कोरबा: सरकार के बड़े बड़े दावे उस समय हवा हवाई लगते हैं जब स्वास्थ्य सुविधा और एंबुलेंस के नाम पर दर दर की ठोकर खाने को मिलती है. ऐसा ही कुछ कोरबा जिले के एक पिता के साथ हुआ. जिसके बाद अपने डेढ़ साल के बच्चे का शव पॉलिथीन में लपेटकर पोस्टमॉर्टम कराने लाचार बाप बाइक से मेडिकल अस्पताल के लिए निकला.
बच्चे की कैसे हुई मौत: कोरबा विकासखंड के अड़सेना गांव की ये घटना है. यहां का रहने वाला दरस राम यादव खेती कर पत्नी और बच्चे के साथ अपनी जिंदगी चला रहा है. खेती किसानी का समय है. लिहाजा दरस की पत्नी डेढ़ साल के बेटे को लेकर खेत गई थी. मां खेती में व्यस्त हो गई और बच्चा खेलते हुए खेत के पास स्थित तालाब की तरफ चला गया. मां को जब बच्चे का होश आया तब तक बच्चा तालाब में डूब चुका था. हड़बड़ाकर वहां मौजूद लोगों ने तालाब में बच्चे को ढूंढना शुरू किया. बच्चा तो मिला लेकिन बेहोशी की हालत में. दौड़ते हुए परिजन लेमरू के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बच्चे को मरा हुआ बता दिया. साथ ही बच्चे का पोस्टमॉर्टम कराने को कहा.
अस्पताल से नहीं मिली एंबुलेंस: अड़सेना गांव जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर है. बच्चे के पिता दरस राम यादव ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों से बच्चे को पोस्टमॉर्टम कराने एंबुलेंस की व्यवस्था कराने को कहा. लेकिन वहां से जवाब मिला एंबुलेंस नहीं है. खुद व्यवस्था कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाने की सलाह दी.
दोस्त के साथ बच्चे का शव लेकर बाइक से निकला पिता: एक तरफ डेढ़ साल के बच्चे का शव, दूसरी तरफ उसका पोस्टमॉर्टम कराने का दबाव. लाचार पिता क्या करता. बच्चे का शव एक पॉलिथीन में लपेटा और दोस्त के साथ बाइक पर उसका पोस्टमॉर्टम कराने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए निकल पड़ा.
इसमें मेरा बच्चा है. पानी में डूबकर खत्म हो गया. हम जब अस्पताल पहुंचे तब डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम कराने को कहा. पोस्टमॉर्टम के लिए बाइक से अस्पताल लेकर जा रहा हूं. नजदीकी अस्पताल ने कहा कि एंबुलेंस नहीं है, कोई व्यवस्था नहीं है. अब परेशानी है, समय ठीक नहीं है. इसलिए बाइक पर ही अपने बच्चे का शव लेकर जा रहा हूं- -दरस राम यादव, मृत बच्चे के पिता
जांच के बाद कार्रवाई करेंगे : बच्चे का शव बाइक से पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने की बात मेडिकल ऑफिसर तक भी पहुंची. जिला सीएमएचओ एसएन केसरी का कहना है कि इस मामले की जानकारी मिली है. किन परिस्थितियों में बच्चे का शव बाइक पर लाना पड़ा. इसकी जांच कराएंगे, दोषी कर्मचारियों पर ठोस कार्रवाई होगी.
कोरबा के इस पिता की लाचारी के साथ ही सिस्टम की लाचारी भी बाइक पर सवार दिख रही है. जिस गोद में बच्चा हंसता खेलता था, उस गोद में बच्चे का शव लेकर दर दर भटकने के दौरान पिता की क्या हालत हुई होगी, ये बताने की जरूरत नहीं है. अधिकारी ने जांच की बात कह दी है लेकिन सवाल उठता है कि ऐसी नौबत ही क्यों आती है.