नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी दिल्ली में लगातार घोषणाएं कर रही है. इसी कड़ी में पुजारी सम्मान योजना की भी घोषणा की गई है, जिसको लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.
दिल्ली के प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत का कहना है कि यह एक चुनावी शगुफा है. 10 साल तक अरविंद केजरीवाल को पुजारियों की याद नहीं आई. तब वे मौलानाओं को पैसा दे रहे थे. अब जब चुनाव सामने आया है तो पुजारी को पैसा देने की बात कर रहे हैं. इस योजना के जरिए वे चुनावी फायदा उठाना चाहते हैं.
पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना चुनावी स्टंट: कालकाजी पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने कहा है कि यह चुनावी स्टंट है. चुनावी शगुफा है. हमें लगता है कि चुनाव में लाभ लेने के लिए घोषणा किया जा रहा है. अगर यह सब करना था तो 10 साल से उनकी सरकार थी. 10 साल पहले कर देना चाहिए था. मुस्लिम मौलवियों को भी देने की घोषणा हुई थी. पता चल रहा है कि मौलवियों को बीते 17 महीने से सैलरी नहीं मिली है.
योजना के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी शुरू: बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पूर्ण बहुमत से तीसरी बार लगातार सरकार बनने पर सभी मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों को प्रतिमाह 18 हज़ार रुपये देने की घषणा की है. इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कश्मीरी गेट स्थित मरघट वाले बाबा मंदिर से "पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना" का रजिस्ट्रेशन शुरू किया.
पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना है क्या? पुजारी-ग्रंथी सम्मान मंदिर और गुरुद्वारे में काम करने वाले पुजारियों और ग्रंथियों के लिए है. इस योजना के तहत दिल्ली के मंदिरों और गुरुद्वारों में सेवा करने वाले पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने 18 हजार रुपए दिए जाएंगे. दिल्ली सरकार का कहना है कि अगर उन्हें तीसरी बार सत्ता मिलती हैं तो वह पुजारियों और ग्रंथियों को 18 हजार रुपए महीने सम्मान राशि देंगे. उनका दावा है कि इस तरह की देश में यह पहली योजना होगी. इसका मकसद पुजारियों और ग्रंथियों की मदद करना है. इसके लिए आवेदन मंगलवार से ही शुरू हो चुका है.
ये भी पढ़ें: