रायपुर: अक्सर छोटे-छोटे मांगलिक कार्यों में लोग थर्माकोल के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं. इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है. इसमें कई चीजें प्लास्टिक की होती हैं. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सुरेंद्र बैरागी प्लास्टिक इस्तेमाल का सख्त विरोध करते हैं. इसलिए लोगों को उनके आयोजनों में प्लास्टिक के बर्तन का इस्तेमाल न करने की अपील करते हैं. लोग अपने घर के प्रयोजन में प्लास्टिक यूज न करें, इसलिए सुरेंद्र लोगों को मुफ्त में बर्तन देते हैं.
50 लोगों के बर्तन से की शुरुआत: सुरेंद्र बैरागी ने साल 2016 में यह 50 लोगों के खाने का बर्तन अपनी मां के पेंशन के पैसे से खरीदा था. धीरे-धीरे लोगों से जुड़ते गए. लोगों ने भी इनकी सेवा देख बर्तन दान देना शुरू किया. सुरेंद्र अपने मासिक वेतन से पैसे बचाकर बर्तन को इकट्ठा करते हैं. जिन लोगों को बर्तन की जरूरत होती है, उसे बर्तन देते हैं. बदले में उनसे एक रुपया भी नहीं लेते. आज तकरीबन 1000 लोगों के खाने का बर्तन इनके बैंक में है.
पर्यावरण शुद्ध रखने के लिए बर्तन बैंक की शुरुआत: सुरेंद्र का अपना स्टील के बर्तन का बैंक है. इस बैंक से लोग अपनी जरुरत के अनुसार बर्तन लेते हैं. काम हो जाने पर लोग बर्तन लौटा देते हैं. बदले में लोगों से सुरेंद्र एक पैसा भी नहीं लेते. पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए सुरेंद्र ने बर्तन बैंक की शुरुआत की.
नो प्लास्टिक अभियान को कर रहे प्रमोट: सुरेंद्र रायपुर में नो प्लास्टिक अभियान को प्रमोट कर रहे हैं. लोगों को स्टील का बर्तन प्लास्टिक के विकल्प में यूज करने के लिए सुरेंद्र देते हैं. बदले में उनसे एक रुपया भी नहीं लेते. नो प्लास्टिक अभियान के तहत सुरेंद्र की इस पहल की हर कोई सराहना कर रहा है. सुरेन्द्र स्मार्ट सिटी रायपुर के नो प्लास्टिक अभियान के एम्बेसडर हैं.
बर्तन के बदले प्लास्टिक इस्तेमाल न करने का वादा: सुरेंद्र बर्तन के बदले में लोगों से प्लास्टिक न इस्तेमाल करने का वादा करने को कहते हैं. बर्तन के बदले लोग प्लास्टिक नहीं यूज करने का वादा करते हैं. जिसके बाद सुरेंद्र लोगों को बर्तन देते हैं.
प्लास्टिक यूज न करने के लिए संकल्प पत्र: सुरेंद्र अपने बर्तन बैंक से लोगों को बर्तन देते वक्त सभी को कहते हैं कि आप प्लास्टिक बर्तन का इस्तेमाल न करें. अपने घर के किसी भी कार्यक्रम में प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल न करें. इसके लिए बाकायदा सुरेंद्र ने एक संकल्प पत्र तैयार करवाया है. जिसमें लोगों से हस्ताक्षर करवाने के बाद लोगों को बर्तन देते हैं.
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लोग कहते हैं बर्तन वाले बाबा: सुरेंद्र सालों से लोगों को बर्तन देते आ रहे हैं. इसलिए लोग अब उन्हें बर्तन वाले बाबा कहकर पुकारते हैं. आज हर कोई सुरेंद्र से बर्तन लेता है और बदले में संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर कर, प्लास्टिक यूज न करने की शपथ लेता है. सुरेंद्र के इस पहल की हर कोई सराहना कर रहा है.