कांकेर: बीजेपी नेता असीम राय की हत्या की सुपारी लेने वाले विकास तालुकदार को पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया है. विकास तालुकदार वहीं शख्स है जिसने सात लाख में मर्डर की सुपारी ली थी. वारदात वाले दिन विकास ही बाइक की पिछली सीट पर बैठा था और असीम राय को सामने से गोली मारी थी. पुलिस के सामने विकास तालुकदार ने पूरे हत्यकांड के राज से पर्दा उठा दिया है. पुलिस ने इस मामले में अबतक शार्प शूटर सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया है.
शार्प शूटर विकास ने किया खुलासा: पुलिस के सामने इकबालिया बयान देते हुए विकास तालुकदार ने बताया कि पूरी साजिश के पीछे राजनीतिक षडयंत्र था. हत्या की सुपारी देने वाले कांग्रेस नेता और नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगुली के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. गांगुली को डर था कि उसकी कुर्सी चली जाएगी. आरोपी विकास पाल जो कि पार्षद था उसे डर था कि पखांजूर में उसने जो अवैध निर्माण कराया है वो टूट जाएगा. दरअसल बीजेपी के सत्ता में आते ही नगर निगम में उठा पटक शुरु हो गई थी. हत्यारों को डर था कि असीम राय कुर्सी पर काबिज होते ही उनकी पोल खोल देगा और उनके अवैध निर्माण को जमींदोज कर देगा.
किसने की थी हथियारों की सप्लाई: असीम राय की हत्या के लिए जिस पिस्टल का इस्तेमाल किया गया उस पिस्टल को दंतेवाड़ा से खरीदा गया था. हत्याकांड में शामिल सोनू साहू ने पिस्टल मुहैया कराया था. पुलिस ने दंतेवाड़ा से सोनू साहू को गिरफ्तार कर पैरावट में छुपा कर रखे गए पिस्टल और कारतूस को बरामद कर लिया है. हत्यारों ने वारदात को अंजाम देने के बाद हथियार सोनू साहू को सौंप दिए थे. सोनू साहू ने दो पिस्टल और दो मैग्जीन सहित 30 कारतूसों को पैरावट में छिपाकर रख दिया था. जिस जगह पर हथियार को छिपाया गया था वहीं पर हत्याकांड में शामिल गोपी दास का घर था.
रेकी करने के बाद की गई हत्या: हत्यारों ने पहले असीम राय की रेकी कराई. रेकी के बाद उनको पता चला कि असीम राय कब कब कहां कहां जाता है और कितने वक्त तक बाजार में रहता है. रेकी का काम पूरा होने के बाद मर्डर का प्लान विकास तालुकदार ने बनाया. हत्या वाले दिन भी वो बाइक के पीछे बैठा था. बाइक को गोपीदास नाम का युवक चला रहा था जैसे ही असीम राय सामने आया विकास तालुकदार ने पिस्टल से फायर कर दिया.
पुलिस को कैसे मिला सुराग: हत्याकांड की कड़ियों को जोड़ने के लिए पुलिस हाथ पैर मार ही रही थी. इसी दौरान पुलिस को मुखबिर ने बताया कि शार्प शूटर कुछ दिन पहले इलाके के नीलरतन मंडल के साथ देखा गया था. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर तुरंत नीलरतन को धरदबोचा. पुलिस ने जब कड़ाई से विकास तालुकदार के बारे में पूछा तो वो टूट गया. नीलरतन ने बताया कि विकास तालुकदार को पखांजूर के कांग्रेस नेता बप्पा गांगुली, विकास पाल और जितेंद्र बैरागी मिलकर मरवाना चाहते हैं. विकास ने बताया कि तीनों ने मिलकर उसे सात लाख में मर्डर करने की सुपारी भी दी है. नीलरतन मंडल विकास तालुकदार का रिश्ते में मौसेरा भाई लगता था. लिहाजा वो भी इस हत्याकांड में शामिल हो गया. हत्या का ठेका तीनों नेताओं ने मिलकर विकास तालुकदार को दिया. पैसा मिलने के बाद तीन लोगों के गैंग ने वारदात को अंजाम देने की सुपारी ली. गैंग में विकास तालुकदार, नीलरतन मंडल और जयंत विश्वास शामिल थे.