकार सपोर्ट कर रही है यानी सीधे आदिवासियों को सपोर्ट कर रही है . आदिवासियों की इनकम बढ़ रही है यह बहुत अच्छा काम है. लेकिन अभी आदिवासी किसान जो मिलेट्स की खेती करते हैं उन्हें कैपेसिटी बिल्डिंग देना है. ट्रेनिंग करवाना है.

"मिलेट्स किसान ब्रांडिंग वगैरह नहीं जानते": डॉक्टर बी दयाकर राव ने कहा कि "मिलेट्स किसान ब्रांडिंग वगैरह नहीं जानते हैं उसकी जानकारी देना है ताकि उनके प्रोडक्ट को न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी भेजा जा सके. आईआईएमआर इस दिशा में काम कर रही है . हम अकेले यह काम नहीं कर रहे हैं हमारे साथ नामी शेफ और कई इंडस्ट्री हैं जो इस ओर काम कर रहे हैं. इन लोगों को जोड़ना चाहते हैं. ताकि आदिवासियों से ये लोग सीधे मिलेट्स खरीद कर पोषण और आगे उसका उपयोग कर सकें यदि यह लोग उनसे खरीदते हैं तो उनका कुछ फायदा होगा और इनका भी फायदा होगा .ऐसे ही हम इस काम को आगे ले जाना चाहते हैं."

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आदिवासी किसान पहले मिलेट्स नहीं बेचते थे: डॉक्टर बी दयाकर राव ने बताया कि "शुरू में किसान इसे बेचते नहीं थे अपने लिए पैदा करते थे और खाते थे, लेकिन आज के जमाने में इसका न्यूट्रीशन वैल्यू, हेल्थ बेनिफिट्स, क्लाइमेट रेसिलियंट ये सारे को देखते हुए इसमें यह पैसे अर्जित करने का साधन बन गया है. राज्य सरकार ने मिनिमम सपोर्ट प्राइस देने का ऐलान किया है. इसका मतलब है कि इसमें कुछ वैल्यू है, सरकार की नई पॉलिसी का फायदा आने वाले दिन में देखने को मिलेगा, किसान इसे ज्यादा बोएगा, किसान एक ओर अपना धान बेचेगा और दूसरी ओर इसका वैल्यू एडिशन कर आगे भी बढ़ सकता है. जिससे उनका इनकम लेवल बढ़ेगा जो सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है. ऐसे ही किसानों की आय दोगुनी होगी . कोदो कुटकी का भी वर्ल्ड में मार्केट आ गया है"

मिलेट्स के कई तरह के फायदे हैं: डॉक्टर बी दयाकर राव ने बताया कि "मिलेट्स के कई तरह के लाभ हैं. खास करके इसमें जो मिनरल्स होते हैं वह काफी हैं. उसमे कैल्शियम मैग्नीशियम आयरन है. रागी की बात की जाए तो दूध में जितना कैल्शियम है उसे 2 गुना ज्यादा इसमें है. जैसे 364mg पर 100 ग्राम कैल्शियम है" डॉ. बी. दयाकर राव ने बताया कि "बाजरा में भी ज्यादा मिनरल्स है, कोदो कुटकी में भी सभी मिनरल्स मौजूद हैं. जो सेहत के लिए काफी लाभदायक है. इसमें कार्बोहाइड्रेट धीमी गति से रिलीज होता है. जबकि लाइफस्टाइल के लिए फायदेमंद है. शुगर, हार्ट सहित अन्य बीमारियों हो उससे निपटने के लिए यह काफी कारगर है. ये शुगर को काफी कंट्रोल करता है. इससे रेसिस्टेन्स पावर भी बढ़ता है."

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पहले मिलेट्स को लेकर चर्चा नहीं होती थी: डॉक्टर बी दयाकर राव ने बताया कि "आईआईएमआर का योगदान यही है कि जब कोई मिलेट्स को लेकर चर्चा नहीं ककरता था. हालांकि अब इसका उत्पादन बढ़ रहा है. लेकिन जब उसको खाने वाले ही नहीं होंगे , तो उसका क्या फायदा है. ऐसे में हम लोगों का विचार बदल रहे हैं, उसकी डिमांड बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं. उत्पादन और मांग में काफी गैप था इस गैप को पूरा करने में हमे 10 साल लग गए. लोगों को पहले इसके फायदे नहीं पता थे. यह हमारे भारत का ट्रेडिशनल ग्रीन ह

बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सुभाष स्टेडियम में मिलेट्स कार्निवाल आयोजन किया गया. इस कार्निवाल का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ तथा आईआईएमआर हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में किया गया. यह 17 से 19 फरवरी तक यह आयोजन चल रहा है. इस कार्निवाल 49 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से 25 छत्तीसगढ़ के तथा 24 अन्य राज्यों के हैं. इस कार्निवाल में 7 राज्यों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की है.

Last Updated : Feb 19, 2023, 11:08 PM IST
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