नई दिल्ली: भारत मंडपम के पवेलियन में जी20 शिल्प बाजार यानी जी20 क्राफ्ट बाजार में एक से बढ़कर एक प्रदर्शनी देखने को मिली. बिहार की ओर से मशहूर मधुबनी पेंटिंग कलाकार शांति देवी का चयन किया गया था. उन्होंने मधुबनी पेंटिंग के माध्यम से चंद्रयान 3 की सफलता को दिखाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि उम्मीद करती हूं कि पेंटिंग सभी को पसंद आ रही होगी.
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चंद्रयान-3 पर क्या बोलीं शांति देवी?: नेशनल अवार्ड विनर शांति देवी ने बताया कि उन्होंने पहली बार चंद्रयान के बार में अखबार में पढ़ा था. ऐसे में सोचा कि क्यों ना इसरो के सफल मिशन पर ही मधुबनी पेंटिग बनाई जाए. मधुबनी पेंटिंग के बारे में उन्होंने बताया कि यह पेंटिंग पानी को छोड़कर हर जगह मसलन कागज, कपड़े, सूट और साड़ी पर भी बनाई जाती है.
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#G20 | Shanti Devi, a Madhubani painting artist expresses India's #Chandrayaan victory through the famous #Madhubani art from #Bihar
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"जी20 बैठक के लिए सरकार ने मुझे बुलाया है. पहली बार हमने पेपर में चंद्रयान देखा था तो मन हुआ कि चंद्रयान को ही मधुबनी पेंटिंग के जरिये बनाते हैं. यहां आकर बहुत खुश हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की खुशी है. इंदिरा गांधी के साथ 1983 में कई बार विदेश भी गई हूं. भारत सरकार ने मुझे और मेरे पति को नेशनल अवार्ड भी दिया था"- शांति देवी, नेशनल अवार्ड विनर, मधुबनी पेंटिंग
कौन हैं शांति देवी?: शांति देवी बिहार के मधुबनी जिले के जितवारपुर की रहने वाली हैं. वह अपने पति शिवन पासवान के साथ 40 वर्षों से मधुबनी पेंटिंग की कला से जुड़ी हैं. 1984-85 में उनको और उनके पति को संयुक्त रूप से नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है.